विदेश मंत्रालय की रूस को दो टूक: रूसी सेना में भारतीय जवानों की भर्ती बंद करो

विदेश मंत्रालय की रूस को दो टूक: रूसी सेना में भारतीय जवानों की भर्ती बंद करो
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नई दिल्ली रूस की सेना में शामिल हुए भारतीयों के मुद्दे पर विदेश मंत्रालय ने कहा है कि मॉस्को के अधिकारियों के समक्ष पूरी गंभीरता से यह बात रखी गई है। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने कहा, रूस की सेना में शामिल होने वाले भारतीयों के मुद्दे पर रूसी अधिकारियों से बात की गई है। उन्होंने कहा, सरकार ने देशवासियों से प्रलोभनों से बचने की अपील की है। उन्होंने बताया कि कुछ भारतीय, छात्र और कारोबारी वीजा लेकर रूस गए थे, जिन्हें वहां सेना में सहयोगी स्टाफ के रूप में भर्ती कर लिया गया। सरकार उन्हें मुक्त कराने के लिए प्रयासरत है।

गौरतलब है कि बीते साढ़े तीन साल से अधिक समय से जारी रूस और यूक्रेन के हिंसक संघर्ष में 10 लाख से अधिक लोग मारे जा चुके हैं। ऐसे हालात में यूक्रेन के मोर्चे पर तैनात इकाइयों के साथ जोखिम भरे हालात में रूस की सेना के साथ भेजे गए भारतीय युवाओं की सुरक्षा के मुद्दे पर विदेश मंत्रालय ने कहा, सरकार बीते एक वर्ष में कई बार चेतावनी दे चुकी है कि रूसी सेना में भर्ती होना बेहद खतरनाक और जोखिम भरा है।

विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने कहा कि हम प्रभावित भारतीय नागरिकों के परिवारों के संपर्क में हैं। रूस से भारत लगातार यह आग्रह कर रहा है कि इस तरह की भर्तियों को तत्काल रोका जाए और भारतीयों को वापस भेजा जाए। उन्होंने जोर देकर कहा कि किसी भी भारतीय को प्रलोभन या विदेश जाने के ऐसे प्रस्ताव स्वीकार नहीं करने चाहिए। इससे उनकी जान संकट में आ सकती है।

आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, अब तक 126 भारतीयों को रूसी सेना ने भर्ती किया है। इनमें से 12 की मौत हो चुकी है। 96 लोगों को रिहा किया गया है, जबकि 16 अब भी लापता हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पिछले वर्ष रूस यात्रा के दौरान राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के सामने खुद भी यह मामला उठाया था।

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