दिल्ली एयरपोर्ट पर कार्रवाई: विदेशी प्रोफेसर वीजा उल्लंघन में डिपोर्ट

नई दिल्ली लंदन विश्वविद्यालय के स्कूल ऑफ ओरिएंटल एंड अफ्रीकन स्टडीज से जुड़ी प्रोफेसर फ्रांसेस्का ऑर्सिनी को वीजा नियमों के उल्लंघन के आरोप में दिल्ली के इंदिरा गांधी एयरपोर्ट से वापस भेज दिया गया। न्यूज एजेंसी पीटीआई ने सरकारी सूत्रों के हवाले से बताया क यह कार्रवाई सोमवार को की गई जब वह हॉन्ग कॉन्ग से भारत पहुंची थीं।
गृह मंत्रालय के एक अधिकारी ने बताया, “फ्रांसेस्का ऑर्सिनी टूरिस्ट वीजा पर थीं, लेकिन उन्होंने बार-बार वीजा शर्तों का उल्लंघन किया।” इस सूत्र ने बताया कि उन्हें मार्च 2025 से ब्लैकलिस्ट किया गया। अधिकारी के मुताबिक, “यह एक सामान्य अंतरराष्ट्रीय प्रथा है कि वीजा शर्तों का उल्लंघन करने वाले व्यक्ति को ब्लैकलिस्ट किया जा सकता है।”
ऑर्सिनी हिंदी भाषा और साहित्य की प्रख्यात जानकार मानी जाती हैं और उन्हें अपनी किताब “द हिंदी पब्लिक स्फेयर 1920-1940: लैंग्वेज एंड लिटरेचर इन द एज ऑफ नेशनलिज्म के लिए जाना जाता है। उन्हें डिपोर्ट किए जाने की घटना पर इतिहासकार और लेखक रामचंद्र गुहा ने कहा, “फ्रांसेस्का ऑर्सिनी भारतीय साहित्य की महान ज्ञाता हैं। उनके कार्यों ने हमारी सांस्कृतिक विरासत को बेहतर ढंग से समझने में मदद की है। बिना कारण उन्हें देश से डिपोर्ट करना एक असुरक्षित और मूर्खतापूर्ण कदम है।”
इतिहासकार मुकुल केशवन ने भी सरकार की आलोचना करते हुए कहा, “यह विडंबना है कि जो सरकार हिंदी को बढ़ावा देने का दावा करती है, उसने एक हिंदी विद्वान को प्रतिबंधित कर दिया है।” सूत्रों के मुताबिक, ऑर्सिनी ने आखिरी बार अक्तूबर 2024 में भारत का दौरा किया था।
