कुत्तों के काटने से मौतों के बढ़ते मामले, कर्नाटक ने मुआवजा दिया, सुप्रीम कोर्ट ने राज्यों को सख्त निर्देश

कुत्तों के काटने से मौतों के बढ़ते मामले, कर्नाटक ने मुआवजा दिया, सुप्रीम कोर्ट ने राज्यों को सख्त निर्देश
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देश में आवारा कुत्तों के काटने की घटनाएं और इससे फैलने वाली रेबीज की बीमारी लगातार चिंता का विषय बनी हुई हैं। इस पर हाल ही में कई राज्यों और केंद्रीय नेताओं ने गंभीर कदम उठाने की बात कही है, तो सुप्रीम कोर्ट ने भी सभी राज्यों को कड़े निर्देश जारी किए हैं।

कर्नाटक सरकार ने मुआवजे की घोषणा की

कर्नाटक सरकार ने आवारा कुत्ते के काटने से मौत होने पर मृतक के परिवार को 5 लाख रुपये की अनुदान राशि देने की घोषणा की है। वहीं, गंभीर रूप से घायल होने वाले पीड़ितों को 5,000 रुपये की सहायता दी जाएगी। इसमें 3,500 रुपये सीधे पीड़ित को और 1,500 रुपये इलाज के लिए सुवर्ण आरोग्य सुरक्षा ट्रस्ट को दिए जाएंगे। सरकार ने स्पष्ट किया है कि यह सहायता उन मामलों में दी जाएगी जहां कुत्ते ने त्वचा में छेद किया हो, गहरी चोट पहुंचाई हो, फटने वाली चोट हुई हो या एक साथ कई जगह काटा हो। यह कदम आवारा कुत्तों से उत्पन्न खतरे को कम करने के लिए उठाया गया है और इससे प्रभावित लोगों को वित्तीय राहत मिलेगी।

तमिलनाडु में डराने वाले आंकड़े

पूर्व केंद्रीय गृह मंत्री और वरिष्ठ कांग्रेस नेता पी. चिदंबरम ने तमिलनाडु में आवारा कुत्तों के काटने की घटनाओं पर गंभीर चिंता जताई है। उन्होंने बताया कि इस साल अब तक राज्य में करीब 5.25 लाख लोग कुत्तों के काटने का शिकार हो चुके हैं और रेबीज से 28 लोगों की मौत हो चुकी है। चिदंबरम ने सोशल मीडिया पर लिखा कि कुत्तों से प्रेम करना जायज है, लेकिन इन डराने वाले आंकड़ों को भी नजरअंदाज नहीं किया जा सकता। उन्होंने कहा कि कुत्ता प्रेमी होने का मतलब यह नहीं कि हम आवारा कुत्तों को पकड़ने, नसबंदी करने और टीका लगाने के प्रयासों का विरोध करें।

सुप्रीम कोर्ट ने राज्यों को सख्त निर्देश दिए

इस बीच, सुप्रीम कोर्ट ने सभी राज्यों को आदेश दिया है कि वे सार्वजनिक स्थानों से आवारा कुत्तों को तुरंत हटाएं और लोगों की सुरक्षा सुनिश्चित करें। कोर्ट ने स्पष्ट किया है कि राज्य सरकारें आवारा कुत्तों की संख्या नियंत्रित करने के लिए नसबंदी, टीकाकरण और सुरक्षित पुनर्वास की व्यवस्था करें। अदालत ने चेतावनी दी है कि अगर इस दिशा में उचित कदम नहीं उठाए गए, तो राज्य सरकारें जिम्मेदार होंगी।विशेषज्ञों का कहना है कि आवारा कुत्तों का नियंत्रण न केवल लोगों की सुरक्षा के लिए जरूरी है, बल्कि इससे रेबीज जैसी जानलेवा बीमारियों के फैलने का खतरा भी कम होगा। कुत्ता प्रेमियों और प्रशासन के बीच संतुलन बनाना आवश्यक है ताकि जानवरों की सुरक्षा के साथ-साथ इंसानों की सुरक्षा भी सुनिश्चित हो सके।

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