CDS ने कहा- भारत प्रगति पथ पर बढ़ रहा आगे, आत्मनिर्भरता-स्वदेशी रक्षा क्षमताएं स्थायी शांति की नींव

CDS ने कहा- भारत प्रगति पथ पर बढ़ रहा आगे, आत्मनिर्भरता-स्वदेशी रक्षा क्षमताएं स्थायी शांति की नींव
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भारत के चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल अनिल चौहान ने गुरुवार को कहा कि भारत प्रगति और समृद्धि के पथ पर आगे बढ़ रहा है, ऐसे में आत्मनिर्भरता और स्वदेशी रक्षा क्षमताएं स्थायी शांति की नींव हैं। उन्होंने कहा, 'आज भारत वैश्विक आशावाद के केंद्र में है। हम दुनिया की पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन गए हैं।'

'प्रगति और समृद्धि के पथ पर आगे बढ़ रहे हैं'

जनरल चौहान ने कहा, 'हम प्रगति और समृद्धि के पथ पर आगे बढ़ रहे हैं, ऐसे में हमारा मानना है कि आत्मनिर्भरता और स्वदेशी रक्षा क्षमताएं स्थायी शांति की नींव हैं।' चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ सेंटर फॉर ज्वाइंट वारफेयर स्टडीज और इंडियन मिलिट्री रिव्यू की तरफ से संयुक्त रूप से आयोजित एक सम्मेलन को संबोधित कर रहे थे।

'भारत ने सुधारों के माध्यम से अपने रक्षा उद्योग को खोला'

उन्होंने कहा, भारत के सुरक्षा परिदृश्य के लिए एक मजबूत और आत्मनिर्भर रक्षा क्षेत्र की आवश्यकता है। सीडीएस जनरल अनिल चौहान ने इस बात पर जोर दिया कि सभी हितधारकों को जोड़ने वाला एक सामान्य सूत्र 'राष्ट्रीय हित' है। उन्होंने कहा कि यदि राष्ट्रीय हित का बंधन सभी तत्वों को एक साथ नहीं बांधता है तो स्वदेशीकरण का पूरा उपक्रम सफल नहीं होगा। चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ ने रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भरता को बढ़ावा देने के लिए पिछले कुछ वर्षों में सरकार की तरफ से शुरू की गई कई पहलों पर भी प्रकाश डाला। उन्होंने कहा, 'भारत ने सुधारों के माध्यम से अपने रक्षा उद्योग को खोल दिया है। इसने इसे निजी उद्योग, संयुक्त उपक्रम, एफडीआई आदि के लिए खोल दिया है। लेकिन, हमें अभी भी अपने दिमाग को पूरी तरह से खोलना बाकी है।'

हमें '4आई' को आत्मसात करना होगा- सीडीएस

जनरल चौहान ने कहा, 'वास्तव में सफल होने के लिए, हमें '4आई' को आत्मसात करना होगा और अभिनव, आविष्कारशील, स्वदेशी और कल्पनाशील बनना होगा।' उन्होंने अंतरिक्ष, एआई, क्वांटम और स्वायत्त प्रणालियों जैसी उभरती प्रौद्योगिकियों में रक्षा नीतियों के निर्माण का सुझाव दिया जो उद्योग को दिशा प्रदान करती हैं कि सेना भविष्य को कैसे देखती है।

दो दिवसीय कार्यक्रम को सीडीएस ने किया संबोधित

200 से अधिक कंपनियां और रक्षा मंत्रालय और सशस्त्र बलों के 100 अधिकारी, जो प्रौद्योगिकी और खरीद से संबंधित हैं, दो दिवसीय कार्यक्रम में भाग ले रहे हैं। इस कार्यक्रम का उद्देश्य सरकार और व्यावसायिक हितधारकों को एक साथ लाना तथा लक्षित व्यापार-से-सरकार (बी2जी) और व्यापार-से-व्यापार (बी2बी) बैठकों की एक श्रृंखला के माध्यम से रणनीतिक जुड़ाव को सुविधाजनक बनाना है। इस कार्यक्रम के दौरान, 75 कंपनियों की तरफ से एक प्रदर्शनी का आयोजन किया जा रहा है, जिसमें दिखाया जाएगा कि देश की रक्षा क्षमताओं के निर्माण के लिए उद्योग क्या पेशकश कर सकता है।

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