USAID विवाद पर वित्त मंत्रालय की रिपोर्ट, कांग्रेस-भाजपा में जुबानी जंग; CM हिमंत पर भी सवाल
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अमेरिकी एजेंसी यूएसएड की फंडिंग से जुड़े विवाद के बीच कांग्रेस ने सोमवार को दावा किया कि वित्त मंत्रालय की वर्ष 2023-24 की रिपोर्ट से भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) का ‘झूठ’ पूरी तरह से उजागर हो गया है। वहीं, भाजपा ने मुख्य विपक्षी दल पर भारत के लोकतंत्र को अस्थिर करने की कोशिश करने वाले विदेशी दानदाताओं के दखल का बचाव करने का आरोप लगाया। दरअसल, केंद्रीय वित्त मंत्रालय की ताजा वार्षिक रिपोर्ट में खुलासा हुआ है कि अमेरिकी एजेंसी ने 2023-24 में 75 करोड़ अमेरिकी डॉलर की सात परियोजनाओं की फंडिंग की है।
कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर पोस्ट किया, ‘किसी और ने नहीं, बल्कि केंद्रीय वित्त मंत्रालय ने प्रधानमंत्री और उनके विदेश मंत्री सहित उनकी झूठ ब्रिगेड के झूठ को पूरी तरह से उजागर किया है। वित्त मंत्रालय की 2023-24 की वार्षिक रिपोर्ट में कहा गया है कि यूएसएड वर्तमान में भारत सरकार के सहयोग से लगभग 75 करोड़ डॉलर के संयुक्त बजट की सात परियोजनाओं को कार्यान्वित कर रहा है।’ उनके मुताबिक, इनमें से एक भी परियोजना का मतदान प्रतिशत से कोई लेना-देना नहीं है। रमेश ने कहा, ‘ये सभी केंद्र सरकार के साथ और उसके माध्यम से हैं।’
भाजपा ने किया पलटवार
भाजपा के आईटी प्रकोष्ठ के प्रमुख अमित मालवीय ने कांग्रेस पर पलटवार करते हुए दावा किया कि भारत की चुनावी प्रक्रिया में हस्तक्षेप करने के लिए ‘जॉर्ज सोरोस (अमेरिकी कारोबारी) से जुड़े मोर्चों और एनजीओ ढांचे’ के माध्यम से विवादास्पद यूएसएड फंडिंग से ध्यान हटाने के लिए कांग्रेस और उसके तंत्र की हताशा दिख रही है। उन्होंने ‘एक्स’ पर पोस्ट किया, ‘अब यह स्पष्ट है कि लाभार्थी कौन हैं।’
मालवीय ने कहा कि विचाराधीन यूएसएड परियोजनाएं सरकार-से-सरकार के बीच की भागीदारी वाली हैं, जिन्हें पारदर्शी रूप से बाहरी सहायता प्राप्त परियोजनाओं (ईएपी) के रूप में निष्पादित किया जाता है। उन्होंने कहा कि केंद्र इन निधियों को केवल राज्यों को विकास के लिए भेजता है, जो सहकारी संघवाद के ढांचे के भीतर है। मालवीय ने कहा कि वित्त मंत्रालय की 2023-24 रिपोर्ट (जुलाई 2024 में अपलोड) में उद्धृत परियोजनाओं की शुरुआत 2010-11 में हुई, क्योंकि 2014-15 की रिपोर्ट भी इसकी पुष्टि करती है।
कांग्रेस का पीएम से सवाल: क्या हिमंत बिस्व सरमा के खिलाफ कार्रवाई करेंगे
कांग्रेस ने असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्व सरमा पर भ्रष्टाचार के जरिए अपना साम्राज्य खड़ा करने का आरोप लगाया और कहा कि प्रधानमंत्री मोदी को राज्य के दौरे पर यह बताना चाहिए कि क्या वह सरमा के खिलाफ मामलों को लेकर कार्रवाई करेंगे। पार्टी महासचिव और असम प्रभारी जितेंद्र सिंह ने प्रदेश के वरिष्ठ कांग्रेस नेताओं के साथ संयुक्त संवाददाता सम्मेलन में यह दावा भी किया कि असम के मुख्यमंत्री अब एक ‘बिजनेस टायकून’ (बड़े कारोबारी) बन चुके हैं। इस संवाददाता सम्मेलन में लोकसभा में कांग्रेस के उप नेता गौरव गोगोई, असम प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष भूपेन बोरा, राज्य विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष देवव्रत सैकिया, सांसद रकीबुल हुसैन और कांग्रेस के सह-प्रभारी मनोज चौहान उपस्थित थे।
जितेंद्र सिंह ने संवाददाताओं से कहा, ‘आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी असम जा रहे हैं, लेकिन क्या वो जानते हैं कि उनके चहेते मुख्यमंत्री हिमंत बिस्व सरमा असम के अंदर क्या कर रहे हैं। असम में जारी भ्रष्टाचार पर क्या नरेंद्र मोदी कार्रवाई करेंगे।’ उन्होंने दावा किया, ‘असम में चाय बागान के मालिकों को डराया-धमकाया जा रहा है, मुख्यमंत्री के सहयोगी, उनके परिजन चाय बागान खरीद रहे हैं, चाय बागान चलाने वाली बड़ी कंपनियों के मालिक असम से चले गए और हिमंत विश्व शर्मा चाय बागानों को खत्म कर व्यापार करना चाहते हैं।’
सिंह ने आरोप लगाया कि हिमंत बिस्व सरमा की पत्नी ‘एलिफेंट कॉरिडोर’ में ‘वाणी ग्रीन रिजॉर्ट’ चला रही हैं। सिंह ने सवाल किया, ‘क्या उन्होंने वहां पर रिजॉर्ट चलाने की अनुमति ली है? क्या प्रधानमंत्री जी आपकी इसमें सहमति है?’ उन्होंने कटाक्ष करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ने असम के मुख्यमंत्री को ऐसा कौन सा जादू का चिराग पकड़ा दिया, जो वह ‘बिजनेस टायकून’ (बड़े कारोबारी) बन गए। सिंह ने सवाल किया, ‘क्या प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की एजेंसियां जांच कर रही हैं?’