भारत का रक्षा उत्पादन 1.51 लाख करोड़ पहुंचा, रक्षा निर्यात 24 हजार करोड़ पार

लेह| रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने रविवार को कहा कि भारत रक्षा निर्माण के क्षेत्र में ऐतिहासिक बदलाव का साक्षी बन रहा है। देश अब आयात-निर्भर राष्ट्र से उभरते हुए रक्षा उत्पादक और निर्यातक के रूप में अपनी पहचान स्थापित कर रहा है। उन्होंने बताया कि 2014 में जहां देश का रक्षा उत्पादन मात्र 46,000 करोड़ रुपये था, वह आज बढ़कर 1.51 लाख करोड़ रुपये के रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गया है। इसी अवधि में रक्षा निर्यात भी 1,000 करोड़ से बढ़कर लगभग 24,000 करोड़ रुपये तक पहुंच गया है।
राजनाथ सिंह लेह में बॉर्डर रोड्स ऑर्गनाइजेशन की 125 महत्वपूर्ण परियोजनाओं के उद्घाटन कार्यक्रम में बोल रहे थे। इन परियोजनाओं में 28 सड़कें, 93 पुल और चार अन्य कार्य शामिल हैं, जिनकी कुल लागत 5,000 करोड़ रुपये बताई गई है। ये परियोजनाएं लद्दाख, जम्मू-कश्मीर तथा अरुणाचल प्रदेश, सिक्किम, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड, राजस्थान, पश्चिम बंगाल और मिजोरम जैसे राज्यों में फैली हुई हैं।
BRO की तकनीकी प्रगति की सराहना
रक्षा मंत्री ने बीआरओ की तकनीकी क्षमता, तेज निर्माण और नवाचार की विशेष प्रशंसा की। उन्होंने कहा कि उन्नत इंजीनियरिंग तकनीकों के इस्तेमाल से सीमा क्षेत्रों में परियोजनाओं की गति पहले से कहीं अधिक तेज हुई है। उन्होंने विशेष रूप से क्लास-70 मॉड्यूलर ब्रिज का जिक्र किया, जिन्हें भारतीय जहाज निर्माता गार्डन रीच शिपबिल्डर्स एंड इंजीनियर्स के सहयोग से पूरी तरह स्वदेशी तकनीक से बनाया गया है। राजनाथ सिंह के अनुसार ये पुल भारत की इंजीनियरिंग आत्मनिर्भरता का मजबूत उदाहरण हैं, जो कई अग्रिम इलाकों में सफलता के साथ स्थापित किए गए हैं।
BRO का रिकॉर्ड खर्च और लक्ष्य
उन्होंने बताया कि वित्त वर्ष 2024-25 में बीआरओ ने 16,690 करोड़ रुपये की रिकॉर्ड खर्च राशि दर्ज की है। अगले वित्त वर्ष 2025-26 के लिए बीआरओ को 18,700 करोड़ रुपये का लक्ष्य दिया गया है, जो सरकार के विश्वास का प्रतीक है। पिछले दो वर्षों में बीआरओ की 356 परियोजनाओं को राष्ट्र को समर्पित किया जा चुका है, जो सामरिक बुनियादी ढांचे में एक बड़ी उपलब्धि है।
कठिन इलाकों में अद्भुत कामयाबी
बीआरओ अधिकारियों के अनुसार, संगठन ने ऊंचाई वाले, बर्फबारी वाले, मरुस्थल, बाढ़-प्रभावित और घने जंगल वाले इलाकों में अपनी अतुलनीय क्षमता का प्रदर्शन किया है। राष्ट्रीय सुरक्षा, कनेक्टिविटी और विकास में बीआरओ की अहम भूमिका को देखते हुए केंद्र सरकार ने बजट 2025-26 में बीआरओ का आवंटन 6,500 करोड़ से बढ़ाकर 7,146 करोड़ कर दिया है।
