अमित शाह का ऐलान, कहा: अगले डीजीपी–आईजी सम्मेलन से पहले भारत नक्सलवाद से पूरी तरह मुक्त होगा।

अमित शाह का ऐलान, कहा: अगले डीजीपी–आईजी सम्मेलन से पहले भारत नक्सलवाद से पूरी तरह मुक्त होगा।
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देश की आंतरिक सुरक्षा से जुड़े सबसे महत्वपूर्ण कार्यक्रम 60वें अखिल भारतीय डीजीपी–आईजी कॉन्फ्रेंस की शुरुआत आज IIM नवा रायपुर में हुई। तीन दिनों तक चलने वाले इस राष्ट्रीय सम्मेलन में देशभर की सुरक्षा चुनौतियों पर गहन चर्चा हो रही है।

पहले दिन की मुख्य बातें

गृहमंत्री अमित शाह के आगमन के साथ सम्मेलन की औपचारिक शुरुआत हुई। वे सभी आठों सत्रों में मौजूद रहेंगे, जबकि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी छह बड़े सत्रों में सीधे शीर्ष पुलिस अधिकारियों से संवाद करेंगे।

कार्यक्रम के शुरुआती क्षणों में

– आईबी के वरिष्ठ अधिकारियों ने स्वागत संबोधन दिया

– उत्कृष्ट सेवा देने वाले अधिकारियों को मेडल प्रदान किए गए

– अमित शाह ने देश के तीन सर्वश्रेष्ठ पुलिस थानों को सम्मानित किया और दस अन्य श्रेष्ठ थानों की सूची जारी की

अपने संबोधन में अमित शाह ने कहा—

“अगले डीजीपी–आईजी सम्मेलन तक देश नक्सलवाद से पूरी तरह मुक्त हो जाएगा। सरकार अंतिम मुकाम तक पहुंच चुकी है।”

इसके साथ उन्होंने उभरते आंतरिक खतरों, पुलिसिंग में टेक्नोलॉजी के उपयोग और नवाचार की जरूरत पर जोर दिया।

पहले दिन के महत्वपूर्ण सत्र

वामपंथी उग्रवाद पर लंबी रणनीति:

नक्सल प्रभावित इलाकों में स्थायी समाधान और डेवलपमेंट-ड्रिवन पुलिसिंग पर विस्तृत चर्चा हुई।

आपदा प्रबंधन और नागरिक सुरक्षा:

पुलिस व एजेंसियों की क्षमता बढ़ाने पर जोर।

रात का ओपन डायलॉग सत्र:

गृह सचिव ने पूरे देश से आए अधिकारियों से खुलकर बातचीत की।

विभिन्न राज्यों के प्रतिनिधिमंडलों ने अगले दिन की प्रस्तुतियों को लेकर समूह-चर्चाएँ कीं।

कौन-कौन पहुंचे सम्मेलन में

सम्मेलन में देश की लगभग सभी शीर्ष सुरक्षा एजेंसियों के प्रमुख मौजूद हैं। इनमें

– एनएसए अजीत डोभाल

– रॉ प्रमुख

– आईबी निदेशक तपन डेका

– बीएसएफ डीजी दलजीत सिंह चौधरी

– आईटीबीपी डीजी प्रवीण कुमार

– जम्मू-कश्मीर डीजी नलिन प्रभात

– असम डीजी हरमीत सिंह

सहित केंद्रीय व राज्य पुलिस संगठनों के वरिष्ठ अधिकारी शामिल हैं।

इसके अलावा गृह मंत्रालय, राज्यों के गृह विभागों, CAPF, CPOs और इंटेलिजेंस विंग के शीर्ष अधिकारी लगातार IIM नवा रायपुर पहुंच रहे हैं।

आगे क्या होगा—अगले दो दिन

आने वाले सत्रों में इन मुद्दों पर हाई-लेवल चर्चा होगी—

– आतंकवाद-रोधी रणनीतियाँ

– सीमा सुरक्षा और घुसपैठ रोकथाम

– बढ़ते साइबर खतरे

– अपराध नियंत्रण में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का उपयोग

– ‘विकसित भारत’ की सुरक्षा संरचना

सम्मेलन का फोकस यह है कि 2047 तक भारत को दुनिया के सबसे सुरक्षित और सक्षम आंतरिक सुरक्षा ढांचे वाले देशों में शामिल किया जाए।

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