भारत ने बनाई फरारी जैसी अर्थव्यवस्था, दूसरा अब भी मलबे का डंपर..' राजनाथ का पाकिस्तान पर हमला

भारत ने बनाई फरारी जैसी अर्थव्यवस्था, दूसरा अब भी मलबे का डंपर.. राजनाथ का पाकिस्तान पर हमला
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नई दिल्ली रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने शुक्रवार को पाकिस्तान पर निशाना साधते हुए कहा कि दोनों देशों को एक ही समय पर आजादी मिली। एक देश ने मेहनत, सही नीतियों और दूरदर्शिता से फरारी जैसी अर्थव्यवस्था बनाई, जबकि दूसरा देश अब भी मलबे के डंपर जैसा है। राजनाथ सिंह ने पाकिस्तान के सेना प्रमुख जनरल असीम मुनीर के बयान का हवाला देते हुए यह बात कही।


राजनाथ सिंह ने कहा, मैं आपका ध्यान हाल ही में पाकिस्तान के सेना प्रमुख जनरल असीम मुनीर के दिए एक बयान की ओर दिलाना चाहता हूं। उन्होंने कहा कि भारत एक फरारी जैसी चमचमाती मर्सिडीज है, जो हाइवे पर तेजी से दौड़ रही है और हम एक बजरी से भरा डंप ट्रक हैं। अगर ये ट्रक उस कार से टकरा जाए, तो नुकसान किसका होगा? भारत की अर्थव्यवस्था एक मर्सिडीज और फरारी की तरह हाइवे पर दौड़ रही है। यह मैंने नहीं कहा, उन्होंने खुद कहा। पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था एक मलबे से भरे डंपर जैसी है। अब इसका जवाब आप लोग खुद जानते हैं।

केंद्रीय मंत्री आगे कहा, असीम मुनीर को उनके इस बयान के लिए पाकिस्तान और दुनियाभर में भी खूब ट्रोल किया गया। लोगों ने कहा कि जब दो देशों को एक ही समय पर आजादी मिली और एक देश ने मेहनत, सही नीतियों और दूरदर्शिता से फरारी जैसी अर्थव्यवस्था बनाई, जबकि दूसरा देश अब भी डंपर की हालत में है, तो ये उनकी अपनी नाकामी है।

उन्होंने कहा, मैं असीम मुनीर के इस बयान को केवल ट्रोल करने लायक मजाक नहीं समझता, बल्कि इसे एक 'स्वीकारोक्ति' मानता हूं। अगर हम इस बयान के पीछे छिपे गंभीर संकेत को नजरअंदाज करते हैं, तो यह हमारे लिए चिंता का विषय बन सकता है। अगर हम इस चेतावनी को गंभीरता से लें और पहले से तैयारी करें, तो भारत ऐसे किसी भी खतरे का मुंहतोड़ जवाब देने में पूरी तरह सक्षम है।

'वैश्विक आपूर्ति श्रृंखला को मजबूत कर सकता है भारत'

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा, आज जब दुनिया के कई देश वैश्विक आपूर्ति श्रृंखला (सप्लाई चेन) की बाधाओं से बुरी तरह प्रभावित हैं, तब भारत इन सप्लाई चेन को मजबूत करने में मदद कर सकता है। आज दुनिया के बड़े देश 'चाइना प्लस' की बात कर रहे हैं। मैं आपसे पूछता हूं, भारत के अलावा ऐसा कौन-सा देश है जो यह काम कर सकता है? मुझे पूरा भरोसा है कि जब आप इसका जवाब ढूंढेंगे तो कहेंगे यह काम केवल भारत ही कर सकता है।

विदेशी कंपनियों से की भारत में निवेश की अपील

सिंह ने कहा, मैं सभी विदेशी कंपनियों और निवेशकों से अपील करता हूं कि वे भारत के जीवंत रक्षा उत्पादन क्षेत्र में आएं और निवेश करें। हम आपको हर जरूरी मंजूरी देंगे और पूरा सहयोग भी देंगे। हमारा 'मेक इन इंडिया' केवल भारत तक सीमित नहीं है। जब आप भारत में बनाएंगे, तो आप पूरी दुनिया के लिए बनाएंगे। भारत की सोच विकास और शांति पर आधारित है। हमारे लिए खुद का विकास काफी नहीं, बल्कि सामूहिक विकास ज्यादा जरूरी है।

'आत्मनिर्भर भारत केवल आयात कम करने की नीति नहीं'

उन्होंने कहा, जब हम आत्मनिर्भर भारत की बात करते हैं, तो यह केवल आयात को कम करने की नीति नहीं है। इसके पीछे एक बड़ा भाव पूरी दुनिया का कल्याण है। इसके पीछे दुनिया को एक मजबूत सप्लाई चेन उपलब्ध कराने की सोच है। आज पूरी दुनिया में भारत को लेकर एक उम्मीद और भरोसे का माहौल बना है।

'सेमीकंडक्टर्स पर मिशन मोड में काम कर रही सरकार'

रक्षा मंत्री ने कहा, भारत की आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) क्षमता को मजबूत करने के लिए सरकार ने 'इंडिया-एआई मिशन' की शुरुआत की है। इसके तहत भारत की जरूरतों को ध्यान में रखते हुए एआई मॉडल विकसित किए जाएंगे। हमारा लक्ष्य है कि भारत एक वैश्विक एआई केंद्र बने। हमारी सरकार सेमीकंडक्टर्स पर मिशन मोड में काम कर रही है। जैसा कि प्रधानमंत्री ने अपने स्वतंत्रता दिवस भाषण में कहा, इस साल के अंत तक भारत के लोगों के द्वारा बनाए गए 'मेड इन इंडिया' सेमीकंडक्टर्स बाजार में आ जाएंगे। उन्होंने कहा, प्रसिद्ध अर्थशास्त्री जगदीश भगवती ने हाल ही में कहा कि पहले विश्व बैंक भारत को बताता था कि क्या करना है और अब भारत वर्ल्ड बैंक को बताता है कि क्या करना चाहिए। यह बात भारत की बीते 11 वर्षों की यात्रा को दिखाती है।

'भारत के नेतृत्व में संभव है नई विश्व व्यवस्था'

उन्होंने कहा, हमें यह भी स्वीकार करना होगा कि मौजूदा वैश्विक व्यवस्था ने कुछ देशों को अभूतपूर्व समृद्धि दी है, लेकिन दुनिया की बड़ी आबादी को केवल असमानता, असुरक्षा और अनिश्चितता ही दी है। ऐसे समय में एक नई, नियम आधारित वैश्विक व्यवस्था बनाना जरूरी है। एक ऐसी व्यवस्था जहां बराबरी हो, सभी के लिए समान अवसर हों। टकराव की जगह सहयोग हो, प्रतिस्पर्धा की जगह साझेदारी हो। मुझे भरोसा है कि ऐसी व्यवस्था केवल भारत के नेतृत्व में ही संभव है।


'भारतीय दर्शन में वैश्विक व्यवस्था वर्चस्व की होड़ नहीं'

रक्षा मंत्री ने कहा, हम हमेशा एक ऐसी वैश्विक व्यवस्था की कल्पना करते हैं, जहां ताकत जिम्मेदारी से संचालित हो, उद्देश्य सबके कल्याण से जुड़ा हो और देशों के बीच साझेदारी सामान्य बात हो। भारतीय दर्शन वैश्विक व्यवस्था को वर्चस्व की होड़ के रूप में नहीं देखता, बल्कि इसे सबके सम्मान, सामंजस्य और साझी यात्रा के रूप में देखता है। हमारी परंपरा में ताकत का मापदंड दूसरों पर हुकूमत करने की क्षमता नहीं, बल्कि उनकी देखभाल करने क्षमता है। यह संकीर्ण स्वार्थ के पीछे भागने में नहीं, बल्कि वैश्विक कल्याण के प्रति समर्पण में है।

राजनाथ सिंह ने कहा, कुछ दिन पहले ही हमने हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (एचएएल) को करीब 66,000 करोड़ रुपये की लागत से 97 तेजस लड़ाकू विमानों के निर्माण का नया ऑर्डर दिया है। इससे पहले एचएएल को 83 विमानों के लिए 48,000 करोड़ रुपये का ऑर्डर पहले ही दिया जा चुका है। हमारा तेजस विमान भारत की स्वदेशी रक्षा क्षमताओं का शानदार उदाहरण बनने जा रहा है। उन्होंने कहा, ऐसा नहीं है कि इस काम में हमें चुनौतियों का सामना नहीं करना पड़ा, लेकिन हमने यह संकल्प लिया है कि हर समस्या का समाधान निकालेंगे और लड़ाकू विमान पूरी तरह से भारत में ही बनाने की क्षमता स्थापित करेंगे। आज हम पांचवीं पीढ़ी के लड़ाकू विमान बनाने की दिशा में भी आगे बढ़ चुके हैं। उन्होंने कहा, हम विमान के इंजन को भी भारत में बनाने की दिशा में बढ़ रहे हैं।

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