असम राइफल्स पर हमले के बाद मणिपुर के राज्यपाल ने की उच्चस्तरीय बैठक

असम राइफल्स पर हमले के बाद मणिपुर के राज्यपाल ने की उच्चस्तरीय बैठक
X

मणिपुर मणिपुर में असम राइफल्स के काफिले पर हुए घातक हमले के बाद सुरक्षा हालात की समीक्षा के लिए शनिवार को राज्यपाल अजय कुमार भल्ला ने राजभवन में उच्च स्तरीय बैठक बुलाई। इस हमले में दो जवान शहीद हुए और पांच अन्य घायल हो गए। बैठक में संवेदनशील और असुरक्षित क्षेत्रों में सुरक्षा कड़े करने और सभी एजेंसियों के बीच बेहतर तालमेल बनाने पर जोर दिया गया।

बैठक में राज्य सरकार के शीर्ष अधिकारी, पुलिस और अर्धसैनिक बलों के वरिष्ठ अधिकारी मौजूद थे। अधिकारियों ने माना कि इस तरह की घटनाओं को रोकने के लिए खुफिया तंत्र को मजबूत करना और गश्त बढ़ाना जरूरी है। साथ ही, राजमार्गों, सीमावर्ती इलाकों और ट्रांजिट मार्गों पर सुरक्षा और सख्त की जाएगी।

सुरक्षा तंत्र में सुधार की जरूरत

राज्यपाल ने कहा कि इस हमले ने साबित किया है कि सुरक्षा तंत्र में और सुधार की जरूरत है। उन्होंने सभी एजेंसियों से मिलकर काम करने और जल्द से जल्द हमलावरों की पहचान करने का आह्वान किया। उन्होंने शहीद जवानों के परिवारों के प्रति गहरी संवेदना व्यक्त की और कहा कि उनकी बहादुरी और देश सेवा को कभी भुलाया नहीं जाएगा।

शुक्रवार शाम नांबोल सबल लीकाई इलाके में हुए हमले में असम राइफल्स का वाहन निशाना बना था। हमलावरों ने अचानक गोलियां चलाईं, जिससे दो जवान शहीद हो गए और पांच घायल हो गए। अब तक किसी भी संगठन ने इस हमले की जिम्मेदारी नहीं ली है।

शहीद जवानों को दी श्रद्धांजलि

राज्यपाल भल्ला ने बाद में इम्फाल के मण्ट्रिपुखरी गारिसन में शहीद जवानों को श्रद्धांजलि दी। इस दौरान मणिपुर के पुलिस महानिदेशक, बीएसएफ के डीआईजी और सीआरपीएफ के आईजी समेत कई वरिष्ठ अधिकारियों ने भी पुष्पांजलि अर्पित की। उधर, चुराचांदपुर में सैकड़ों लोगों ने शनिवार रात मोमबत्ती मार्च निकालकर शहीद जवानों को श्रद्धांजलि दी। लोगों ने चुपचाप रैली निकालकर हमले की निंदा की और सुरक्षा बलों के साथ एकजुटता जताई।

स्थानीयों का आक्रोश

शनिवार सुबह ग्रामीण पारंपरिक शोक परिधान पहनकर घटनास्थल पर जुटे। लोगों ने नारे लगाए और तख्तियां थामे हिंसा की निंदा की। महिलाओं ने बाद में एक रैली निकाली और भीड़भाड़ वाले इलाके में हुई गोलीबारी पर कड़ा विरोध जताया। प्रदर्शनकारियों ने मांग की कि सुरक्षा बलों पर होने वाले ऐसे हमलों पर रोक लगाई जाए। एक घायल जवान के मुताबिक हम पर अचानक चार-पांच हमलावरों ने गोलीबारी शुरू कर दी। हमने तुरंत जवाबी कार्रवाई नहीं की क्योंकि आसपास आम नागरिक मौजूद थे।

Tags

Next Story