बाबा महाकाल की होली की तस्वीरें... भस्म आरती के बाद अर्पित किया गुलाल, मस्तक पर सजा त्रिपुंड

श्री महाकालेश्वर मंदिर में होली का पर्व बड़े ही हर्षोल्लास के साथ मनाया गया। ऐसी मान्यता है कि होलिका अज्ञान और अहंकार को निरूपित करती है, इसलिए अपने जीवन को प्रगति की ओर ले जाना ही कर्मयज्ञ है। जैसे अग्नि समापन का प्रतीक है, वैसे ही रंगोत्सव सृजन का प्रतीक माना जाता है।
इससे पहले श्री महाकालेश्वर मंदिर में पूर्णिमा पर सुबह 4 बजे हुई भस्म आरती के दौरान बाबा महाकाल का पंचामृत पूजन-अभिषेक कर आकर्षक स्वरूप में श्रृंगार किया गया। इस दौरान बाबा महाकाल को त्रिपुंड अर्पित किया गया और भस्म रमाकर व मखाने की माला पहनाकर सजाया गया। इसके बाद हजारों श्रद्धालुओं ने बाबा के दर्शन किए।
श्री महाकालेश्वर मंदिर के पुजारी पंडित महेश शर्मा ने बताया कि फाल्गुन शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा पर आज बाबा महाकाल सुबह 4 बजे जागे। भगवान वीरभद्र और मानभद्र की आज्ञा लेकर मंदिर के पट खोले गए। सबसे पहले भगवान को गर्म जल से स्नान करवाया गया। दूध, दही, शहद, शक्कर और घी आदि पंचामृत से अभिषेक किया गया। प्रथम घंटा बजाकर 'हरि ओम' का जल अर्पित किया गया। पंचामृत पूजन के बाद भगवान महाकाल का त्रिपुंड अर्पित कर आकर्षक श्रृंगार किया गया। भक्तों ने भक्ति में लीन होकर इस दिव्य श्रृंगार के दर्शन किए और 'जय श्री महाकाल' का उद्घोष किया। इसके बाद महानिर्वाणी अखाड़े के द्वारा बाबा महाकाल को भस्म रमाई गई और फिर कपूर आरती की गई।
बाबा महाकाल को अर्पित किया हर्बल गुलाल
श्री महाकालेश्वर मंदिर में बाबा महाकाल को हर्बल गुलाल अर्पित करने से पहले श्री चंद्रमोलेश्वर भगवान, कोटितीर्थ कुंड पर श्री कोटेश्वर-श्री रामेश्वर और सभा मंडप में श्री वीरभद्र को गुलाल अर्पण किया गया।
उज्जैन महाकाल मंदिर की तस्वीरें। - फोटो : अमर उजाला
रतनगढ़ के कथावाचक व आचार्य प्रद्युम्न ने किए दर्शन
रतनगढ़ के कथावाचक मनु श्री महाराज (खाटू श्यामजी की कथा) श्री महाकालेश्वर मंदिर पधारे और बाबा महाकाल के दर्शन किए। उनका पूजन पंडित भारत पुजारी द्वारा करवाया गया। इस दौरान कथावाचक सुलभ शर्मा (जानी गुरुजी) भी उपस्थित रहे। वहीं, पूज्य स्वामी आचार्य प्रद्युम्न महाराज (योग ऋषि स्वामी रामदेव के गुरु) ने भी श्री महाकालेश्वर भगवान के दर्शन किए। श्री महाकालेश्वर मंदिर प्रबंध समिति की ओर से अभिषेक शर्मा द्वारा उनका सम्मान किया गया।
मुकुट, छत्र और नगद दान
महाराष्ट्र से आए अविनाश देशमुख ने श्री महाकालेश्वर भगवान को 50,000 रुपये नगद भेंट किए। श्री महाकालेश्वर मंदिर प्रबंध समिति की ओर से उन्हें विधिवत रसीद प्रदान कर अभिषेक शर्मा व वीरेंद्र शर्मा द्वारा सम्मानित किया गया। उत्तर प्रदेश के फतेहपुर से आए अवधेश कुमार गुप्ता ने बाबा महाकाल को एक रजत (चांदी) मुकुट मय नाग कुंडल भेंट किया। नई दिल्ली से आई भक्त सुश्री सिमरन ने पं. शिवम शर्मा की प्रेरणा से भगवान महाकाल को एक रजत छत्र भेंट किया। इस छत्र का कुल वजन लगभग 1081.00 ग्राम है, जिसे श्री महाकालेश्वर मंदिर प्रबंध समिति द्वारा प्राप्त कर दानदाता का सम्मान किया गया और विधिवत रसीद प्रदान की गई।