जेपी नड्डा बने WHO दक्षिण पूर्व एशिया क्षेत्रीय समिति के 77वें सत्र के अध्यक्ष
नई दिल्ली: राष्ट्रीय राजधानी में 7 से 9 अक्टूबर तक विश्व स्वास्थ्य संगठन के दक्षिण-पूर्व एशिया के लिए क्षेत्रीय समिति के 77वें सत्र की शुरुआत हुई। इस सत्र में भारत के स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा को अध्यक्ष के रूप में चुना गया। यह वार्षिक बैठक के दक्षिण-पूर्व एशिया क्षेत्र के शासी निकाय की बैठक है। इस क्षेत्र के 11 सदस्य देशों में भारत के साथ-साथ बांग्लादेश, भूटान, उत्तर कोरिया, इंडोनेशिया, मालदीव, म्यांमार, नेपाल, श्रीलंका, थाईलैंड और तिमोर-लेस्ते शामिल हैं।
इन देशों के स्वास्थ्य मंत्री और प्रतिनिधि सुलभ सार्वजनिक स्वास्थ्य से संबंधित प्राथमिकताओं और कार्यों पर विचार करने के लिए दिल्ली पहुंचे हैं। WHO के दक्षिण-पूर्व एशिया क्षेत्र में दुनिया की एक चौथाई से अधिक आबादी रहती है, लगभग दो अरब लोगों के लिए यह संगठन एक बेहतर और स्वस्थ भविष्य बनाने के लिए काम कर रहा है। WHO इस क्षेत्र के सदस्य देशों के साथ मिलकर महामारी और जनसांख्यिकीय चुनौतियों का समाधान करने के लिए निरंतर प्रयासरत है। WHO की शेफ़ डे कैबिनेट रजिया पेंडसे ने क्षेत्र की चुनौतियों को उजागर किया, जिनमें गैर-संचारी रोगों और मानसिक स्वास्थ्य के बढ़ते मुद्दे, नवजात शिशुओं और 5 साल से कम उम्र के बच्चों की मृत्यु दर में कमी, रोगाणुरोधी प्रतिरोध का खतरा और तपेदिक का निरंतर बोझ शामिल हैं।
अपने उद्घाटन भाषण में, जेपी नड्डा ने कहा कि स्वास्थ्य सीमाओं से परे है और इसके लिए एक समग्र और सहयोगात्मक दृष्टिकोण की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि एक-दूसरे की सफलताओं और चुनौतियों से सीखकर, क्षेत्र के देश अपनी स्वास्थ्य प्रणालियों को अधिक लचीला बना सकते हैं। WHO दक्षिण-पूर्व एशिया की क्षेत्रीय निदेशक साइमा वाजेद ने भी क्षेत्रीय रोडमैप के महत्व पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि यह रोडमैप सभी देशों और लोगों के लिए है और इसमें असहाय, अनाथ, विकलांग और बुजुर्गों की सुरक्षा का कर्तव्य शामिल है। साइमा वाजेद के नेतृत्व में WHO SEARO ने एक तकनीकी कार्यक्रम और सामरिक दृष्टिकोण प्राथमिकताएं पेश की हैं, जिनमें महामारी की तैयारी, संसाधन जुटाने, जलवायु परिवर्तन और सार्वभौमिक स्वास्थ्य कवरेज शामिल हैं।
तीन दिन चलने वाली इस बैठक में इन महत्वपूर्ण मुद्दों पर गहराई से चर्चा की जाएगी। नड्डा ने कहा कि हमें दक्षिण-पूर्व एशिया के स्वास्थ्य परिदृश्य को बदलने के लिए सहयोग, नवाचार और एकजुटता का उपयोग करना चाहिए और सभी के लिए एक स्वस्थ और उज्जवल भविष्य बनाना चाहिए