अमित शाह का बयान,अपशब्दों से नहीं चलेगी राजनीति, जनता देगी करारा जवाब

नई दिल्ली केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा है कि राजनीति में अपशब्दों का इस्तेमाल लोकतंत्र को कमजोर करता है और जनता को ऐसे नेताओं को चुनाव के जरिए सबक सिखाना चाहिए। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ अपमानजनक भाषा के इस्तेमाल को दुर्भाग्यपूर्ण बताया और कहा कि विपक्ष अब संसद जैसे संवैधानिक मंच की बजाय सड़क पर बहस करना चाहता है।
अमित शाह ने एक इंटरव्यू में कहा कि जब विपक्ष को मोदी सरकार में भ्रष्टाचार का कोई सबूत नहीं मिलता, तो वह गाली-गलौज पर उतर आता है। उन्होंने याद दिलाया कि यहां तक कि प्रधानमंत्री मोदी की दिवंगत मां को भी अपमानित किया गया। शाह ने जनता से अपील की कि ऐसे नेताओं को वोट की ताकत से बाहर का रास्ता दिखाएं।
संसद में हंगामे पर नाराजगी
गृह मंत्री ने संसद में विपक्षी दलों के रवैये को भी कठघरे में खड़ा किया। उन्होंने कहा कि संसद देश की सबसे बड़ी चर्चा का जगह है, लेकिन विपक्ष शुरुआत से अंत तक केवल हंगामा करता है और फिर कहता है कि उन्हें बोलने का मौका नहीं मिला। शाह के मुताबिक संसद कोई फ्री-स्टाइल मुकाबला नहीं है, बल्कि इसमें नियम और अनुशासन का पालन जरूरी है।
मोदी सरकार की उपलब्धियां
शाह ने मोदी सरकार की उपलब्धियों का जिक्र करते हुए कहा कि अनुच्छेद 370 हटाना देश की सुरक्षा और आतंकवाद पर कड़ा प्रहार था। उन्होंने कहा कि इससे दुनिया को स्पष्ट संदेश गया कि कश्मीर भारत का अभिन्न हिस्सा है। साथ ही कोविड-19 से लड़ाई में केंद्र, राज्य और जनता के सहयोग से भारत ने बड़ी सफलता हासिल की।
विदेश नीति और सुरक्षा पर बयान
अमित शाह ने कहा कि ऑपरेशन सिंदूर में पाकिस्तान स्थित आतंकी ठिकानों को खत्म कर भारत ने पूरी दुनिया को चौंका दिया। यह सब केवल मजबूत नेतृत्व की वजह से संभव हुआ। उन्होंने मोदी को ऐसा नेता बताया जिनकी नीतियों ने भारत को वैश्विक मंच पर नई पहचान दी।
कर सुधार और जनता का विश्वास
गृह मंत्री ने जीएसटी सुधारों की तारीफ करते हुए कहा कि आज़ादी के बाद पहली बार इतना बड़ा टैक्स कटौती का कदम उठाया गया है। मोदी सरकार ने जनता में यह विश्वास जगाया है कि टैक्स से होने वाली कमाई जनता के भले में लगाई जाएगी। शाह ने कहा कि मोदी का जीवन पूरी तरह देश और जनता की सेवा के लिए समर्पित है।
