महाशिवरात्रि पर्व पर रातभर होगी बाबा महाकाल की पूजा, भक्तों को 44 घंटे दर्शन देंगे बाबा महाकाल

सनातन धर्म परंपरा में जिस प्रकार शक्ति की आराधना के लिए देवी मंदिरों में नवरात्रि मनाई जाती है, उसी प्रकार उज्जैन के विश्वप्रसिद्ध श्री महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग मंदिर में शिव नवरात्रि मनाई जाती है। बारह ज्योतिर्लिंगों में एकमात्र श्री महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग मंदिर में ही शिव नवरात्रि उत्साह पूर्वक मनाई जाती है। श्री महाकालेश्वर मंदिर में शिव नवरात्रि का यह उत्सव फाल्गुन कृष्ण पंचमी 17 फरवरी से प्रारम्भ हो गया है, श्री महाशिवरात्रि महापर्व के अगले दिन तक चलेगा। इस दौरान श्री महाकालेश्वर भगवान के पट दर्शन हेतु लगभग 44 घंटे दर्शन हेतु खुले रहेगे।
आज 25 फरवरी की रात्रि महाशिवरात्रि महापर्व पर भस्मार्ती हेतु श्री महाकालेश्वर भगवान जी के मंगल पट प्रात: 2:30 बजे खुलेंगे। भस्मारती उपरांत 7:30 से 8:15 दद्योदक आरती, 10:30 से 11:15 तक भोग आरती के पश्यात दोपहर 12 बजे से उज्जैन तहसील की ओर से पूजन-अभिषेक संपन्न होगा। सायं 4 बजे होल्कर व सिंधिया स्टेट की ओर से पूजन व सायं पंचामृत पूजन के बाद भगवान श्री महाकालेश्वर को नित्य संध्या आरती के समान गर्म मीठे दूध का भोग लगाया जायेगा। रात्रि में सायं 7 बजे से 10 बजे तक कोटितीर्थ कुण्ड के तट पर विराजित श्री कोटेश्वर महादेव का पूजन, सप्तधान्य अर्पण, पुष्प मुकुट श्रृंगार (सेहरा) के उपरांत आरती की जायेगी। 26 फरवरी 2025 की रात्रि 11 बजे से सम्पूर्ण रात्रि के साथ ही 27 फरवरी प्रात: 6 बजे तक भगवान श्री महाकालेश्वर जी का महाअभिषेक पूजन चलेगा।
जिसमें एकादश-एकादशनी रूद्रपाठ व विभिन्न मंत्रों के माध्यम से 11 ब्राह्मणों द्वारा देवादिदेव भगवान श्री महाकालेश्वर जी का अभिषेक किया जायेगा। उसके पश्चात भस्म लेपन, विभिन्न प्रकार के पाच फलों के रसों से अभिषेक, पंचामृत पूजन (101 लीटर दूध, 31 किलो दही, 21 किलो खांडसारी , 21 किलो शहद, 15 किलो घी), गंगाजल, गुलाब जल, भाँग आदि के साथ केसर मिश्रित दूध से अभिषेक किया जायेगा।
फाल्गुन कृष्ण चतुर्दशी 27 फरवरी 2025 गुरुवार अभिषेक उपरांत भगवान को नवीन वस्त्र धारण कराये जाकर सप्तधान्य का मुखारविंद धारण कराया जायेगा। जिसके उपरांत भगवान श्री महाकालेश्वर को सप्तधान्य अर्पित किया जाएगा, जिसमें चावल, खड़ा मूंग, तिल, गेहूं, जौ, साल, खड़ा उड़द सम्मिलित रहेगे। श्री महाकालेश्वर मंदिर के पुजारियों द्वारा भगवान श्री महाकालेश्वर का श्रृंगार कर पुष्प मुकुट (सेहरा) बांधा जाएगा। भगवान श्री महाकालेश्वर जी को चंद्र मुकुट, छत्र, त्रिपुंड व अन्य आभूषणों से श्रृंगारित किया जायेगा। भगवान पर न्योछावर नेग स्वरुप चांदी का सिक्का व बिल्वपत्र अर्पित की जायेगी।
श्री महाकालेश्वर भगवान की सेहरा आरती की जायेगी व भगवान को विभिन्न मिष्ठान्न, फल, पञ्च मेवा आदि का भोग अर्पित किये जाएंगे। 27 फरवरी 2025 को प्रातः सेहरा दर्शन के उपरांत वर्ष में एक बार दिन में 12 बजे होने वाली भस्मार्ती होगी। भस्मार्ती के बाद भोग आरती होगी व शिवनवरात्रि का पारणा किया जायेगा। 27 फरवरी को सायं पूजन, सायं आरती व शयन आरती के बाद भगवान श्री महाकालेश्वर के पट मंगल होगे।