जलझूलनी एकादशी पर भगवान गणेश के स्वरूप में सजे बाबा महाकाल, मस्तक पर लगाया वैष्णव तिलक
विश्व प्रसिद्ध श्री महाकाल मंदिर में गणेशोत्सव के दौरान हर दिन भगवान गणेश के स्वरूप में बाबा महाकाल को श्रृंगारित किया जा रहा है। भस्मारती में कभी भांग तो कभी मावे और पूजन सामग्री से श्री गणेश के स्वरूप का निर्माण किया जा रहा है। आज सुबह भस्म आरती में एक बार फिर बाबा महाकाल को श्री गणेश स्वरूप में श्रृंगारित किया गया। जिसके बाद भस्म आरती की गई, जिसका लाभ हजारों श्रद्धालुओं ने लिया।
विश्व प्रसिद्ध श्री महाकालेश्वर मंदिर के पुजारी पंडित महेश शर्मा ने बताया कि भाद्रपद शुक्ल पक्ष की जलझूलनी एकादशी तिथि पर शनिवार को बाबा महाकाल सुबह 4 बजे जागे। भगवान वीरभद्र और मानभद्र की आज्ञा लेकर मंदिर के पट खोले गए। जिसके बाद सबसे पहले भगवान को स्नान, पंचामृत अभिषेक करवाने के साथ ही केसर युक्त जल अर्पित किया गया। बाबा महाकाल के मस्तक पर वैष्णव तिलक लगाकर श्री गणेश के स्वरूप में श्रृंगार किया गया। पुत्र के रूप में बाबा महाकाल का श्रृंगार देखकर श्रद्धालु काफी आनंदित हुए। विशेष श्रृंगार के बाद बाबा महाकाल को नवीन मुकुट धारण कराया गया, इसके बाद महानिर्वाणी अखाड़े की ओर से भस्म अर्पित की गई। श्रद्धालुओं ने नंदी हॉल और गणेश मंडपम से बाबा महाकाल की दिव्य भस्म आरती के दर्शन किए। इस दौरान उन्होंने जय श्री महाकाल और जय श्री गणेश का उद्घोष भी किया।
काशी विश्वनाथ मंदिर के पुजारी ने किए महाकाल दर्शन
उत्तरप्रदेश के वाराणसी में स्थित ज्योतिर्लिंग श्री काशी विश्वनाथ मंदिर के पुजारी श्रीकांत मिश्रा ने श्री महाकालेश्वर भगवान के दर्शन किए। पूजन अजय पुजारी ने संपन्न कराया।
नगद राशि दान दी
श्री महाकालेश्वर मंदिर में पुणे से पधारे भक्त यशवंत सिंह ने रुपये 1 लाख 11 हज़ार 111 की नगद राशि दान की गई। मंदिर प्रबंध समिति की ओर से दर्शन व्यवस्था प्रभारी राकेश श्रीवास्तव द्वारा दानदाता को धन्यवाद ज्ञापित कर दानदाता का सम्मान किया गया व रसीद प्रदान की गई।