2038 तक भारत बनेगा दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था: EY रिपोर्ट

नई दिल्ली वैश्विक परामर्श कंपनी ईवाई की रिपोर्ट के मुताबिक भारत 2038 तक खरीद शक्ति समानता (पीपीपी) के आधार पर दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन सकता है। उस समय भारत का सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) 34.2 ट्रिलियन अमेरिकी डॉलर तक पहुंचने का अनुमान है। यह आकलन अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) के अनुमान पर आधारित है।
2030 तक 20.7 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था
ईवाई ने कहा कि आईएमएफ की रिपोर्ट के अनुसार भारत 2030 तक 20.7 ट्रिलियन डॉलर (पीपीपी) की अर्थव्यवस्था तक पहुंच सकता है। तुलना में चीन 42.2 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था के साथ आगे रहेगा, लेकिन उसकी उम्रदराज आबादी और बढ़ता कर्ज बड़ी चुनौती है। अमेरिका मजबूत बना रहेगा लेकिन 120% से अधिक के ऋण-जीडीपी अनुपात और धीमी वृद्धि दर से जूझेगा। जर्मनी और जापान भी अपने अधिक आयु वाले समाज और वैश्विक व्यापार पर निर्भरता के कारण सीमित रहेंगे।
भारत की खासियत- युवा आबादी और बचत दर
भारत की बड़ी ताकत इसका युवा जनसंख्या प्रोफाइल है। 2025 में भारत की औसत आयु मात्र 28.8 वर्ष है। इसके साथ ही, भारत के पास दुनिया की दूसरी सबसे ऊंची बचत दर है। सरकार का ऋण-जीडीपी अनुपात भी 2024 में 81.3% से घटकर 2030 में 75.8% पर आने का अनुमान है। इसके विपरीत, अन्य बड़ी अर्थव्यवस्थाओं का ऋण लगातार बढ़ रहा है।
सुधार और नीतियों का योगदान
भारत की इस लंबी अवधि की मजबूती सिर्फ जनसांख्यिकी पर आधारित नहीं है, बल्कि संरचनात्मक सुधारों और मजबूत बुनियादों पर भी टिकी है। जीएसटी, दिवाला एवं शोधन अक्षमता संहिता (आईबीसी), वित्तीय समावेशन (यूपीआई) और उत्पादन से जुड़े प्रोत्साहन (पीएलआई) योजनाएं उद्योगों की प्रतिस्पर्धात्मकता बढ़ा रही हैं। बुनियादी ढांचे में सार्वजनिक निवेश, एआई, सेमीकंडक्टर, नवीकरणीय ऊर्जा जैसी तकनीकों का तेजी से अपनाना भारत को भविष्य के लिए मजबूत बना रहा है।
2047 तक विकसित भारत की दिशा
ईवाई इंडिया के मुख्य नीति सलाहकार डी. के. श्रीवास्तव ने कहा कि भारत की युवा और कुशल कार्यशक्ति, ऊंची बचत व निवेश दर और तुलनात्मक रूप से टिकाऊ ऋण प्रोफाइल, वैश्विक अस्थिरता के बीच भी तेज विकास बनाए रखेगी। उन्होंने आगे कहा कि भारत अगर महत्वपूर्ण तकनीकी क्षमताओं को विकसित करने और लचीलापन बढ़ाने पर ध्यान देता है तो 2047 तक विकसित भारत का सपना पूरा हो सकता है। ईवाई की रिपोर्ट के मुताबिक भारत 2028 तक बाजार विनिमय दर (एमईआर) के आधार पर जर्मनी को पीछे छोड़ते हुए दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन जाएगा।
अमेरिकी टैरिफ का असर सीमित
रिपोर्ट में कहा गया कि अमेरिका की तरफ से लगाए गए टैरिफ का असर भारत की जीडीपी के 0.9% तक हो सकता है, लेकिन उचित कदम उठाने पर इसकी चोट विकास दर पर सिर्फ 0.1 प्रतिशत अंक तक सीमित रहेगी। इसके लिए भारत को निर्यात में विविधता, घरेलू मांग को मजबूत करने और नए व्यापार साझेदारी बढ़ाने जैसे कदम उठाने होंगे।
