प्यार की क्रूरता:: एक और नृशंस हत्या, गन्ने के खेत में मिला नर्स का शव,समाज में बढ़ती हैवानियत

मुरादाबाद: प्रेम, विश्वास और रिश्ते की पवित्रता पर एक बार फिर से क्रूरता हावी हो गई है। मुरादाबाद के बिलारी क्षेत्र में एक महिला नर्स की उसके ही प्रेमी द्वारा गला दबाकर हत्या कर दी गई। नर्स नसरीन का शव कुंदरकी के गन्ने के खेत में बरामद हुआ है। यह घटना सिर्फ एक व्यक्तिगत त्रासदी नहीं है, बल्कि समाज में लगातार बढ़ रही नृशंस हत्याओं की श्रृंखला का एक और भयावह उदाहरण है।
शादी का दबाव बना मौत का कारण
पुलिस के अनुसार, 24 वर्षीय नसरीन का कुंदरकी क्षेत्र के गौसे आलम से प्रेम प्रसंग चल रहा था। नसरीन, जो कि एक स्वास्थ्यकर्मी थी, अपने प्रेमी पर शादी करने का दबाव बना रही थी। लेकिन गौसे आलम इस रिश्ते को आगे नहीं बढ़ाना चाहता था। इसी बात पर दोनों के बीच अक्सर अनबन होती थी। 24 अगस्त को नसरीन अपने क्लीनिक के लिए निकली थी, लेकिन वापस नहीं लौटी। जब परिजनों ने उसकी गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज कराई तो पुलिस ने जांच शुरू की।
मोबाइल की कॉल डिटेल रिकॉर्ड (सीडीआर) ने पुलिस को गौसे आलम तक पहुंचाया। हिरासत में लिए जाने के बाद उसने अपना गुनाह कबूल कर लिया। उसने बताया कि नसरीन के साथ हुए विवाद के बाद उसने गला दबाकर उसकी हत्या कर दी और शव को गांव रुपपुर के गन्ने के खेत में फेंक दिया। यह मामला उन तमाम घटनाओं की याद दिलाता है जहां प्यार में धोखा मिलने या शादी से इनकार करने पर प्रेमी-प्रेमिका खूनी दरिंदे बन जाते हैं।
बढ़ती नृशंस हत्याएं: क्या समाज संवेदनहीन हो रहा है?
हाल के दिनों में इस तरह की नृशंस हत्याओं की संख्या में लगातार इजाफा हो रहा है। श्रद्धा वॉकर, निकिता तोमर, और अब नसरीन... इन सभी मामलों में एक ही पैटर्न देखने को मिलता है - प्रेम में विश्वासघात, बेवफाई, और फिर बर्बर हत्या। ये घटनाएं दर्शाती हैं कि हमारे समाज में रिश्तों की मर्यादा और मानवीय संवेदनाएं किस हद तक खत्म हो रही हैं।
युवा पीढ़ी में बढ़ता गुस्सा और सहनशीलता की कमी, रिश्तों में सिर्फ स्वार्थ की भावना, और नैतिक मूल्यों का ह्रास इन हत्याओं के पीछे के कुछ प्रमुख कारण हैं। प्रेम अब सिर्फ एक भावना नहीं रह गया है, बल्कि एक सौदा बन गया है। जब यह सौदा टूटता है, तो उसका अंत अक्सर खूनी होता है।
पुलिस और प्रशासन की चुनौती
पुलिस ने भले ही इस मामले में आरोपी को जल्द गिरफ्तार कर लिया हो, लेकिन यह एक बड़ी चुनौती को सामने लाता है। आज के समय में हर छोटी-बड़ी बात पर हिंसा का सहारा लिया जा रहा है। रिश्तों को खत्म करने के लिए हत्या जैसा जघन्य अपराध करना अब आम होता जा रहा है। इस प्रवृत्ति को रोकने के लिए सिर्फ कानून और पुलिस की कार्रवाई ही काफी नहीं है, बल्कि समाज को भी अपनी जिम्मेदारी समझनी होगी।
यह समय है कि हम सब मिलकर इन बढ़ती हुई हिंसक प्रवृत्तियों पर चिंतन करें। बच्चों को बचपन से ही रिश्तों की अहमियत, सम्मान और सहनशीलता के बारे में सिखाना जरूरी है। जब तक हम समाज के रूप में यह स्वीकार नहीं करेंगे कि प्रेम में असफलता का मतलब जीवन का अंत नहीं है, तब तक ऐसी नृशंस घटनाएं होती रहेंगी। नसरीन की मौत एक चेतावनी है, जिसे नजरअंदाज करना हमारे समाज के लिए घातक साबित हो सकता है।
