आगरा में धर्म परिवर्तन गिरोह का पर्दाफाश, 8 गिरफ्तार: घर से मूर्ति हटा दो, कलावा काट दो, मांग का सिंदूर पोंछ दें,मिलेगी सरकारी नौकरी

आगरा के शाहगंज इलाके में धर्म परिवर्तन कराने वाले एक बड़े गिरोह का खुलासा हुआ है। पुलिस ने रविवार को छापेमारी कर पास्टर राजकुमार लालवानी सहित 8 लोगों को गिरफ्तार किया है। आरोप है कि प्रार्थना सभा में गरीब और बीमार लोगों को नौकरी, पैसे और सुखी जीवन का लालच देकर ईसाई धर्म अपनाने के लिए दबाव डाला जाता था।
महिला पुलिसकर्मी बनीं गुप्त गवाह
लगातार मिल रही शिकायतों के बाद शाहगंज पुलिस ने दो महिला पुलिसकर्मियों को वेश बदलकर सभा में भेजा। वहां उनके हाथों से कलावा कटवाया गया, बाइबल पढ़ने को कहा गया और धर्म परिवर्तन के फायदे गिनाए गए।
विदेश से होता था ब्रेनवॉश
पुलिस जांच में सामने आया कि रविवार को होने वाली विशेष प्रार्थना सभा में लोगों को धर्म परिवर्तन करने के बाद सरकारी नौकरी से लेकर अन्य सुविधाओं का लालच दिया जाता था। विदेश से जूम मीटिंग के माध्यम से ब्रेनवास किया जाता था। लगातार मिल रही शिकायतों के बाद दो महिला पुलिस कर्मियों को वेश बदलकर प्रार्थना सभा में भेजा गया। जिनके साथ भी इसी प्रकार की हरकतें हुई। उनके कलावा को काट दिया गया, बाईबल पढ़वाया गया, धर्म परिवर्तन के बाद मिलने वाले लाभ के विषय में जानकारी दी गई। पुलिस ने 8 लोगों को गिरफ्तार किया है। जिसमें मुख्य कर्ताधर्ता जो स्वयं हिंदू से इसाई बना था और तीन महिलाएं शामिल है। मामला आगरा के शाहगंज का है।
पास्टर राजकुमार का खुलासा
पूछताछ के दौरान राजकुमार ने बताया कि 4 साल पहले वह हिंदू था। बाद में ईसाई बन गया और अपना नाम राजकुमार से पास्टर राजकुमार कर लिया। शाहगंज केदार नगर में रहकर धर्म परिवर्तन का प्रयास करने लगा। उसने अपनी टीम भी तैयार की। जिसने महिला सदस्य भी थी। गरीब और बीमार लोगों को रविवार की प्रार्थना सभा में आने के लिए कहा जाता था। उन्हें पैसे, नौकरी और अच्छी जिंदगी का लालच देकर धर्म परिवर्तन करने को कहा जाता था। जूम मीटिंग के माध्यम से स्पेन और दुबई में बैठे लोगों से बात कराई जाती थी। ब्रेनवास के सारे तरीके अपनाए जाते थे। बताया जाता था ईसाई धर्म अपनाने से जिंदगी खुशहाल होगी। सरकारी नौकरी भी मिल जाएगी।
क्या मिला पुलिस को?
छापेमारी में पुलिस ने 15 बाइबल, ईसाई गीतों की 3 पुस्तकें, 8 कॉपी, 4 डायरी, 6 मोबाइल, 2 कारें और ₹13,165 नकद बरामद किए।
डीसीपी सिटी सोनम कुमार ने बताया कि गिरोह के फंडिंग और नेटवर्क की जांच की जा रही है।
