सीएम ममता बनर्जी के खिलाफ दर्ज नहीं होगा केस, मुंबई की अदालत ने खारिज की याचिका

मुंबई | महाराष्ट्र में पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी के खिलाफ धार्मिक भावनाओं को आहत करने का केस दर्ज नहीं किया जाएगा। मुंबई की एक अदालत ने एक वकील की ओर दायर की गई याचिका को खारिज कर दिया है। कोर्ट ने कहा कि मुकदमे के लिए सरकारी प्राधिकारी से मंजूरी नहीं मिली है। इसलिए ऐसा नहीं किया जा सकता।
मुंबई के एक वकील ने पिछले साल अदालत में याचिका दायर कर पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी के खिलाफ मामला दर्ज करने की मांग की थी। याचिका में कहा गया था कि उन्होंने बार-बार ऐसे बयान दिए हैं। इससे एक समुदाय की धार्मिक भावनाओं का अपमान हुआ। इन बयानों का इरादा अराजकता और सांप्रदायिक विद्वेष पैदा करना था।
याचिका में शिकायतकर्ता ने आरोप लगाया कि ममता बनर्जी ने पिछले साल नौ अगस्त को पश्चिम बंगाल के आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में एक ऑन-ड्यूटी डॉक्टर के साथ दुष्कर्म और हत्या के बाद हुई हिंसा के बाद घृणास्पद बयान दिया था।
इस पर अदालत ने माना कि भारतीय न्याय संहिता की धारा 196 (दो समूहों के बीच दुश्मनी को बढ़ावा देना), 299 (धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाना), 302 (धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने के इरादे से शब्द कहना) और अन्य के तहत अपराधों का संज्ञान केंद्र या राज्य सरकार की पूर्व मंजूरी के बिना नहीं लिया जा सकता। इसका भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता में जिक्र है।
न्यायिक मजिस्ट्रेट (गिरगांव अदालत) एसआर निमसे ने पिछले महीने पारित आदेश में कहा कि पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री के खिलाफ वर्तमान शिकायत में ऐसी कोई मंजूरी रिकॉर्ड में नहीं है। अदालत ने कहा कि इसलिए वह अपराध दर्ज करने का आदेश नहीं दे सकती और शिकायत खारिज कर दी।
