नीमच अस्पताल में बड़ी लापरवाही: एंटीबायोटिक इंजेक्शन से 15 बच्चों की बिगड़ी तबीयत

एंटीबायोटिक इंजेक्शन से 15 बच्चों की बिगड़ी तबीयत
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नीमच। जिला अस्पताल में शुक्रवार रात ठंड व कंपकंपी से बचाव के लिए एंटीबायोटिक इंजेक्शन लगाने के बाद 15 बच्चों की तबीयत बिगड़ गई। इससे अस्पताल में अफरातफरी मच गई। छह बच्चों को आइसीयू व तीन को निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया है। शेष शिशु वार्ड में ही भर्ती हैं।

रात लगभग आठ बजे नर्सिंग स्टाफ ने शिशु वार्ड में भर्ती 9 माह से 14 वर्ष तक के इन बच्चों को सेफ्ट्रिएक्सोन इंजेक्शन लगाया था। इन्हें बुखार, सर्दी-खांसी और जुखाम था। इंजेक्शन के बाद उन्हें उल्टी और शरीर में फफोले पड़ गए।

पुलिस और अस्पताल के अधिकारी पहुंचे और स्वजन को समझाइश दी। सूचना पर एडीएम लक्ष्मी गामड़, एसडीएम ममता खेड़े, तहसीलदार संजय मालवीय, सिविल सर्जन महेंद्र पाटिल और टीआई पुष्पा चौहान पुलिस बल के साथ पहुंचे।

जिला अस्पताल संघर्ष समिति के तरुण बाहेती ने बताया कि जिला अस्पताल में आए दिन लापरवाही देखने को मिल रही है। शुक्रवार रात एक साथ 15 बच्चों की तबीयत बिगड़ना बड़ी लापरवाही है।

जिम्मेदारों पर कार्रवाई होना चाहिए। एडीएम लक्ष्मी गामड़ का कहना है कि सभी बच्चे खतरे से बाहर हैं। इंजेक्शन की जांच कराई जाएगी।


जिला अस्पताल में बच्चों की तबीयत बिगड़ने की सूचना पर जिला पंचायत सदस्य व जिला अस्पताल संघर्ष समिति के तरूण बाहेती भी अस्पताल पहुंचे। उन्होंने बताया कि जिला अस्पताल में आए दिन लापवाही देखने को मिल रही है। इसी कड़ी में शुक्रवार रात को एक ही साथ कई बच्चों की तबीयत बिगड़ गई है। यह बहुत ही बड़ी लापरवाही है। जिम्मेदारों पर कार्यवाई होनी चाहिए और इस प्रकार की गलती दोबारा न हो। इसके लिए कोशिश होनी चाहिए।

इंजेक्शन की जांच कराई जाएगी

जिला अस्पताल में बच्चों को इंजेक्शन देने के बाद तबीयत बिगड़ की सूचना पर पहुंच बच्चों को देखा है। इसमें से छह बच्चों को आईसीयू में भर्ती कराया गया है। वहीं तीन बच्चों को स्वजन निजी अस्पताल लेकर गए। फिलहास सभी बच्चे खतरे से बाहर है। बच्चों को दिए गए इंजेक्शन की जांच कराई जाएगी

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