भारत को मिलेगा पहला ‘स्वदेशी होवरक्राफ्ट’, गोवा के चौगुले शिपयार्ड में निर्माण कार्य शुरू

नई दिल्ली गोवा के चौगुले शिपयार्ड में बुधवार को भारतीय तटरक्षक बल (आईसीजी) के लिए पहले स्वदेशी एयर कुशन व्हीकल यानी होवरक्राफ्ट के निर्माण की औपचारिक शुरुआत हो गई है। इसका डिजाइन ब्रिटेन के ग्रिफॉन होव मॉडल पर आधारित है। लेकिन, इसे भारतीय जरूरतों के मुताबिक ढाला गया है, ताकि ये देश की समुद्री सीमाओं की सुरक्षा में अहम भूमिका निभा सके।
इन होवरक्राफ्ट्स के शामिल होने से तटरक्षक बल की ताकत कई गुना बढ़ जाएगी। ये होवरक्राफ्ट तेज स्पीड से चलते हैं, कम गहराई वाले इलाकों में भी ऑपरेशन कर सकते हैं और किसी भी आपात स्थिति में तेजी से रिस्पॉन्स दे सकते हैं। ये परियोजना आत्मनिर्भर भारत अभियान के तहत समुद्री सुरक्षा में आत्मनिर्भरता की दिशा में एक बड़ा कदम माना जा रहा है।
होवरक्राफ्ट घुसपैठ विरोधी अभियानों, मानवीय सहायता और प्राकृतिक आपदा प्रतिक्रिया के लिए एक संसाधन का काम करेंगे। इन क्षमताओं के साथ, होवरक्राफ्ट भारत के 7,500 किलोमीटर लंबे समुद्र तट पर बल गुणक (फोर्स मल्टीप्लायर्स) के रूप में काम करेंगे, साथ ही ऐसे इलाके जो पारंपरिक जहाजों के लिए दुर्गम होते हैं, यह वहां पर भी आसानी से चलेंगे और ताकत को बढ़ाएंगे।
इस मौके पर तटरक्षक बल के डिप्टी डायरेक्टर जनरल, इंस्पेक्टर जनरल सुधीर साहनी ने निर्माण कार्य की शुरुआत का निरीक्षण किया। इससे पहले 24 अक्तूबर 2024 को रक्षा मंत्रालय और शिपयार्ड के बीच 6 होवरक्राफ्ट के निर्माण को लेकर समझौता हुआ था।