ED ने गोवा में पकड़ा 1200 करोड़ का जमीन घोटाला, भारी नकद और लग्जरी वाहन बरामद

ED ने गोवा में पकड़ा 1200 करोड़ का जमीन घोटाला, भारी नकद और लग्जरी वाहन बरामद
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गोवा गोवा में जमीन हड़पने का एक बड़ा मामला सामने आया है. प्रवर्तन निदेशालय ने गोवा और हैदराबाद में 13 ठिकानों पर छापेमारी की. यह कार्रवाई अंजुना और असगांव इलाके की सोसाइटी जमीनों पर हुए गैरकानूनी कब्जे से जुड़ी है. जांच में पता चला है कि यशवंत सावंत और उनके साथियों ने पुराने फर्जी कागजों का इस्तेमाल कर करीब 3.5 लाख वर्ग मीटर जमीन अपने नाम करवा ली. इनमें से कुछ जमीनें बेच भी दी गईं, जिससे करोड़ों की कमाई हुई. इन जमीनों की कीमत 1200 करोड़ रुपये से ज्यादा बताई जा रही है.

छापों में ED को 72 लाख रुपये कैश, 7 लग्जरी गाड़ियां (Porsche, BMW, Range Rover, Mercedes जैसी) मिलीं. साथ ही आरोपियों के कई बैंक खाते और एफडी भी सीज कर दिए गए. ED का कहना है कि जांच अभी जारी है और इससे गोवा में फैले और भी बड़े लैंड ग्रैबिंग नेटवर्क का खुलासा हो सकता है.

इससे पहले एक दूसरे मामले में ईडी के पणजी क्षेत्रीय कार्यालय ने धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए), 2002 के प्रावधानों के तहत पांच सिंतबर को गोवा में कई परिसरों में तलाशी और जब्ती अभियान चलाया था.

नकली सोने के आभूषण से गोल्ड ऋण की धोखाधड़ी

नकली सोने के आभूषणों के बदले स्वर्ण ऋण स्वीकृत करने से जुड़े एक बैंक धोखाधड़ी मामले में गुंडू केल्वेकर और हेमंत रायकर के आवासीय और व्यावसायिक परिसरों में तलाशी ली गई, जिसके परिणामस्वरूप यूको बैंक को 2.63 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ था.

ईडी ने उत्तरी गोवा के आर्थिक अपराध प्रकोष्ठ द्वारा दर्ज प्राथमिकी के आधार पर पीएमएलए के तहत जांच शुरू की थी. प्राथमिकी में आरोप लगाया गया है कि गुंडू केल्वेकर ने यूको बैंक के लिए सूचीबद्ध स्वर्ण मूल्यांकनकर्ता हेमंत रायकर के साथ एक आपराधिक साजिश में, बैंक की वेरना, फतोर्दा और मडगांव शाखाओं से धोखाधड़ी से कई स्वर्ण ऋण प्राप्त किए.

ये ऋण नकली पीली धातु के आभूषणों को गिरवी रखकर प्राप्त किए गए थे, जिन्हें हेमंत रायकर ने जानबूझकर असली सोने के रूप में प्रमाणित किया था. ईडी की जाँच से पता चला है कि 2019 और 2023 के बीच, गुंडू केल्वेकर ने अपनी पत्नी मयूरी गुंडू केल्वेकर की मदद से, अपने और अपने सहयोगियों के नाम पर व्यवस्थित रूप से ये ऋण प्राप्त किए.

ईडी की रेड में हुआ भंडाफोड़

जांच में एक स्पष्ट धन-संग्रह स्थापित हुआ, जहाँ सहयोगियों के खातों में ऋण राशि वितरित होने के बाद, उसे तुरंत गुंडू केल्वेकर के बचत बैंक खाते में स्थानांतरित कर दिया गया. इस धनराशि का एक बड़ा हिस्सा नकद निकाला गया, जिसमें गुंडू केल्वेकर ने 79.65 लाख रुपये और उनकी पत्नी ने 48.75 लाख रुपये निकाले.

कुछ धनराशि को सर्राफा व्यापारियों सहित विभिन्न संस्थाओं को हस्तांतरित करके आगे बढ़ाया गया, ताकि अपराध की आय (पीओसी) को बेदाग दिखाया जा सके. गुंडू केल्वेकर के आवास पर तलाशी अभियान के दौरान, 4.5 किलोग्राम वजन के मिश्रित पीले धातु के आभूषण मिले.

एक अधिकृत मूल्यांकनकर्ता ने पुष्टि की कि ये वस्तुएं सोना नहीं, बल्कि पीले रंग की परत वाली सफेद धातु थीं. पीएमएलए जाँच से पता चला है कि धोखाधड़ी से लिए गए स्वर्ण ऋण न केवल यूको बैंक से, बल्कि अन्य सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों और यहां तक कि सहकारी बैंकों से भी लिए गए थे. इस प्रकार, पीओसी, जो वर्तमान में 2.63 करोड़ रुपये है, में उल्लेखनीय वृद्धि होगी. पीओसी के पूरे तार का पता लगाने के लिए जब्त किए गए साक्ष्यों की जांच की जा रही है.

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