IAS अधिकारी संघ ने वोट चोरी मामले में सीईसी और उनके परिवार पर व्यक्तिगत हमलों की निंदा की, जानें क्या कहा

IAS अधिकारी संघ ने वोट चोरी मामले में सीईसी और उनके परिवार पर व्यक्तिगत हमलों की निंदा की, जानें क्या कहा
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नई दिल्ली आईएएस अधिकारी संघ ने मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार और उनके परिवार पर हो रहे व्यक्तिगत हमलों की कड़ी निंदा की। विपक्ष ने चुनाव आयुक्त पर कथित वोट चोरी का आरोप लगाया, जिसके बाद उन्हें और उनके परिवार के सदस्यों को ऑनलाइन ट्रोलिंग का सामना करना पड़ रहा है। कुमार ने इसी साल 19 फरवरी को 26वें मुख्य चुनाव आयुक्त के रूप में कार्यभार संभाला था। वह 1988 बैच के केरल कैडर के (सेवानिवृत्त) आईएएस अधिकारी हैं।

व्यक्तिगत हमले कर्तव्यों से संबंधित नहीं

एसोसिएशन ने एक्स पर पोस्ट करके कहा कि इस तरह के व्यक्तिगत हमले आधिकारिक कर्तव्यों के निर्वहन से संबंधित नहीं हैं। हम सार्वजनिक सेवा में गरिमा और ईमानदारी के पक्षधर हैं। अधिकारियों ने बताया कि उनकी दोनों बेटियां और दामाद सिविल सेवक हैं। उन्होंने सीईसी के परिवार के सदस्यों के लिए गोपनीयता का अनुरोध किया। कुमार के छोटे भाई भी भारतीय राजस्व सेवा (सीमा शुल्क और अप्रत्यक्ष कर) में वरिष्ठ अधिकारी हैं।

राहुल गांधी ने दी चुनाव आयुक्त को चेतावनी

भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस) अधिकारियों के संघ का यह बयान कांग्रेस नेता राहुल गांधी द्वारा सीईसी और दोनों चुनाव आयुक्तों को चेतावनी दिए जाने के कुछ दिन बाद आया है। गांधी ने कहा था कि अगर आईएनडीआईए की सरकार बनती है तो उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।

गांधी ने 18 अगस्त को बिहार के गया जी में एक सभा को संबोधित करते हुए कहा था, मैं जो कहता हूं, वह करता हूं। आपने देखा है कि मैं मंच से झूठ नहीं बोलता ये तीन चुनाव आयुक्त मैं उन्हें बताना चाहता हूं कि अभी मोदीजी की सरकार है। तेजस्वी (यादव) जी ने कहा कि आप (चुनाव आयुक्त) भाजपा की सदस्यता ले चुके हैं और उनके लिए काम कर रहे हैं। लेकिन एक बात समझ लीजिए, एक दिन ऐसा आएगा जब बिहार और दिल्ली में आईनडीआईए ब्लॉक सरकार होगी; तब हम आप तीनों के खिलाफ कार्रवाई करेंगे, आपने पूरे देश से (वोट) चुराया है।

चुनाव आयुक्त ने राहुल से मांगा हलफनामा

कांग्रेस नेता द्वारा चुनाव निकाय पर ताजा हमला ऐसे समय में किया गया है जब एक दिन पहले ही मुख्य चुनाव आयुक्त कुमार ने उन्हें वोट चोरी के अपने दावे के समर्थन में हस्ताक्षरित हलफनामा प्रस्तुत करने के लिए सात दिन का अल्टीमेटम दिया था।

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