भस्म आरती में बाबा महाकाल के मस्तक पर नजर आया एक और शिवलिंग, हजारों भक्तों ने किए दर्शन

उज्जैन। शुक्रवार की सुबह आज बाबा महाकाल भस्म आरती के दौरान पूजन सामग्री से सजे इस दौरान हजारो भक्तों ने उनके दर्शनो का लाभ लिया और जय श्री महाकाल का उद्घोष भी किया। श्रावण मास के दौरान आज रात्रि 3 बजे बाबा महाकाल भक्तों को दर्शन देने के लिए जागे। इस दौरान बाबा महाकाल की पूजा की शुरुआत भगवान वीरभद्र की आज्ञा लेकर पूजन अर्चन के साथ हुई जिसके बाद चांदी के गेट खोलकर गर्भग्रह में भी पूजन अर्चन शुरू किया गया।
शुक्रवार सुबह बाबा महाकाल की भस्म आरती के दौरान पूजा सामग्री से सजे भव्य आयोजन में हजारों भक्तों ने दर्शन लाभ लिया। श्रावण मास के अवसर पर तड़के 3 बजे बाबा महाकाल भक्तों को दर्शन देने के लिए जागे। पूजन की शुरुआत भगवान वीरभद्र की आज्ञा लेकर की गई, जिसके पश्चात चांदी के द्वार खोलकर गर्भगृह में पूजा-अर्चना आरंभ की गई।
भस्म आरती
महाकालेश्वर मंदिर के पुजारी पं. महेश शर्मा ने बताया कि विश्व प्रसिद्ध श्री महाकालेश्वर मंदिर में श्रावण शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि पर शुक्रवार तड़के 3 बजे भस्म आरती संपन्न हुई। इस दौरान वीरभद्र जी से आज्ञा प्राप्त कर मंदिर के पट खुलते ही पंडे-पुजारियों ने गर्भगृह में स्थित समस्त देवताओं की प्रतिमाओं का पूजन किया। इसके पश्चात भगवान महाकाल का जलाभिषेक दूध, दही, घी, शक्कर, पंचामृत और फलों के रस से किया गया।
पूजन के दौरान प्रथम घंटा बजाकर "हरि ओम" का जल अर्पित किया गया। पुजारियों और पुरोहितों ने बाबा महाकाल का विशेष श्रृंगार किया और कपूर आरती के पश्चात बाबा को नवीन मुकुट, मोगरे एवं गुलाब की माला धारण कराई। इसके बाद महानिर्वाणी अखाड़े की ओर से भगवान महाकाल के शिवलिंग को वस्त्र से ढककर भस्म अर्पित की गई। आज के श्रृंगार की विशेषता यह रही कि श्रृंगार के दौरान एक अन्य शिवलिंग के दर्शन भी हुए। इस दौरान हजारों श्रद्धालुओं ने बाबा महाकाल के दिव्य दर्शन का लाभ लिया, जिससे संपूर्ण मंदिर परिसर "जय श्री महाकाल" के जयघोष से गुंजायमान हो उठा।