संसद के आगामी सत्र के लिए भाजपा ने बनाई रणनीति, राजनाथ सिंह के आवास पर अमित शाह-जेपी नड्डा समेत नेताओं ने किया मंथन

संसद के आगामी सत्र के लिए भाजपा ने बनाई रणनीति, राजनाथ सिंह के आवास पर अमित शाह-जेपी नड्डा समेत नेताओं ने किया मंथन
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नई दिल्ली |संसद का मानसून सत्र 21 जुलाई से शुरू हो रहा है। इसे लेकर सभी पार्टियां अपनी-अपनी रणनीति बनाने में जुटी हुई हैं। इस कड़ी में आज भाजपा नेताओं ने रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के आवास पर आगामी सत्र को लेकर मंथन किया और तमाम मुद्दों पर चर्चा की है।

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के आवास पर भाजपा नेताओं ने एक रणनीतिक बैठक की। जिसमें केंद्रीय मंत्री अमित शाह, पीयूष गोयल, किरेन रिजिजू, मनोहर लाल, जेपी नड्डा, एल. मुरुगन, अर्जुन राम मेघवाल और सीआर पाटिल समेत कई नेता शामिल हुए। इस दौरान पार्टी नेतृत्व ने आगामी संसद सत्र से संबंधित कई मुद्दों पर चर्चा की। बता दें कि संसद का मानसून सत्र 21 जुलाई से शुरू होगा और 21 अगस्त तक चलेगा। जबकि, स्वतंत्रता दिवस समारोह को ध्यान में रखते हुए 13 और 14 अगस्त को कोई बैठक नहीं होगी।

कई मुद्दों पर सरकार ने बनाई रणनीति

रविवार को होने वाली पारंपरिक सर्वदलीय बैठक के साथ, माना जा रहा है कि मंत्रिसमूह ने बिहार में मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर), पहलगाम हमले और ऑपरेशन सिंदूर सहित कई मुद्दों पर विपक्ष द्वारा उठाए जा रहे हंगामे के बीच, प्रासंगिक मुद्दों पर सरकार के रुख पर रणनीति बनाई। इस बैठक के एजेंडे पर कोई आधिकारिक टिप्पणी नहीं की गई है।

मानसून सत्र के हंगामेदार रहने के आसार

पहलगाम आतंकी हमले और ऑपरेशन सिंदूर के बाद आयोजित होने वाले इस पहले सत्र के हंगामेदार रहने के आसार हैं। आगामी सत्र के दौरान सरकार इलाहाबाद हाईकोर्ट के न्यायाधीश यशवंत वर्मा के खिलाफ महाभियोग प्रस्ताव लाने की भी तैयारी में है। इससे पहले संसद का बजट सत्र दो हिस्सों में आयोजित किया गया था। पहला सत्र 31 जनवरी को शुरू हुआ था और 13 फरवरी तक चला। वहीं संसद के बजट सत्र का दूसरा भाग 10 मार्च को शुरू हुआ था और 4 अप्रैल को अनिश्चितकाल के लिए स्थगित हो गया था।

संसद सत्र में विपक्ष उठा सकता है ये मुद्दे

बता दें कि, विपक्ष संसद में एसआईआर और ऑपरेशन सिंदूर जैसे मुद्दों पर बहस की मांग कर रहा है। कांग्रेस, समाजवादी पार्टी और तृणमूल कांग्रेस जैसे प्रमुख विपक्षी दलों ने आरोप लगाया है कि अन्य राज्यों में लागू होने वाले एसआईआर का उद्देश्य भाजपा को लाभ पहुँचाना है। उन्होंने मोदी सरकार पर हमला करने के लिए अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प के भारत और पाकिस्तान के बीच युद्धविराम में मध्यस्थता करने के दावे का भी सहारा लिया है। सरकार ने ट्रंप के दावे को खारिज कर दिया है, लेकिन विपक्ष बहस पर जोर दे रहा है और इस मुद्दे पर संसद का विशेष सत्र बुलाने की भी मांग कर रहा है। सरकार ने ऑपरेशन सिंदूर को एक बड़ी सफलता बताया है, जिसने पाकिस्तान में आतंकी ठिकानों और सैन्य ठिकानों को भारी नुकसान पहुंचाया।

ये विधेयक हो सकते हैं संसद में पेश

संसद के आगामी सत्र में सरकार मणिपुर वस्तु एवं सेवा कर (संशोधन) विधेयक 2025, जन विश्वास (प्रावधानों में संशोधन) विधेयक 2025, भारतीय संस्थान प्रबंधन (संशोधन) विधेयक 2025, कराधान विधि (संशोधन) विधेयक 2025, भू-विरासत स्थल एवं भू-अवशेष (संरक्षण एवं रखरखाव) विधेयक 2025, खान एवं खान (विकास एवं विनियमन) संशोधन विधेयक 2025, राष्ट्रीय खेल प्रशासन विधेयक 2025 और राष्ट्रीय डोपिंग रोधी (संशोधन) विधेयक 2025 को लोकसभा में पेश और पारित करा सकती है। साथ ही गोवा राज्य के विधानसभा क्षेत्रों में अनुसूचित जनजातियों के प्रतिनिधित्व का पुनर्समायोजन विधेयक 2024, मर्चेंट शिपिंग विधेयक 2024, भारतीय बंदरगाह विधेयक 2025 और आयकर विधेयक 2025 को भी लोकसभा में पारित किए जाने की उम्मीद है।

संसद के बजट सत्र में कितना काम हुआ?

बता दें कि अप्रैल में खत्म हुए संसद के बजट सत्र के दौरान लोकसभा की उत्पादकता लगभग 18 फीसदी रही थी। संसदीय कार्यमंत्री किरेन रिजिजू के मुताबिक राज्यसभा में भी भरपूर कामकाज हुआ और इस सदन की उत्पादकता 119 फीसदी रही। संसद के दोनों सदनों में 16 विधेयक पारित किए गए। इस सत्र के दौरान काफी हंगामा भी हुआ, लेकिन संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) की रिपोर्ट प्रस्तुत किए जाने के बाद, वक्फ (संशोधन) विधेयक, 2025 पारित किया गया।

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