17 सरकारी डॉक्टर प्राइवेट प्रैक्टिस में पाए गए लिप्त, डिप्टी सीएम ने प्रमुख सचिव को दिए कार्रवाई के निर्देश

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लखनऊ। प्रदेश के 17 सरकारी डाक्टर प्राइवेट प्रैक्टिस करने में लिप्त पाए गए हैं। इन सभी के खिलाफ विभागीय कार्रवाई होगी। उप मुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक ने स्वास्थ्य विभाग के प्रमुख सचिव को प्राइवेट प्रैक्टिस में लिप्त पाए जाने वाले सभी डाक्टरों के खिलाफ कार्रवाई करने के निर्देश दिए हैं। ब्रजेश पाठक ने सरकारी डॉक्टरों द्वारा प्राइवेट प्रैक्टिस किए जाने पर नाराजगी जताई है।
सरकारी अस्पतालों के डाक्टरों को प्राइवेट प्रैक्टिस करने की इजाजत नहीं है। डाक्टर प्राइवेट प्रैक्टिस न करें इसके लिए सरकार डाक्टरों को उनके वेतन के साथ हर महीने नान प्रैक्टिसिंग एलाउंस (एनपीए) दे रही है। डाक्टरों को हर महीने मूल वेतन का 20 प्रतिशत एनपीए दिया जाता है। वेतन के साथ एनपीए पाने के बाद भी तमाम डाक्टर प्राइवेट प्रैक्टिस से बाज नहीं आ रहे हैं।
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