जल जीवन मिशन परियोजनाओं का होगा निरीक्षण

जल जीवन मिशन परियोजनाओं का होगा निरीक्षण
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केंद्र सरकार ने जल जीवन मिशन की परियोजनाओं का निरीक्षण कराने की तैयारी की है। मध्य प्रदेश, राजस्थान, कर्नाटक और उत्तर प्रदेश समेत विभिन्न राज्यों में बन चुकीं परियोजनाओं का दौरा करने के लिए 100 टीमें बनाई गईं हैं।

आठ मई को जल शक्ति मंत्रालय के तहत योजनाओं के कार्यान्वयन की समीक्षा के लिए कैबिनेट सचिव टीवी सोमनाथन की अध्यक्षता में बैठक हुई। इसमें टीमों को तैनात करने का फैसला लिया गया। कार्मिक मंत्रालय द्वारा जारी आदेश में कहा गया है कि बैठक के दौरान जल जीवन मिशन योजनाओं के जमीनी निरीक्षण के लिए 100 टीमें तैनात करने का निर्णय लिया गया।

कार्मिक मंत्रालय ने मिशन के तहत योजनाओं के कार्यान्वयन का आकलन करने के लिए चिन्हित जिलों के लिए केंद्रीय नोडल अधिकारी (सीएनओ) नियुक्त किए हैं। इसमें विभिन्न केंद्रीय सरकारी विभागों के सचिवों, संयुक्त सचिवों और निदेशकों को तैनात किया गया है।

आदेश के अनुसार, मूल्यांकन की जाने वाली ऐसी 27 योजनाएं मध्य प्रदेश में हैं, जो देश में सबसे अधिक है, इसके बाद राजस्थान में 21, उत्तर प्रदेश में 18 और कर्नाटक में 16 हैं। केंद्रीय टीमें ओडिशा, गुजरात, तमिलनाडु, पश्चिम बंगाल, आंध्र प्रदेश, झारखंड, पंजाब, सिक्किम, मेघालय, छत्तीसगढ़ और गोवा सहित अन्य राज्यों का भी दौरा करेंगी।

क्या है जल जीवन मिशन?

जल जीवन मिशन को 2019 में शुरू किया गया था। इसे 3.60 लाख करोड़ की लागत से कार्यांवित किया जा रहा है, जिसमें केंद्र सरकार की तरफ से 2.08 लाख करोड़ और राज्यों की तरफ से 1.52 लाख करोड़ का योगदान है। यह मिशन अपने लक्ष्य को पूरा करने की राह पर है। जेजेएम का लक्ष्य केवल सभी के लिए सुरक्षित पेयजल पहुंचाना है।

पानी के कनेक्शन में हुई है वृद्धि

पिछले साल अक्तूबर में आई एक रिपोर्ट में कहा गया था कि पिछले पांच वर्षों में भारत में ग्रामीण परिवारों के लिए नल के पानी के कनेक्शन में पांच गुना की वृद्धि हुई है। अक्तूबर 2024 तक नल कनेक्शन वाले ग्रामीण परिवारों की संख्या बढ़कर 15.20 करोड़ हो गई। मिशन के लॉन्च के दौरान केवल 3.23 ग्रामीण परिवारों के पास ही नल का कनेक्शन था, लेकिन वर्तमान समय में इसमें पांच गुना वृद्धि हुई है। रिपोर्ट में बताया गया, 10 अक्तूबर 2024 तक जेजेएम के तहत 11.96 अतिरिक्त घरों को नल का कनेक्शन प्रदान किया गया। इसी के साथ अब मौजूदा समय में 15.20 करोड़ ग्रामीण परिवार नल के कनेक्शन का लाभ उठा रहे हैं।

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