महाकाल मंदिर के गर्भगृह में जाने पर रोक से फिर विवाद जैसी स्थिति, श्रद्धालुओं में VIP कल्चर से रोष

महाकाल मंदिर के गर्भगृह में जाने पर रोक से फिर विवाद जैसी स्थिति, श्रद्धालुओं में VIP कल्चर से रोष
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उज्जैन: मध्य प्रदेश के उज्जैन शहर में स्थित महाकालेश्वर मंदिर 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक है। यह पूरे विश्व में भगवान शिव के प्रसिद्ध मंदिरों में से एक है। यहां हर समय करोड़ों श्रद्धालुओं आस्था की डुबकी लगाने आते हैं। महाकाल लोक भी बनने के बाद लाखों लोगों को अपनी ओर आकर्षित कर रहा है। पर महाकाल मंदिर में दर्शन को लेकर फिर एक बार विवाद के बादल घिरने लगे हैं। चलिए आपको बताते हैं पूरा मामला

पिछले एक साल से उज्जैन के महाकाल मंदिर के गर्भगृह में आम श्रद्धालुओं का प्रवेश प्रतिबंधित है। इस दौरान वीआईपी भक्तों के दर्शन जारी है। इस भेदभाव से दूर-दराज से आने वाले श्रद्धालुओं में भारी रोष देखा रहा है। श्रद्धालुओं का कहना है कि वे भगवान शिवलिंग का स्पर्श करने और अभिषेक करने की इच्छा लेकर दुसरे राज्यों से आते हैं। पर उन्हें मायूस लौटना पड़ता है। उनका तर्क है कि सभी भक्त समान हैं और उन्हें गर्भगृह में प्रवेश का समान अधिकार मिलना चाहिए।मंदिर समिति का कहना

मंदिर प्रबंधन समिति का कहना है कि गर्भगृह में भीड़भाड़ को नियंत्रित करने के लिए यह कदम उठाया गया था। इस पर एक जानकार का कहना है कि लगातार इतने स्पर्श से शिवलिंग को भी नुकसान पहुंचता है। इस हिसाब से यह कदम ठीक है। पर लोगों को दर्शन के लिए भगवान के पास जाने की अनुमति पर समिति को एक बार फिर से विचार करना चाहिए। यह करोड़ों लोगों की आस्था से जुड़ा हुआ मामला है।

क्या बोले श्रद्धालु

जहां पहले भक्त आराम से शिवलिंग पर अभिषेकर के साथ पूजन अर्जन कर लेते थे। पर अब ऐसा नहीं है। श्रद्धालु वीआईपी कल्चर की प्राथमिकताओं पर भी सवाल खड़े कर रहे हैं। इस मामले को लेकर एक युवक अमित ने सोशल मीडिया पर नाराजगी जताते हुए लिखा कि आम लोगों के लिए भी बिल्कुल खोलना चाहिए अब क्या भगवान भी कुछ खास लोगों से ही मिलेंगे। इस तरह लोग इस मामले पर अलग अलग तरह से अपनी प्रतिक्रिया दे रहे हैं। वहीं कुछ लोगों में इसे लेकर निराशा देखी जा रही है।

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