भारत-कनाडा रिश्तों में नरमी, NSA स्तर की वार्ता में सुरक्षा और सहयोग पर सहमति

नई दिल्ली भारत और कनाडा के रिश्ते हाल के वर्षों में कई उतार-चढ़ाव से गुजरे हैं, लेकिन अब दोनों देशों ने संवाद की राह फिर से पकड़ी है। गुरुवार को राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (एनएसए) अजीत डोभाल और कनाडा की एनएसए नथाली ड्रोइन के बीच बातचीत हुई। इसमें साझा चिंताओं और सुरक्षा मुद्दों पर विस्तार से चर्चा की गई। इस बातचीत का अहम हिस्सा भारत की खालिस्तानी गतिविधियों को लेकर चिंता रही।
सूत्रों के मुताबिक, डोभाल ने कनाडा में सक्रिय खालिस्तान समर्थक अलगाववादियों को लेकर भारत की गंभीर चिंता जताई। भारत लंबे समय से इस मुद्दे को उठा रहा है और यह स्पष्ट कर चुका है कि कनाडा की जमीन से ऐसी गतिविधियों को समर्थन देना द्विपक्षीय संबंधों को प्रभावित करता है। डोभाल ने कहा कि इस तरह की गतिविधियां दोनों देशों के रिश्तों में तनाव का कारण बनी हुई हैं।
वार्ता जारी रखने पर सहमति
दोनों देशों ने बातचीत को आगे भी जारी रखने और रिश्तों को सामान्य बनाने की दिशा में प्रयास करने पर सहमति जताई। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने शुक्रवार को बताया कि यह बैठक नियमित द्विपक्षीय सुरक्षा परामर्श का हिस्सा थी। उन्होंने कहा कि यह चर्चा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और कनाडा के प्रधानमंत्री मार्क कार्नी के बीच जून में जी-7 शिखर सम्मेलन में हुई बातचीत को आगे बढ़ाने का अवसर थी।
नए उच्चायुक्तों की नियुक्ति से बढ़ी उम्मीदें
इस बैठक का समय भी खास रहा क्योंकि यह भारत और कनाडा द्वारा नई दूत नियुक्तियों के तीन सप्ताह बाद हुई। भारत ने वरिष्ठ राजनयिक दिनेश के. पटनायक को ओटावा में उच्चायुक्त नियुक्त किया है, जबकि कनाडा ने क्रिस्टोफर कूटर को नई दिल्ली भेजा है। कूटर पहले ही नई दिल्ली पहुंच चुके हैं। इन नई नियुक्तियों को दोनों देशों के बीच संबंध सुधार की दिशा में सकारात्मक कदम माना जा रहा है।
भारतीय अधिकारियों को मिली धमकियां
शुक्रवार को एमईए ने कनाडा में भारतीय अधिकारियों को मिली हालिया धमकियों का भी जिक्र किया। रणधीर जायसवाल ने कहा कि भारतीय राजनयिक प्रतिष्ठानों को सुरक्षा प्रदान करना कनाडा सरकार की जिम्मेदारी है। उन्होंने बताया कि जब भी ऐसी कोई चिंता सामने आती है, भारत उसे तुरंत कनाडा के साथ उठाता है ताकि भारतीय दूतावास और अधिकारियों की सुरक्षा सुनिश्चित हो सके।
निज्जर प्रकरण से गहराया था विवाद
2023 में ब्रिटिश कोलंबिया में खालिस्तानी अलगाववादी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या के बाद भारत-कनाडा संबंधों में भारी तनाव पैदा हुआ था। कनाडा ने इस मामले को लेकर भारत पर आरोप लगाए थे, जिसके बाद दोनों देशों के रिश्ते अब तक के सबसे निचले स्तर पर पहुंच गए। हालांकि हालिया वार्ता से संकेत मिला है कि अब दोनों देश इस तनाव को कम करने और स्थिरता बहाल करने की दिशा में आगे बढ़ना चाहते हैं।
