तीन दिन होगी गंगा सागर आरती, सीएम ममता बनर्जी बोलीं- गंगासागर मेला कुंभ मेले से कम नहीं है

तीन दिन होगी गंगा सागर आरती, सीएम ममता बनर्जी बोलीं- गंगासागर मेला कुंभ मेले से कम नहीं है
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पश्चिम बंगाल में पवित्र गंगासागर मेला शुरू हो चुका है। देश और दुनिया के तीर्थयात्री कोलकाता के आउट्राम घाट से मेले के लिए गंगासागर जा रहे हैं। राज्य सरकार ने सारी तैयारियां पूरी कर ली हैं। बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने गुरुवार को कहा, इस बार पवित्र स्नान से पहले तीन दिन 11, 12 और 13 जनवरी को गंगासागर में सागर तट पर गंगा आरती होगी। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा है कि गंगासागर मेला कुंभ मेले से कम नहीं है। उन्होंने एक बार फिर केंद्र सरकार को इसे गंगासागर मेले को नजरंदाज करने का आरोप लगाते हुए इसे राष्ट्रीय मेला घोषित करने की मांग दोहराई।

'गंगासागर मेला जाने के लिए रास्ता बहुत कठिन'

उन्होंने यह बात कोलकाता के आउट्राम घाट (बाबूघाट) में गंगासागर तीर्थयात्रियों के लिए ट्रांजिट सेवा शिविरों का उद्घाटन करते हुए कही। मुख्यमंत्री ने कहा, हम लंबे समय से गंगासागर मेला को राष्ट्रीय मेले घोषित करने की मांग कर रहे हैं। लेकिन अभी तक इसे राष्ट्रीय मेले का दर्जा नहीं मिला है। हमारी सरकार आने के बाद इस मेले का खर्च राज्य सरकार की तरफ से किया जाता है। मुख्यमंत्री ने कहा, कठिनाई के हिसाब से देखें तो भी गंगासागर मेला कुंभ मेले से ज्यादा कठिन है। ऐसा इसलिए क्योंकि कुंभ मेले में लोग बस, ट्रेन और कार से जा सकते हैं, लेकिन गंगासागर मेला जाने के लिए रास्ता बहुत कठिन है। उन्होंने कहा, जब 2011 में टीएमसी सत्ता में आई थी तो तीर्थयात्रा टैक्स वसूला जाता था। हमारे आने के बद इसे बंद करके मेला का खर्च राज्य सराकर ने उठाया। हमने तीर्थयात्रियों के लिए बायो टॉयलेट, आवास सभी व्यवस्था की।

11, 12 और 13 जनवरी को होगी गंगा आरती

सीएम ममता बनर्जी ने कहा, 11, 12 और 13 जनवरी को गंगासागर में सागर तट पर गंगा आरती होगी। पिछले साल भी गंगा आरती हुई थी। देश के विभिन्न हिस्सों से गंगासागर आने वाले लोगों को भाषा संबंधी कोई दिक्कतें न हो, इसके लिए सभी बसों में भाषाओं को समझाने के लिए सागर बंधु की ड्यूटी लगाई गई है। इस बार स्नान का पवित्र समय 14 जनवरी की सुबह से 15 की सुबह तक है।

राज्य सरकार बना रही है पुल- सीएम ममता

सीएम ममता बनर्जी ने कहा कि हम गंगासागर जाने के लिए केंद्र सरकार से एक ब्रिज बनाने की भी मांग कर रहे थे। कई सालों तक मांग करने के बाद भी केंद्र सरकार ने ब्रिज नहीं बनाया। इसके बाद यह तय किया गया की राज्य सरकार के पैसे से ब्रिज बनाई जाएगी।

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