एअर इंडिया विमानों में डीजीसीए को ऑडिट में 100 खामियां मिलीं

नई दिल्ली विमानन सुरक्षा नियामक नागरिक उड्डयन महानिदेशालय (डीजीसीए) को टाटा समूह के स्वामित्व वाली एअर इंडिया से संबंधित लगभग 100 उल्लंघनों और निष्कर्षों का पता चला है। सूत्रों की ओर से दी गई जानकारी में इस बात का खुलासा हुआ है।
डीजीसीए की रिपोर्ट के अनुसार, एअर इंडिया की मौजूदा संचालन प्रणाली में प्रशिक्षण मैनुअल्स पुराने पाए गए, पायलटों का प्रशिक्षण अधूरा है, ट्रेनिंग रिकॉर्ड्स बिखरे हुए हैं और रोस्टर बनाने का काम ऐसे स्टाफ के जिम्मे है, जिन्हें उचित प्रशिक्षण नहीं मिला है। इतना ही नहीं, कम दृश्यता में उड़ान भरने के लिए जरूरी अनुमतियों में भी अनियमितताएं पाई गई हैं। सूत्रों के मुताबिक, इनमें से सात स्तर-1 के उल्लंघन हैं। जिन्हें गंभीर सुरक्षा जोखिम माना जाता है और एयरलाइन को इन पर तत्काल सुधारात्मक कार्रवाई करने की जरूरत होती है।
एअर इंडिया ने एक बयान में निष्कर्षों के मिलने की पुष्टि की है। कंपनी ने कहा कि वह निर्धारित समयसीमा के भीतर डीजीसीए को अपना जवाब देगी। ऑडिट के निष्कर्ष ऐसे समय में आए है। जब 12 जून को हुए विमान हादसे के बाद नियामक एयरलाइन की गहन जांच कर रही है।
एअर इंडिया का बयान
एअर इंडिया ने बयान में कहा, सभी एयरलाइन कंपनियां प्रक्रियाओं के परीक्षण और निरंतर सुदृढ़ीकरण करने के लिए नियमित ऑडिट से गुजरती हैं। एअर इंडिया का वार्षिक डीजीसीए ऑडिट जुलाई में हुआ था, जिसके दौरान लगातार सुधार की भावना से ऑडिट करने वालों के साथ पूरी पारदर्शिता बरती गई थी। हमें निष्कर्षों के मिलने की सूचना है और हम तय समयसीमा के भीतर नियामक को अपना जवाब देंगे। साथ ही किए गए सुधारात्मक कार्यों का ब्योरा भी देंगे। एयर इंडिया अपने यात्रियों और कर्मचारियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है।
एअर इंडिया को चेतावनी
सूत्रों ने कहा, ऑडिट रिपोर्ट में प्रशिक्षण, चालक दल के आराम और कार्य अवधि के मानदंडों, प्रशिक्षण, अपर्याप्त चालक दल को पूरा करना और हवाई क्षेत्र योग्यता आदि से संबंधित कुल 100 उल्लंघन और निष्कर्ष हैं। नियामक ने इससे पहले 21 जून को एयर इंडिया को गंभीर उल्लंघनों के लिए तीन अधिकारियों को तत्काल प्रभाव से हटाने का निर्देश दिया था। डीजीसीए ने एअर इंडिया को 30 जुलाई 2025 तक इन खामियों को सुधारने का अल्टीमेटम दिया गया है। बाकी 93 कमियां ऐसी हैं, जिन्हें 23 अगस्त 2025 तक दूर करना जरूरी है।
सूत्रों के अनुसार यह ऑडिट 1 से 4 जुलाई तक एअर इंडिया के मुख्यालय गुरुग्राम में किया गया था। जिसमें ऑपरेशंस, फ्लाइट शेड्यूलिंग, क्रू रोस्टरिंग और अन्य प्रमुख क्षेत्रों की जांच की गई थी। इससे पहले 23 जुलाई को डीजीसीए ने एअर इंडिया को चार कारण बताओ नोटिस जारी किए थे, जो कैबिन क्रू की ड्यूटी और आराम के मानकों, प्रशिक्षण नियमों और ऑपरेशनल प्रक्रियाओं के उल्लंघन से संबंधित थे।
