कांग्रेस में बगावती नेताओं पर शिकंजा, चुनावी हार के बाद दगाबाजों की सूची तैयार

पटना. विधानसभा चुनाव में करारी हार के बाद कांग्रेस अब पूरी तरह सख्त मोड में आ गई है. पार्टी ने अंदरखाने नुकसान पहुंचाने वाले नेताओं की पहचान शुरू कर दी है. उम्मीदवारों के खिलाफ खुलेआम या दबे तौर पर की गई दगाबाजी की जानकारी प्रदेश नेतृत्व ने सभी प्रत्याशियों से मांगी है. रिपोर्ट सीधे प्रदेश कार्यालय सदाकत आश्रम भेजनी होगी, जहां शीर्ष नेतृत्व इसकी समीक्षा कर पार्टी विरोधी गतिविधियों में शामिल रहे नेताओं की सूची तैयार करेगा. इसके बाद अनुशासन समिति गंभीर आरोप झेल रहे नेताओं को कारण बताओ नोटिस देकर स्पष्टीकरण मांगेगी. दोष साबित हुआ तो पद से हटाने से लेकर पार्टी से निष्कासन तक की कार्रवाई तय है.
चौवालीस नहीं, पूरे तैंतालीस नेताओं को नोटिस
चुनाव के दौरान टिकट बेचने के आरोप लगाते हुए प्रदेश प्रभारी कृष्णा अल्लावरू और प्रदेश अध्यक्ष राजेश राम को हटाने की मांग पर सदाकत आश्रम में धरना करने का ऐलान करने वाले तैंतालीस नेताओं पर पार्टी ने बड़ी कार्रवाई कर दी है. अनुशासन समिति अध्यक्ष कपिलदेव यादव की तरफ से जारी नोटिस में साफ कहा गया है कि इन नेताओं ने चुनाव अवधि में मीडिया और सार्वजनिक मंचों पर पार्टी लाइन के खिलाफ बयान देकर कांग्रेस की छवि और चुनावी प्रदर्शन को नुकसान पहुंचाया. इन्हें इक्कीस नवंबर दोपहर बारह बजे तक लिखित जवाब देना होगा. चूक होने पर छह वर्ष तक के निष्कासन की सीधी कार्रवाई होगी. नोटिस पाने वालों में पूर्व मंत्री अफाक आलम, आनन्द माधव, पूर्व विधायक छत्रपति यादव, पूर्व मंत्री वीणा शाही, पूर्व विधान पार्षद अजय कुमार सिंह, मुन्ना शाही और बंटी चौधरी जैसे नाम शामिल हैं.
विक्षुब्धों का पलटवार, कहा नेतृत्व आरएसएस से भी डर गया
उधर, नाराज नेता भी पीछे हटने के मूड में नहीं हैं. इन्होेंने धरना एक दिन पहले कर देने का एलान किया और पलटकर आरोप लगाया कि प्रदेश अध्यक्ष और प्रभारी डर के साये में हैं. उनकी विज्ञप्ति में कहा गया कि नोटिस से साफ है कि दोनों नेता पूरी कांग्रेस को कांग्रेसी मुक्त कर आरएसएस के लोगों से भरने की योजना पर काम कर रहे हैं. टिकट बांटने में घोटाला हुआ, आरएसएस से जुड़े लोगों को टिकट दिए गए और अब सदाकत आश्रम को भी उन्हीं से भरने की तैयारी है. विक्षुब्ध नेताओं ने कहा कि वे पीछे नहीं हटेंगे और पार्टी को गलत हाथों में जाने नहीं देंगे.
