विदेशी प्रतिनिधियों से मुलाकात पर विवाद, BJP ने राहुल गांधी के आरोपों को बताया भ्रामक

नई दिल्ली राष्ट्रपति पुतिन के भारत दौरे से पहले कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने केंद्र सरकार पर विदेशी मेहमानों को विपक्षी नेता से न मिलने देने का आरोप लगाया है। राहुल गांधी के इस आरोप पर अब भाजपा ने निशाना साधा है। भाजपा सांसद संबित पात्रा ने कहा है कि राहुल गांधी ने नेता विपक्ष के तौर पर जो बयान दिए हैं। वह गैर-जिम्मेदाराना हैं। उनका दावा तथ्यों पर आधारित नहीं हैं।
'राहुल गांधी द्वारा दिए गया बयान गैर-जिम्मेदाराना'
गुरुवार को ससंद सत्र के बाद मीडिया से बात करते हुए भाजपा सांसद संबित पात्रा ने कहा कि लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष के रूप में राहुल गांधी द्वारा दिए गया बयान गैर-जिम्मेदाराना हैं और तथ्यों पर आधारित नहीं हैं। मेरा मानना है कि आज नेता प्रतिपक्ष के तौर पर राहुल गांधी ने जो कहा, वह न सिर्फ गलत है, बल्कि यह भारत की छवि को भी खराब करता है। राहुल गांधी ने कहा कि भारत सरकार विदेशी मेहमानों को नेता प्रतिपक्ष से इसलिए मिलने नहीं देती क्योंकि सरकार में असुरक्षा की भावना है। भारत सरकार को असुरक्षा क्यों महसूस होगी? आज भारत दुनिया में एक इकॉनमिक स्तंभ है। हमारे देश को इस तरह से आंकना, खासकर जब रूसी राष्ट्रपति आने वाले हों, ठीक नहीं है... एक बात जो सभी को साफ तौर पर जाननी चाहिए, वह यह है कि जब कोई विदेशी प्रतिनिधिमंडल भारत आता है, तो सरकारी अधिकारियों और सरकार के साथ बैठक व्यवस्थित करना विदेश मंत्रालय की जिम्मेदारी है। जहां तक दूसरे अधिकारियों और लोगों के साथ शिष्टाचार भेंट का सवाल है तो विदेशी प्रतिनिधिमंडल तय करता है कि वे किससे मिलेंगे... वे तय करते हैं, सरकार इसमें दखल नहीं देती।
राहुल गांधी के इस आरोप पर भाजपा सांसद अपराजिता सारंगी ने कहा, इससे अधिक मजाकिया बात और कुछ नहीं हो सकती। उन्हें आरोप-प्रत्यारोप की राजनीति से ऊपर उठकर लोगों के लिए काम करना चाहिए... रूस के राष्ट्रपति भारत आ रहे हैं, ऐसे में विपक्ष के नेता को उनका स्वागत करना चाहिएऔर इस समय ऐसी नेगेटिव सोच के साथ सबके सामने नहीं आना चाहिए। हमारी सरकार में सभी के लिए सम्मान और बराबरी की भावना है... विपक्ष के नेता को इज्जत से पेश आना चाहिए।
वह विदेश जाते हैं और भारत की बुराई कैसे कर सकते हैं?: नरहरि अमीन
वहीं भाजपा सासंद नरहरि अमीन ने कहा, राहुल गांधी को खुद सोचना चाहिए कि वह विदेश जाते हैं और भारत की बुराई कैसे कर सकते हैं? राजनीतिक मुद्दों पर भारत में चर्चा होनी चाहिए, लेकिन जब वह विदेश जाते हैं, तो वह भारत सरकार और देश की बुराई करते हैं। सरकार उन्हें या किसी विपक्षी पार्टी के सदस्य को उनके व्यवहार की वजह से क्यों रोकती है? अगर वे अपना व्यवहार सुधार लें, तो कोई सवाल ही नहीं उठता। कांग्रेस के जमाने में विपक्षी सदस्य थे जो सरकार का पक्ष लेते थे।
राहुल गांधी के बयान पर कांग्रेस सांसद अखिलेश प्रसाद सिंह ने कहा, अगर उन्होंने ऐसा कहा है, तो सच कहा है। पहले जब भी विदेश से बड़े लोग आते थे, तो वे प्रधानमंत्री से तो मिलते ही थे, लेकिन वे विपक्ष के नेता से भी मिलते थे। जिस तरह से संविधान के खिलाफ काम किया जा रहा है, किसी को मिलने नहीं दिया जा रहा, किसी को बात करने नहीं दिया जा रहा, यह ठीक नहीं है।
कांग्रेस सांसद कार्ति चिदंबरम ने लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी के बयान पर कहा, वे जो कह रहे हैं वह सही है। जब भी दूसरे देशों के मुखिया, सरकार के मुखिया भारत आते हैं, तो विपक्ष के नेता को भी उनसे मिलने देना आम बात है... राहुल गांधी बिल्कुल सही कह रहे हैं और मुझे लगता है कि सरकार को आने वाले विदेशी गणमान्य व्यक्तियों के साथ विपक्ष के नेता के साथ एक बैठक तय करनी चाहिए थी या उन्हें उस रात्रिभोज में बुलाना चाहिए जिसका वे आयोजन कर रहे हैं।
राहुल गांधी ने क्या कहा था?
राहुल गांधी ने संसद परिसर में पत्रकारों से गुरुवार को कहा था, आम तौर पर परंपरा है कि विदेश से आने वाले नेता विपक्ष के नेता से भी मिलते हैं। यह वाजपेयी जी के समय होता था, मनमोहन सिंह जी के समय भी। लेकिन इन दिनों सरकार विदेशियों से कहती है कि वे मुझसे न मिलें। विदेश जाते समय भी यही होता है। हमें संदेश मिलता है कि सरकार ने कहा है कि 'आपसे न मिलें'।
उन्होंने कहा कि विपक्ष का नेता भी भारत का प्रतिनिधित्व करता है और इन बैठकों से विदेशी नेताओं को एक अलग नजरिया मिलता है। लेकिन सरकार नहीं चाहती कि विदेशी नेता विपक्ष से मिलें। उन्होंने कहा, यह परंपरा है, लेकिन मोदी जी और विदेश मंत्रालय इस परंपरा का पालन नहीं करते। जब पूछा गया कि सरकार ऐसा क्यों करती है, तो उन्होंने कहा, यह उनकी असुरक्षा के कारण है।
