खरगे ने केंद्र सरकार पर तंज कसा, कहा- अगले साल सुशासन की उम्मीद

खरगे ने केंद्र सरकार पर तंज कसा, कहा- अगले साल सुशासन की उम्मीद
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नई दिल्ली |कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने बुधवार को केंद्र पर तंज कसते हुआ कहा कि उम्मीद करता हूं कि सरकार आने वाले साल में सुशासन देगी। उन्होंने कर्नाटक के बंगलूरू में बुधवार को कहा, मैं प्रार्थना करता हूं कि यह साल अच्छा बीते, और सब खुश रहें। मुझे उम्मीद है कि नया साल सभी के लिए समृद्धि और अच्छी सेहत लेकर आएगा और सरकारें अगले साल अच्छा शासन देंगी। मल्लिकार्जुन खरगे के आरोपों पर पलटवार करते हुए केंद्रीय मंत्री जेपी नड्डा ने एक्स पर लिखा, मल्लिकार्जुन खरगे जी, झूठ परोसने के अलावे कांग्रेस के पास और कोई काम नहीं है क्या? 2025 में देश की जनता ने आपके हर झूठ को खारिज किया। इसके बावजूद आप झूठ की खेती करने से बाज नहीं आ रहे।

क्या बोले खरगे?

इससे पहले दिन में एक्स (पूर्व ट्विटर) पर पोस्ट करते हुए राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष खरगे ने भाजपा पर तीखा हमला बोला था। उन्होंने भाजपा पर मनरेगा का नाम बदलने,रुपये के गिरते मूल्य,महंगाई सहित 14 मुद्दों पर सरकार को घेरा। खरगे ने एक्स पर लिखा कि साल के आखिरी दिन ये याद दिलाना जरूरी है कि 2025, भाजपा के 11वें साल में देश कैसा चला? मनरेगा खत्म कर, करोड़ों गरीबों के "काम का अधिकार" छीना। बिना तैयारी कर, बिना बीएलओ ट्रेनिंग के एसआईआर से करोड़ों लोगों का "वोटिंग का अधिकार" छीना, भाजपा की वोट चोरी पकड़ी गई ।

मनरेगा और मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) का हवाला देते हुए खरगे ने आरोप लगाया कि केंद्र ने लोगों से काम और वोट का अधिकार छीना। उन्होंने मनरेगा की जगह लाए गए विकसित भारत-रोजगार और आजीविका मिशन (ग्रामीण) अधिनियम, 2025 की आलोचना की। इसके साथ ही उन्होंने बढ़ती आर्थिक असमानता, डॉलर के मुकाबले रुपये के 91 के पास पहुंचने,आरबीआई के 32 अरब डॉलर (2.8 लाख करोड़ रुपये) की बिक्री का कोई फर्क न पड़ने, युवाओं की बेरोजगारी और पेपर लीक का भी जिक्र किया।

उन्होंने भारत–पाक तनाव में अमेरिका और चीन की मध्यस्थता के दावों, मणिपुर, महंगाई, जीएसटी, सामाजिक अत्याचार, प्रदूषण, पर्यावरणीय नुकसान और हादसों पर भी सरकार को घेरा। इसके जवाब में भाजपा प्रवक्ता प्रदीप भंडारी ने पलटवार करते हुए कहा कि पीएम मोदी के सुधारों से भारत चौथी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बना। यह नारों से नहीं, बल्कि सुधारों से हुआ है। जहां कांग्रेस ने नीतिगत निष्क्रियता को बढ़ावा दिया,वहीं, प्रधानमंत्री मोदी की सरकार ने नीतियों को लागू किया।

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