आम लोगों को मिलेगी राहत,किसानों को परेशान करेगी प्याज के रेट ,कृषि मंत्री ने अफसरों को दिए आदेश

इन दिनों देशभर की थोक सब्जी मंडियों में प्याज की कीमतें गिरी हुई है। इससे किसानों को भारी नुकसान झेलना पड़ रहा हैं। इस बीच केंद्रीय कृषि मंत्रालय ने रबी सीजन की फसलों को लेकर अहम आंकड़े जारी किए है। इसमें प्याज की बुवाई का अपडेट भी दिया गया हैं। इन आंकड़ों में रकबा बढ़ने की बात सामने आई है। ऐसे में देशभर में प्याज का बंपर उत्पादन होने का अनुमान है।
उपलब्ध आंकड़ों से बुवाई क्षेत्र में बढ़ोत्तरी के संकेत मिल रहे है। इससे इस साल प्याज की कीमतों में काफी गिरावट होगी और किसानों को बहुत कम भाव मिलेगा। कृषि मंत्रालय के आंकड़े ऐसे समय सामने आए जब प्रमुख प्याज उत्पादक राज्य महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश व अन्य प्रदेशों में किसानों को उपज की काफी कम कीमत मिल रही हैं। हालांकि, कुछ राज्यों में मंडियों में किसानों को थोड़े बेहतर दाम मिल रहे हैं, जिससे मुनाफे की स्थिति बरकरार है।
केंद्रीय कृषि और किसान कल्याण मंत्रालय द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार, इस बार रबी सीजन में 10.29 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में प्याज की बुवाई हुई है। जो पिछली बार से 1.66 लाख हेक्टेयर ज्यादा है। प्याज का रकबे के बढ़ने से उत्पादन में भारी बढ़ोतरी होगी। हालांकि, मौसम और मानसून की स्थितियों के कारण फसल पर थोड़ा बहुत असर दिखाई दे सकता है। कृषि मंत्रालय के मुताबिक, साल 2024-25 में प्याज का पिछले साल के मुकाबले 19 फ़ीसदी बढ़कर 288.77 लाख टन रह सकता है, सीजन 2023-24 में प्याज का उत्पादन 242.67 लाख टन हुआ था. वर्तमान सीजन जून 2025 तक चलेगा।
इस बीच केंद्रीय कृषि और किसान कल्याण और ग्रामीण विकास मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने शुक्रवार को समग्र कृषि क्षेत्र की प्रगति को लेकर वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से एक बैठक में समीक्षा कर फसलों की बुवाई, उपार्जन, मौसम और जलाशयों की स्थिति की जानकारी लेने के साथ ही उपज के थोक और खुदरा मूल्यों के बारे में समीक्षा की और विभाग के अधिकारियों को जरूरी दिशा-निर्देश दिए। उन्होंने विभिन्न फसलों की पैदावार अच्छी होने की संभावना के चलते चौहान ने अधिकारियों को ऐसी व्यवस्था बनाने के लिए कहा है, जिससे किसानों को उपज का अच्छा भाव मिल सके।
आलू-टमाटर की इतने क्षेत्र में बुवाई
कृषि मंत्रालय के मुताबिक, पिछले साल की तुलना में इस बार रबी मौसम के लिए प्रमुख उत्पादक राज्यों में प्याज और आलू की बुआई की स्थिति 21 फरवरी 2025 तक अधिक है। वहीं, आलू की बुआई 19.82 लाख हेक्टेयर में हो चुकी है। जबकि टमाटर की बुआई 2.41 लाख हेक्टेयर में हो चुकी है। हालांकि अभी प्याज, आलू और टमाटर की बुवाई करने के लिए समय बचा है।