वित्त मंत्री का बयान: टैरिफ मसले पर अमेरिका संग बातचीत जारी, भारत संवाद के लिए तत्पर

मुंबई वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने मंगलवार को कहा कि भारत ने अमेरिका के साथ जारी व्यापार विवाद को सुलझाने के लिए कूटनीतिक स्तर पर बातचीत तेज कर दी है। अमेरिका ने 27 अगस्त से भारतीय उत्पादों पर 50% आयात शुल्क लगा दिया है। इसका असर झींगा, वस्त्र, चमड़ा और जूता-चप्पल जैसे श्रम-आधारित उद्योगों पर पड़ रहा है।
सीतारमण ने कहा कि भारत की ओर से सभी दरवाजे खुले रखे गए हैं और अमेरिका से बातचीत जारी है। उन्होंने स्पष्ट किया कि भारत बातचीत को किसी भी तरह मुश्किल नहीं बनाना चाहता। यह बयान ऐसे समय आया है जब भारत और अमेरिका मार्च से द्विपक्षीय व्यापार समझौते पर बातचीत कर रहे हैं। अब तक पांच दौर की वार्ता पूरी हो चुकी है।
छठा दौर टला, रिश्तों पर असर
छठे दौर की बातचीत के लिए अमेरिकी प्रतिनिधिमंडल पिछले महीने भारत आने वाला था, लेकिन उसने अपनी यात्रा स्थगित कर दिया। इससे दोनों देशों के बीच व्यापारिक रिश्तों में तनातनी और गहरी हो गई है। उच्च टैरिफ से भारत के कई उद्योगों के निर्यात पर बुरा असर पड़ा है।
भारत-अमेरिका व्यापारिक रिश्ते मजबूत
अमेरिका भारत का सबसे बड़ा व्यापारिक साझेदार है। दोनों देशों के बीच वस्तु और सेवा क्षेत्र में 191 अरब अमेरिकी डॉलर का द्विपक्षीय व्यापार होता है। हालांकि, मौजूदा विवाद ने इस रिश्ते पर दबाव बढ़ा दिया है।
भारत में अमेरिकी निवेश की बड़ी हिस्सेदारी
अमेरिका भारत में तीसरा सबसे बड़ा निवेशक है। अप्रैल 2000 से जून 2025 तक अमेरिका से भारत में 76.26 अरब डॉलर का प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) आया है। यह भारत को मिले कुल एफडीआई का करीब 10% है। इसलिए यह विवाद दोनों देशों के आर्थिक संबंधों को गहराई से प्रभावित कर सकता है।
भारत की रणनीति- संवाद और समाधान
भारत सरकार का रुख साफ है कि बातचीत से ही समाधान निकलेगा। सीतारमण ने कहा कि सरकार उद्योगों की चिंताओं को समझती है और हर स्तर पर उन्हें दूर करने की कोशिश की जा रही है। आने वाले महीनों में उम्मीद है कि दोनों देश किसी समझौते पर पहुंच सकेंगे।
