विदेश मंत्री एस. जयशंकर बोले- हिंद-प्रशांत क्षेत्र में रणनीतिक स्थिरता मजबूत करना क्वाड का मकसद

विदेश मंत्री एस. जयशंकर बोले- हिंद-प्रशांत क्षेत्र में रणनीतिक स्थिरता मजबूत करना क्वाड का मकसद
X

विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने बुधवार को कहा कि क्वाड के सभी मंत्रियों ने इस बात पर गहरी सहमति जताई है कि क्वाड का मकसद हिंद-प्रशांत क्षेत्र में रणनीतिक स्थिरता को मजबूत करना है। इस बैठक में हमारी चर्चा मुख्य रूप से क्वाड की विभिन्न पहलों और परियोजनाओं को बेहतर तरीके से लागू करने पर केंद्रित रही।

जयशंकर ने बताया, हमने हिंद-प्रशांत क्षेत्र से जुड़े मुद्दों पर खुलकर बातचीत की। हाल की घटनाओं को देखते हुए, यह स्वाभाविक था कि हमने इस्राइल-ईरान संघर्ष और ईरान में अमेरिका की कार्रवाई पर भी कुछ समय चर्चा की। जब हमारी बैठक चल रही थी, उसी समय महत्वपूर्ण खनिज (क्रिटिकल मिनरल) पर क्वाड बिजनेस राउंडटेबल भी हो रहा था, जिसमें क्वाड के सभी चार देशों की कंपनियां शामिल थीं।

उन्होंने आगे कहा, हमने 'क्वाड क्रिटिकल मिनरल इनिशिएटिव’ की शुरुआत की, जो खासतौर पर उन खनिजों की दोबारा प्राप्ति पर केंद्रित होगी, जो हम सभी के लिए बहुत जरूरी हैं। दूसरा, हमने ‘क्वाड इंडो-पैसिफिक लॉजिस्टिक्स नेटवर्क’ के बारे में बात की, जिसे इस साल की शुरुआत में लॉन्च किया गया था और इसका क्षेत्र प्रशिक्षण अभ्यास जल्द ही होगा। फिर ‘क्वाड एट सी शिप ऑब्जर्वर मिशन’ है, जिसमें हमारे तटरक्षक बल शामिल होंगे।

‘क्वाड पोर्ट्स ऑफ द फ्यूचर’ सम्मेलन भी किया जाएगा आयोजित

एक विशेषज्ञ स्तर पर समुद्री कानून संवाद भी इसी महीने ऑनलाइन आयोजित किया जाएगा। हमने गुरुग्राम फ्यूजन सेंटर के जरिए ‘इंडो-पैसिफिक पार्टनरशिप ऑन मैरिटाइम डोमेन अवेयरनेस’ को और विस्तार देने के कदम उठाए। एक ‘क्वाड पोर्ट्स ऑफ द फ्यूचर’ सम्मेलन भी आयोजित किया जाएगा, जिसमें बंदरगाह और शिपबिल्डिंग पर फोकस रहेगा और इसके अलावा, केबल कनेक्टिविटी और उसकी मजबूती पर भी क्वाड के तहत साझेदारी होगी।

रुबियो के साथ किन मुद्दों पर हुई चर्चा

विदेश मंत्री जयशंकर ने कहा, हम इस साल भारत में क्वाड शिखर सम्मेलन आयोजित करने की उम्मीद कर रहे हैं और इसको लेकर तैयारियों पर हमारी उपयोगी बातचीत हुई। वॉशिंगटन से विदेश मंत्री जयशंकर ने कहा, जहां तक मेरी द्विपक्षीय बैठकों का सवाल है, मेरी अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रुबियो के साथ अच्छी बैठक हुई। इसमें हमने पिछले छह महीनों की प्रगति की समीक्षा की और आगे की दिशा पर बात की।

ऑस्ट्रेलिया और जापान के विदेश मंत्रियों के साथ भी हुई बातचीत

उन्होंने आगे बताया, इस बातचीत में व्यापार, निवेश, तकनीक, रक्षा, सुरक्षा, ऊर्जा और लोगों की आवाजाही जैसे विषय शामिल थे। इनमें खासतौर पर रक्षा और ऊर्जा ऐसे विषय हैं, जिन पर गहराई से चर्चा की जरूरत थी, इसलिए मेरी अमेरिकी रक्षा मंत्री पीट हगसेथ के साथ अलग से बैठक हुई। इसके अलावा, मेरी ऑस्ट्रेलिया की विदेश मंत्री पेनी वोंग और जापान के विदेश मंत्री ताकेशी इवाया के साथ भी उपयोगी बातचीत हुई। हमने उन दौरों पर चर्चा की जो निकट भविष्य में होने हैं और हमारे प्रधानमंत्रियों की आगामी बैठकों की तैयारी पर भी बात की।

Tags

Next Story