कई राज्यों में SIR की डेडलाइन बढ़ सकती है, चुनाव आयोग ने मांगी विस्तृत रिपोर्ट

नई दिल्ली। विशेष सघन पुनरीक्षण SIR के तहत मतदाता सूची को अधिक सटीक और शुद्ध बनाने की प्रक्रिया पूरे देश में जारी है। इसी क्रम में चुनाव आयोग ने SIR में शामिल 12 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के मुख्य निर्वाचन पदाधिकारियों से अहम रिपोर्ट तलब की है। आयोग ने सभी राज्यों को निर्देश दिया है कि मसौदा मतदाता सूची जारी करने से पहले प्रत्येक बूथ पर पाए गए मृत, स्थानांतरित, अनुपस्थित और डुप्लीकेट मतदाताओं की सूची राजनीतिक दलों के बूथ लेवल एजेंटों से साझा की जाए।
बिहार की तर्ज पर जानकारी सार्वजनिक करने के निर्देश
आयोग ने आगे कहा कि बिहार में जिस प्रकार मृत, स्थानांतरित और अनुपस्थित मतदाताओं की सूची सीईओ और डीईओ की आधिकारिक वेबसाइटों पर अपलोड की गई थी, उसी प्रारूप में अन्य सभी राज्यों को भी यह जानकारी उपलब्ध करानी होगी। इससे राजनीतिक दलों और नागरिकों को तुरंत सुधार की प्रक्रिया में सहयोग मिल सकेगा।
उत्तर प्रदेश में डेडलाइन बढ़ाने पर गंभीरता
उत्तर प्रदेश की ओर से SIR के दौरान गणना फार्म जमा करने की अंतिम तारीख बढ़ाने के अनुरोध को चुनाव आयोग ने गंभीरता से लिया है। संकेत मिले हैं कि गणना फार्म जमा करने की समयसीमा एक सप्ताह के लिए बढ़ाई जा सकती है। इस पर अंतिम निर्णय आयोग गुरुवार को करेगा।
अगले साल चुनाव वाले राज्यों को राहत नहीं
आयोग से जुड़े वरिष्ठ अधिकारियों के अनुसार, अगले वर्ष जिन राज्यों में विधानसभा चुनाव प्रस्तावित हैं, उन्हें समय सीमा में छूट मिलने की संभावना कम है। बाकी राज्यों में SIR की समयसीमा बढ़ाने पर विचार किया जा सकता है। अभी केरल को छोड़कर सभी राज्यों में गणना फार्म भरने और जमा करने की अंतिम तिथि 11 दिसंबर निर्धारित है।
राज्यों को बूथ स्तर पर सख्त जांच के निर्देश
चुनाव आयोग ने सीईओ और डीईओ को निर्देश दिया है कि वे जिला स्तरीय राजनीतिक दलों के पदाधिकारियों से संवाद बढ़ाएं और उन्हें स्पष्ट रूप से बताएं कि यदि मृत, स्थानांतरित या अनुपस्थित मतदाताओं में किसी का नाम गलत शामिल कर दिया गया है, तो बूथ लेवल एजेंट तुरंत इसकी जानकारी संबंधित अधिकारियों को दें, ताकि समय रहते संशोधन किया जा सके।
पश्चिम बंगाल में नए मतदान केंद्रों पर विशेष जोर
आयोग ने पश्चिम बंगाल के सीईओ को निर्देश दिया है कि हाई राइज इमारतों और बड़ी सोसाइटियों में रहने वाले मतदाताओं की सुविधा को ध्यान में रखते हुए नए मतदान केंद्र स्थापित किए जाएं। साथ ही यह सुनिश्चित किया जाए कि किसी भी मतदान केंद्र पर 1200 से अधिक मतदाता न हों। आयोग ने पश्चिम बंगाल से 31 दिसंबर तक संशोधित मतदान केंद्रों की सूची सौंपने को कहा है।
चुनाव आयोग की इन तैयारियों का उद्देश्य आने वाले चुनावों से पहले मतदाता सूची को अधिक पारदर्शी, सटीक और त्रुटिरहित बनाना है।
