आतंकवाद रोधी प्रयासों में भारत को मिला अंतरराष्ट्रीय सहयोग, किया बड़ा वादा

नई दिल्ली |भारत और पराग्वे ने आतंकवाद और साइबर खतरों के खिलाफ सहयोग को मजबूत करने पर सहमति व्यक्त की है। दोनों देशों ने शुक्रवार को असुनसियन में आयोजित भारत-पराग्वे संयुक्त आयोग तंत्र (जेसीएम) की पहली बैठक के दौरान आतंकवाद को वैश्विक शांति के लिए एक बड़ा खतरा बताया।
संयुक्त बयान में कहा गया कि दोनों देश आतंकवाद को एक गंभीर वैश्विक चुनौती मानते हैं। विदेश मंत्रालय ने कहा, "दोनों पक्ष इस बात पर सहमत हुए कि आतंकवाद, अपने सभी रूपों और अभिव्यक्तियों में, अंतर्राष्ट्रीय शांति और सुरक्षा के लिए एक गंभीर खतरा है।"
दोनों देशों ने द्विपक्षीय, क्षेत्रीय, बहुपक्षीय और वैश्विक स्तरों पर संयुक्त कार्रवाई करने का भी इरादा जताया। बयान में कहा गया, "दोनों देशों ने एक साथ मिलकर कोशिशों के जरिए आतंकवाद का मुकाबला करने की अपनी प्रतिबद्धता की पुष्टि की। सुरक्षा एवं साइबर सुरक्षा के क्षेत्रों में सहयोग और द्विपक्षीय समन्वय तंत्र को मजबूत करने की इच्छा व्यक्त की।"
बैठक की अध्यक्षता पराग्वे सरकार की ओर से उप विदेश मंत्री और राजदूत विक्टर वर्दुन और भारत सरकार की ओर से विदेश मंत्रालय के सचिव (पूर्व) पेरियासामी कुमारन ने की। दोनों पक्षों के प्रतिनिधियों ने राजनीतिक संबंधों, व्यापार, शिक्षा, स्वास्थ्य, सूचना एवं संचार प्रौद्योगिकी पर चर्चा की। उन्होंने वाणिज्य दूतावास प्रक्रियाओं में सुधार और खास तौर से नवीकरणीय ऊर्जा, कृषि और जैव ईंधन में निवेश को बढ़ावा देने पर भी चर्चा की।
बयान के मुताबिक दोनों पक्ष पारस्परिक रूप से लाभकारी क्षेत्रों में सहयोग को मजबूत करने, व्यापार को बढ़ावा देने, निवेश को प्रोत्साहित करने और पारस्परिक हित के क्षेत्रों में बहुआयामी साझेदारी को मजबूत करने के साथ-साथ द्विपक्षीय समझौतों पर बातचीत को आगे बढ़ाने के महत्व पर सहमत हुए।
विदेश मंत्रालय के बयान के अनुसार, "कृषि, नवीकरणीय ऊर्जा (खासकर सौर ऊर्जा), जैव ईंधन, सूचना एवं संचार प्रौद्योगिकियां, साइबर सुरक्षा, जन स्वास्थ्य, शिक्षा एवं तकनीकी प्रशिक्षण, नागरिक उड्डयन, बुनियादी ढांचा, रेलवे, जल प्रबंधन एवं सहयोग, सतत विकास और अंतरिक्ष सहयोग क्षेत्रों को प्राथमिकता के रूप में पहचाना गया।"
अधिकारियों ने कहा कि दोनों देश नियमित चर्चा और बैठकों को जारी रखेंगे। इसके अलावा बैठक में शिक्षा एवं विज्ञान मंत्रालय, लोक स्वास्थ्य एवं समाज कल्याण मंत्रालय, उद्योग एवं वाणिज्य मंत्रालय, सूचना एवं संचार प्रौद्योगिकी मंत्रालय और खान एवं ऊर्जा मंत्रालय सहित पराग्वे के संबंधित मंत्रालयों के वरिष्ठ प्रतिनिधियों ने भी भाग लिया। संयुक्त आयोग का अगला सत्र दोनों पक्षों की ओर से सहमत तिथि पर नई दिल्ली में आयोजित किया जाएगा।
