डीजीसीए से एयर इंडिया पायलट संगठन की गुहार: FRMS सर्कुलर टालने की मांग

नई दिल्ली एयर इंडिया के पायलटों के संगठन इंडियन कमर्शियल पायलट्स एसोसिएशन (आईसीपीए) ने मंगलवार को नागर विमानन महानिदेशालय (डीजीसीए) से अपील की कि वह थकान जोखिम प्रबंधन प्रणाली (एफआरएमएस) पर जारी किए गए नए ऑपरेशनल सर्कुलर को फिलहाल टाल दे और इस पर पायलट संगठनों तथा अन्य हितधारकों से विस्तृत चर्चा करे।
आईसीपीए ने कहा कि वह डीजीसीए की पहल की सराहना करता है, जिसका उद्देश्य भारत की थकान प्रबंधन प्रणाली को अंतरराष्ट्रीय नागरिक उड्डयन संगठन (आईसीएओ) के मानकों के अनुरूप बनाना है। लेकिन भारत की संचालन संबंधी चुनौतियां, संस्कृति से जुड़ी अलग परिस्थितियां, और न्यायालय में चल रहे मामले यह मांग करते हैं कि मौजूदा फ्लाइट ड्यूटी टाइम लिमिटेशन (एफडीटीएल) नियमों से सीधे एफआरएमएस प्रणाली में जाने से पहले बेहद सावधानी बरती जाए।
क्या है एफआरएमएस और क्यों विवाद हो रहा है?
डीजीसीए ने 4 सितंबर को जारी अपने सर्कुलर में एफआरएमएस को लागू करने की रूपरेखा दी थी। इसमें वैज्ञानिक और डेटा आधारित तरीकों से पायलटों की थकान का आकलन करने और उड़ानों की सुरक्षा बढ़ाने की बात कही गई थी। यह मौजूदा एफडीटीएल नियमों के साथ मिलकर काम करेगा, जिनमें पहले से ही कुछ सुधार किए जा चुके हैं। नए एफडीटीएल नियमों में, पायलटों के साप्ताहिक विश्राम का समय 48 घंटे किया गया है। रात के समय की अवधि बढ़ाई गई है। एक सप्ताह में नाइट लैंडिंग की सीमा छह से घटाकर दो कर दी गई है।
थकान का मुद्दा क्यों गंभीर है?
हाल के महीनों में पायलटों की थकान का मुद्दा बेहद संवेदनशील बन गया है। इस साल एयर इंडिया एक्सप्रेस के दो पायलटों की मौत हो चुकी है। हाल ही में इंडिगो और एयर इंडिया के दो पायलट उड़ान से ठीक पहले कॉकपिट में बेहोश होकर गिर पड़े, जिससे चिंता और बढ़ गई। इसे लेकर डीजीसीए ने एफआरएमएस पर मसौदा नियम जारी किए और 15 सितंबर तक सभी पक्षों से सुझाव मांगे थे।
पायलट संगठन की प्रमुख मांगें
आईसीपीए का कहना है कि- एफआरएमएस को ऑपरेशनल सर्कुलर के जरिए लागू करने के बजाय इसे नागरिक उड्डयन आवश्यकताएं (सीएआर) के माध्यम से लागू किया जाए, ताकि यह कानूनी रूप से मजबूत हो। एयरलाइंस में बनने वाले थकान सुरक्षा कार्रवाई समूह (एफएसएजी) में पायलटों की कम से कम 50% हिस्सेदारी होनी चाहिए। बिना मजबूत सुरक्षा तंत्र और स्वतंत्र निगरानी के एफआरएमएस लागू करने से दुरुपयोग की आशंका बढ़ सकती है। एफआरएमएस को लागू करने से पहले विस्तृत चर्चा, साझा डेटा, और स्पष्ट प्रवर्तन प्रक्रिया अनिवार्य होनी चाहिए।
अन्य संगठनों का समर्थन
आईसीपीए से पहले फेडरेशन ऑफ इंडियन पायलट्स (एफआईपी) और एयरलाइन पायलट्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया (एएलपीए इंडिया) भी डीजीसीए को अपने सुझाव भेज चुके हैं। इन दोनों संगठनों ने भी लगभग समान मांगें की हैं और एफआरएमएस मसौदे को वापस लेने की सिफारिश की है।
