जम्मू से चार धाम जाने वाले 60 फीसदी यात्रियों ने कैंसिल कराई बुकिंग

जम्मू से चार धाम जाने वाले 60 फीसदी यात्रियों ने कैंसिल कराई बुकिंग
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जम्मू से चार धाम जाने वाले 60 फीसदी यात्रियों ने बुकिंग कैंसिल कराई है। यात्रा उद्योग से जुड़े कारोबारियों का कहना है कि उत्तराखंड जाने वाले यात्रियों की संख्या में गिरावट आई है। इसके साथ ही ऑपरेशन सिंदूर के दौरान तुर्किए के पाक को समर्थन से पर्यटकों का दिल टूट गया है। जम्मू वालों ने तुर्किए और बाकू की बुकिंग भी कैंसिल कराई है।

बॉर्डर पार से अनिश्चितता भरे हालात को देखते हुए अभी जम्मू से चार धाम यात्रा पर जाने वाले लगभग 60 फीसदी श्रद्धालुओं ने अपनी बकिंग कैंसिल करा दी है। इन लोगों ने समूह में प्री-बुकिंग कराई थी। लोकल में भी श्रद्धालु केवल कटड़ा का रुख कर रहे हैं।

टूर ऑपरेटर और एजेंट्स अभी वेट एंड वॉच की पॉलिसी अपना रहे हैं। उन्हें महीने भर में ये तस्वीर बदलने की उम्मीद है। पाकिस्तान की तरफ से लगातार हो रहे हमले को देखते हुए बाहर से आने वाले पर्यटकों ने जम्मू से मुंह मोड़ लिया था। लेकिन अब सीजफायर के बावजूद हालात में कोई खास तब्दीली नहीं आई है।

कमोवेश यही हाल जम्मू से चार धाम जाने वाले यात्रियों का भी है। यहां से अच्छी-खासी संख्या में अद्धालु चार धाम यात्रा के लिए उत्तराखंड का रुख करते थे, उनकी संख्या में काफी गिरावट है। हालांकि यह संख्या कितनी है, इसका अनुमान लगाना मुश्किल है, लेकिन दूर एंड ट्रेवल्स से जुड़े कारोबारियों की मानें तो यह 60 प्रतिशत से भी ज्यादा है।

जंग तो खत्म होने दीजिए

बेशक पहलगाम अटैक के कुछ दिन बाद पर्यटन विभाग ने अरु वैली, बेताब वैली और बायसरन को छोड़कर ममलेश्वर मंदिर जैसे कई पर्यटन स्थलों के खुले होने का जिक्र करते हुए पर्यटकों को आने की अपील की थी, लेकिन इसका कोई ज्यादा असर नहीं हुआ। उन स्थानों और वहां आने वाले यात्रियों की लेकर पूछे गए सवाल पर डायरेक्टर टूरिज्म (कश्मीर) रजा याकूब फारुक ने साफ कहा, पहले जंग तो खत्म हो जाने दीजिए।

छोटे बजट पैकेज दे रहे

हालात को देखते हुए जम्मू के स्थानीय दूर ऑपरेटर नजदीकी स्थानों जैसे हिमाचल आदि के छोटे बजट दूर पैकेज बना रहे हैं। डलहौजी, खजियार, चंबा जैसी जगहों को वे प्राथमिकता पर रख रहे हैं। ये अलग बात है कि इन पैकेजों का लाभउठाने के लिए भी ज्यादा पर्यटक आगे नहीं आ रहे। ये अभी हालात सही होने का इंतजार कर रहे हैं।

आंकड़ा देना मुश्किल, लेकिन खासी चोट

जम्मू में टूरिज्म सेक्टर को अच्छी चोट लगी है। चार धाम यात्रा पर जाने वाले यात्रियों की संख्या में भी खासी गिरावट आई है। हालांकि इसका कोई आंकड़ा नहीं दिया जा सकता। हमारा अपना हेलीकॉप्टर बुकिंग से जुड़ा काम है। 70 यात्रियों के एक ग्रुप ने हाल ही में बुकिंग कैंसिल कराई है। इसके अलावा देहरादून से 100 और 130 यात्रियों के ग्रुप ने अपनी बुकिंग कैंसिल की है।- राजेश गुप्ता, जम्मू टूरिज्म फेडरेशन

पहले वाली बात नहीं

बॉर्डर पार से हो रही गतिविधियों की वजह से शहर में जो हालात बने हैं, उनकी वजह से टूरिज्म सेक्टर को बड़ी मार पड़ी है। लोकल में यात्री केवल कटड़ा जा रहे हैं। कुछ यात्री हिमाचल और पंजाब से हैं, लेकिन पहले वाली बात नहीं। यहां महाराष्ट्र, पश्चिम बंगाल और गुजरात से बड़ी संख्या में श्रद्धालु आते हैं। अमरीक सिंह, अध्यक्ष, जम्मू एसोसिएशन ऑफ टूर ऑपरेटर्स

जम्मू वालों ने कैंसिल कराई तुर्किए और बाकू की बुकिंग

ऑपरेशन सिंदूर के दौरान तुर्किए के पाक को समर्थन से जम्मू वालों का दिल टूट गया है। इसी का नतीजा है कि जम्मू से टूरिज्म वेवसाइट्स के जरिए तुर्किए और बाकू की बुकिंग करने वालों ने अपनी सभी बुकिंग कैंसिल कर दी है।

मेक माई ट्रिप. कॉम के जम्मू लोकेशन हेड अभिमन्यु अरोरा ने बताया कि तुर्किए की भारत विरोधी गतिविधियों को देखते हुए भारत के लोगों ने उसका बायकॉट कर दिया है। देश भर से लोग वहां की बुकिंग कैंसिल कर रहे हैं।

तुर्किए और चीन के लिए होने वाली पूछताछ में भी कमी

वे बताते हैं कि उनके जरिए 22 लोगों ने तुर्किए और बाकू (अजरबैजान) के लिए बुकिंग कराई थी, लेकिन अब सभी ने अपनी बुकिंग कैंसिल करा दी है। यहां तक कि इन जगहों के लिए की जाने वालों के पूछताछ में भी कमी आई है।

अभिमन्यु बताते हैं कि तुर्किए और बाकू के लिए आम दिनों की अपेक्षा महज 20-25 फीसदी लोग ही पूछताछ कर रहे हैं, जबकि चीन के पैकेज के लिए होने वाली पूछताछ महज 15 प्रतिशत रह गई है। वे कहते हैं कि चीन के लिए डायरेक्ट फ्लाइट बंद है और वहां जाने के इच्छुक सिंगापुर आदि जगहों से होकर जा सकते हैं, लेकिन अब यहां की बुकिंग नहीं मिल रही।

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