वाणिज्य मंत्रालय का बयान- व्यापार समझौते को लेकर रचनात्मक माहौल, जल्द नतीजे की उम्मीद

नई दिल्ली वाणिज्य मंत्रालय ने मंगलवार को कहा कि अमेरिका के मुख्य वार्ताकार ब्रेंडन लिंच के साथ भारत-अमेरिका द्विपक्षीय व्यापार समझौते पर हुई चर्चा सकारात्मक और भविष्य की दिशा तय करने वाली रही। मंत्रालय की ओर से जारी बयान में कहा गया कि दोनों देशों ने इस समझौते को जल्द से जल्द अंतिम रूप देने के लिए प्रयास तेज करने का निर्णय लिया है, ताकि यह दोनों के लिए फायदेमंद हो।
भारत और अमेरिका की तरफ से इन्होंने किया नेतृत्व
भारत की तरफ से बातचीत का नेतृत्व वाणिज्य विभाग के विशेष सचिव राजेश अग्रवाल ने किया। वहीं, अमेरिकी टीम का नेतृत्व ब्रेंडन लिंच ने किया, जो दक्षिण और मध्य एशिया मामलों के लिए अमेरिका के सहायक व्यापार प्रतिनिधि हैं। अमेरिकी प्रतिनिधिमंडल सोमवार शाम नई दिल्ली पहुंचा और मंगलवार को पूरे दिन भारत-अमेरिका व्यापार संबंधों और प्रस्तावित समझौते पर चर्चा की।
द्विपक्षीय व्यापार समझौते का क्या है उद्देश्य?
अमेरिकी दूतावास के प्रवक्ता ने भी बैठक को सकारात्मक बताया और कहा कि यह वार्ता आगे की रणनीति तय करने में अहम साबित होगी। इस समझौते का उद्देश्य दोनों देशों के बीच व्यापारिक संबंधों को मजबूत करना और आर्थिक सहयोग को नई दिशा देना है।
बैठक को लेकर क्या बोला अमेरिका?
अमेरिका ने मंगलवार को कहा कि भारत और अमेरिका के बीच प्रस्तावित द्विपक्षीय व्यापार समझौते को लेकर हुई बातचीत सकारात्मक रही। अमेरिकी दूतावास के प्रवक्ता ने बताया कि इस बैठक में दोनों पक्षों ने व्यापार वार्ता को आगे बढ़ाने के अगले कदमों पर चर्चा की। पिछले कुछ महीनों में दोनों देशों के बीच कई दौर की बातचीत हो चुकी है, लेकिन कृषि और डेयरी जैसे अहम मुद्दों पर मतभेद के कारण समझौता नहीं हो सका।
कौन हैं ब्रेंडन लिंच
ट्रंप प्रशासन के मुख्य वार्ताकार ब्रेंडन लिंच दक्षिण और मध्य एशिया के लिए सहायक अमेरिकी व्यापार प्रतिनिधि हैं। वह क्षेत्र के 15 देशों के संबंध में अमेरिकी व्यापार नीति के विकास और कार्यान्वयन की देखरेख करते हैं।
'कृषि और अन्य मुद्दों पर कुछ रियायतें चाहता है अमेरिका'
वहीं इस पर भारतीय चैंबर ऑफ कॉमर्स की एविएशन और टूरिज्म एक्सपर्ट कमेटी के चेयरमैन और दिल्ली-इंडो-यूएस स्मॉल बिजनेस चैंबर के प्रेसिडेंट डॉ. सुभाष गोयल ने कहा, 'आज हमारी बहुत अहम बातचीत हुई। दोनों पक्षों के बीच बहुत ही सौहार्दपूर्ण माहौल में चर्चा हुई। अमेरिकी पक्ष कृषि और अन्य मुद्दों पर कुछ रियायतें चाहता था। अमेरिका ने भारत पर 50% टैरिफ (कर) इसलिए लगाया था क्योंकि हम रूस से तेल खरीद रहे थे। मुझे लगता है कि बातचीत बहुत सकारात्मक माहौल में खत्म हुई। भारतीय पक्ष ने कहा है कि वे इन मुद्दों पर विचार करेंगे। जो भी समझौता होगा, वह दोनों देशों के लिए फायदेमंद होगा और दोनों के हितों को ध्यान में रखकर होगा। यह बातचीत एक अच्छी शुरुआत है। पहले वार्ताएं ठप पड़ी थीं, लेकिन अब यह गतिरोध खत्म होने का संकेत है, जो एक बहुत ही अच्छा संकेत है।'
टैरिफ पर भारत के अडिग रुख से ट्रंप का यूटर्न
हाल ही में अमेरिका और भारत के रिश्तों में तनाव बढ़ गया था। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भारतीय उत्पादों पर टैरिफ को दोगुना कर 50 प्रतिशत कर दिया था। इसमें रूस से कच्चा तेल खरीदने को लेकर 25 प्रतिशत अतिरिक्त शुल्क भी शामिल था। भारत ने इस कदम को अनुचित, अन्यायपूर्ण और अस्वीकार्य बताया था। लेकिन इसके बाद राष्ट्रपति ट्रंप की तरफ से भारत और प्रधानमंत्री मोदी को लेकर कई बार सकारात्मक संदेश सोशल मीडिया पर लिखे गए, जिसे लेकर पीएम मोदी ने भी सोशल मीडिया पर सकारात्मक जवाब दिया।
