कांग्रेस ने मनरेगा के संचालन से जुड़ी खामियों पर सरकार को घेरा, एनएमएमएस एप की आलोचना

कांग्रेस ने मनरेगा के संचालन से जुड़ी खामियों पर सरकार को घेरा, एनएमएमएस एप की आलोचना
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नई दिल्ली | कांग्रेस ने गुरुवार को मनरेगा में उपस्थिति और कार्यों के डिजिटल सत्यापन के लिए प्रयोग होने वाली राष्ट्रीय मोबाइल निगरानी प्रणाली एप्लीकेशन (एनएमएमएस एप) से जुड़ी "संचालन संबंधी खामियों" को लेकर मोदी सरकार पर निशाना साधा। मुख्य विपक्षी दल ने इस "अव्यवहारिक" और "प्रतिकूल" मॉडल को तत्काल वापस लेने की मांग की।

जयराम रमेश बोले- फर्स्ट अनाउंस, सेकंड थिंक सरकार का आदर्श वाक्य

कांग्रेस महासचिव (संचार प्रभारी) जयराम रमेश ने कहा कि FAST मोदी सरकार का स्वघोषित आदर्श वाक्य है और इसका वास्तविक अर्थ है- "पहले घोषणा करो, फिर सोचो" (फर्स्ट अनाउंस, सेकंड थिंक)। रमेश ने एक बयान में कहा कि मई 2022 में मोदी सरकार ने उपस्थिति और कार्यों के डिजिटल सत्यापन के लिए मनरेगा में राष्ट्रीय मोबाइल निगरानी प्रणाली (एनएमएमएस) एप पेश किया। और जब से यह किया गया है, कांग्रेस एनएमएमएस के साथ परिचालन संबंधी समस्याओं को उजागर कर रही है और यह बता रही है कि यह कैसे मनरेगा की भावना को नुकसान पहुंचा रहा है।

कांग्रेस बोली- सरकार ने अपनी अधिसूचना में एनएमएमएस की खामियों को माना

उन्होंने कहा, "अब 8 जुलाई 2025 को जारी एक अधिसूचना में केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्रालय ने अंततः एनएमएमएस से जुड़ी विभिन्न समस्याओं को स्वीकार किया है। यह शुरू से ही स्पष्ट था कि नरेगा कार्यस्थलों से तस्वीरें अपलोड करने से ऐसे वास्तविक श्रमिक बाहर हो जाएंगे, जिनकी तस्वीरें कनेक्टिविटी समस्याओं के कारण अपलोड नहीं की जा सकीं।"

कांग्रेस नेता ने कहा- एनएमएमएस पूरी तरह से निरर्थक

कांग्रेस नेता ने बताया कि एनएमएमएस मस्टर रोल पर "फर्जी श्रमिकों" को प्रदर्शित होने से नहीं रोक सकता, क्योंकि फर्जी श्रमिक दिन में दो बार फोटो खिंचवाने के लिए जा सकते हैं, और एक मिनट भी काम किए बिना भुगतान प्राप्त कर सकते हैं। रमेश ने कहा, "जो बात सामने आई है- कि फर्जी और बेतरतीब तस्वीरें अपलोड की जा रही हैं-वह एनएमएमएस के पूरी तरह से निरर्थक होने का प्रमाण है।"

मोदी सरकार ऐसे समाधान खोजे जो समस्या से भी बदतर

रमेश ने कहा कि हालांकि, मोदी सरकार ने इस मुद्दे को स्वीकार करने के बाद ऐसे समाधानों की ओर बढ़ी है जो समस्या से भी बदतर हैं। उन्होंने कहा कि एनएमएमएस फोटो अब प्रभारी अधिकारियों के भौतिक सत्यापन के आधार पर भी लिए जाएंगे। उन्होंने कहा कि इस प्रस्तावित समाधान से ऊपर से नीचे तक नरेगा पदाधिकारियों का बहुमूल्य समय बर्बाद होगा। उन्होंने तर्क दिया कि या तो वे फोटो सत्यापित कर सकते हैं, जैसा कि नवीनतम आदेश में अनिवार्य किया गया है, या फिर वे अपने नियमित कर्तव्यों का पालन कर सकते हैं।

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