उत्तर प्रदेश में फिर ट्रेन पलटाने की साजिश!:: कासगंज-कानपुर ट्रैक पर रखे अवरोधक, इंजन में फंसे, हादसा टला

कासगंज-कानपुर ट्रैक पर रखे अवरोधक, इंजन में फंसे, हादसा टला
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कासगंज-कानपुर रेलमार्ग पर शुक्रवार रात कासगंज से फर्रुखाबाद जा रही पैसेंजर ट्रेन के इंजन से पटरी पर रखा वजनी लकड़ी का टुकड़ा (लट्ठा) टकरा गया। करीब 550 मीटर घिसटने के बाद लट्ठा इंजन के अगले भाग में फंस गया। तेज आवाज होते ही चालक ने ट्रेन को रोक लिया। गनीमत रही कि कोई बड़ा हादसा नहीं हुआ।

सीनियर सेक्शन इंजीनियर रेलपथ ने अज्ञात पर मुकदमा दर्ज कराकर जांच शुरू की है। एक सप्ताह में कानपुर मंडल में दूसरा रेल हादसा हुआ है। विगत सप्ताह शुक्रवार को ही पनकी में बोल्डर से टकराकर साबरमती एक्सप्रेस की सभी बोगियां पटरी से उतर गई थीं। उस घटना की जांच अभी जारी है।

कासगंज से फर्रुखाबाद जा रही स्पेशल ट्रेन (05389) करीब सवा 11 बजे भटासा स्टेशन से निकलते ही किमी. संख्या 160 के पास पटरी पर रखे लकड़ी के मोटे टुकड़े से टकरा गई। करीब साढ़े चार फीट लंबे लट्ठे का वजन 35 किलो बताया गया।रात करीब सवा 12 बजे सेक्शन इंजीनियर रेलपथ जहीर अहमद, आरपीएफ प्रभारी थानाध्यक्ष अंकुश कुमार और इंजन विभाग के राजेश कुमार मौके पर पहुंचे। चालक दल ने टुकड़ा निकाल कर करीब 33 मिनट बाद ट्रेन रवाना की।

शनिवार सुबह आरपीएफ के सहायक सुरक्षा आयुक्त इज्जतनगर मोहम्मद तारिक अहमद ने जांच की। एसपी आलोक प्रियदर्शी ने घटनास्थल से 50 कदम दूर खेत में कटी पड़ी लटकी को भी देखा।आरपीएफ थाना प्रभारी अंकुश कुमार ने बताया कि प्रथम दृष्ट्या लग रहा है कि किसी व्यक्ति ने लकड़ी के टुकड़े को पार करते समय ट्रैक पर छोड़ दिया। इसी कारण यह दुर्घटना हो गई।सीनियर सेक्शन इंजीनियर रेलपथ ने अज्ञात के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया है। इसमें रेल यात्रियों के जानमाल का खतरा व ट्रेन संचालन में बाधा उत्पन्न करने का आरोप लगाया है। पुलिस ने मामले की जांच शुरू कर दी है। पुलिस को घटनास्थल से कुछ दूरी पर शराब की खाली बोतलें भी मिली हैं।

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