रक्षा मंत्री बोले: प्रमुख युद्ध क्षेत्र बन गया अंतरिक्ष, भारत ने एंटी-सैटेलाइट जैसी तकनीकों में हासिल की महारत

रक्षा मंत्री बोले: प्रमुख युद्ध क्षेत्र बन गया अंतरिक्ष, भारत ने एंटी-सैटेलाइट जैसी तकनीकों में हासिल की महारत
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रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि अंतरिक्ष अब युद्ध का एक प्रमुख क्षेत्र बन गया है और भारत ने इस दिशा में कदम बढ़ाते हुए एंटी-सैटेलाइट जैसी अत्याधुनिक तकनीकों में महारत हासिल की है। सिंह ने रविवार को बंगलूरू में वायु सेना के अधिकारियों से मुलाकात की और वायु सेना के संस्थान (आईएएम) का दौरा किया।

इस दौरान उन्होंने कहा, दुनियाभर की कई निजी अंतरिक्ष एजेंसियां भी अंतरिक्ष का अन्वेषण कर रही हैं। यह एक बड़ा मौका है, लेकिन इसके साथ ही उन्हें कई नई चुनौतियों का सामना करना पड़ेगा। ऐसे में हमें अंतरिक्ष यात्रियों के लिए अंतरिक्ष चिकित्सा सुविधाएं प्रदान करने पर फोकस करना होगा।

dसिंह ने आगे कहा कि अंतरिक्ष पर्यटन जैसे क्षेत्र में भी कई बड़ी कंपनियां प्रवेश कर चुकी हैं और भविष्य में इस क्षेत्र में भी अंतरिक्ष चिकित्सा का महत्वपूर्ण योगदान होगा। उन्होंने भारत के विमानन क्षेत्र की प्रगति पर भी बात की और कहा कि आजादी के बाद से भारत के विमानन क्षेत्र में लगातार विकास हो रहा है। बीते दशक में बढ़ती मांग और सरकार की प्रतिबद्धता से वैश्विक नागरिक विमानन क्षेत्र के शीर्ष खिलाड़ियों में भारत शामिल हो गया है।

उन्होंने कहा कि भारत के विमानन क्षेत्र में तेजी से विकास हुआ है और अब भारत घरेलू विमानन क्षेत्र में दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा बाजार बन गया है। इसके अलावा, एयर एंबुलेंस, कार्गो आदि के क्षेत्र में भी वायु यातायात बढ़ रहा है। सिंह ने कहा कि अंतरिक्ष चिकित्सा केवल अंतरिक्ष में बीमारियों के इलाज तक सीमित नहीं है, बल्कि यह उन शारीरिक और मानसिक बदलावों से भी निपटता है, जिनसे किसी भी व्यक्ति का अंतरिक्ष में सामना होता है।

रक्षा मंत्रालय के बयान के मुताबिक, सिंह ने फ्लाइट सिम्युलेटर और ह्यूमन सेंट्रीफ्यूज का निरीक्षण किया, जो पायलटों को उच्च प्रशिक्षण देने के लिए उपयोग होते हैं। इसके अलावा, उन्होंने सिम्युलेटर का भी निरीक्षण किया जो पायलटों को उड़ान के दौरान दिशा भ्रमित होने से बचने के लिए प्रशिक्षण देता है।

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