“देश-विदेश के फूलों से सजा माता वैष्णो का दरबार, श्रद्धालुओं के स्वागत के लिए खुले द्वार”

“देश-विदेश के फूलों से सजा माता वैष्णो का दरबार, श्रद्धालुओं के स्वागत के लिए खुले द्वार”
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कटड़ा | आज से शुरू हो रहे शारदीय नवरात्र के चलते माता वैष्णो देवी के भवन को देश-विदेश से आए विशेष फूलों और फलों से सजाया गया है। भवन की दीवारों, गर्भगृह के आसपास और मुख्य मार्ग पर लगी फूलों की झालरें और रंग-बिरंगे गुच्छे माहौल में जीवंतता ला रहे हैं। रोशनी और फूलों से सजावट की गई है। शाम ढलते ही भवन और यात्रा मार्ग रोशनी से जगमग हो उठता है। यह सब देख हर श्रद्धालुओं के मुख से एक ही स्वर गूंज रहा है...प्यारा सजा है तेरा द्वार भवानी। आधार शिविर कटड़ा में चौक-चौराहों पर रंग-बिरंगे स्वागत द्वार बनाए गए हैं।

त्रिकुटा पहाड़ियों पर स्थित माता वैष्णो देवी के भवन को हर साल शारदीय नवरात्र पर जीवंत फूलों से सजाया जाता है। इस बार ऐसा मनमोहक दृश्य है कि अपलक निहारने को आतुरता कम नहीं होती। ऐसी सजावट के बीच माता के दरबार में अगले नौ दिनों तक उत्सव का माहौल रहेगा। माता के प्रथम दर्शन के लिए बड़ी संख्या में श्रद्धालु रविवार को ही आधार शिविर कटड़ा पहुंच गए थे।

50 ट्रक फूल और सात ट्रक फलों से सजा दरबार

भैरव घाटी, प्रवेश द्वार दर्शनी ड्योड़ी आदि की भव्य सजावट में 400 से 500 कारीगर लगाए गए। माता के भवन को सजाने के लिए भारत समेत श्रीलंका, ऑस्ट्रेलिया, न्यूजीलैंड, मारीशस, भूटान, ऑस्ट्रिया,-इंग्लैंड, कनाडा, इटली आदि देशों से गेंदा, गुलाब, चंपा, चमेली के फूल और फल लाए गए हैं। पवित्र नवरात्र में एक ओर जहां 40 से 45 ट्रक फूल लगाए जाते हैं तो वहीं पांच से सात ट्रक देसी-विदेशी फल भी इस्मेमाल होते हैं। लाइटिंग का काम करने में 300 कारीगर दिन-रात लगाए गए।

पूरे यात्रा मार्ग में खुशबू से सराबोर रहेंगे श्रद्धालु

कटड़ा में पहुंचते ही श्रद्धालुओं को देसी-विदेशी फूलों और फलों की खुशबू मिलने लगेगी। आधार शिविर कटड़ा, प्राकृतिक गुफा के बाहर सजावट लुभाने वाली है। यात्रा मार्ग पर एक किलोमीटर मार्ग तक भव्य स्वागत द्वार बने हैं। जगह-जगह देवी-देवताओं की मूर्तियां भी बनाई जा रही हैं।

भवन परिसर में शतचंडी महायज्ञ की तैयारी

हर साल की तरह इस बार भी माता के भवन परिसर में नवरात्र के पहले दिन से श्राइन बोर्ड शतचंडी महायज्ञ कराएगा। यहां हवन और पूजा-अर्चना भी होगी। 51 पंडित हवन-यज्ञ नवरात्र के दौरान निरंतर जारी रखेंगे। श्राइन बोर्ड के सीईओ एवं अन्य वरिष्ठ अधिकारी पूजा कर महायज्ञ का शुभारंभ कराएंगे। श्रद्धालुओं को भी इसमें शामिल हो सकेंगे।

सुरक्षा और भीड़ प्रबंधन के लिए पूरे रास्ते में स्वयंसेवक भी तैनात

श्री माता वैष्णो देवी श्राइन बोर्ड (एसएमवीडीएसबी) ने तीर्थयात्रियों का मार्गदर्शन करने, भीड़ का प्रबंधन करने और करीब 12 किलोमीटर लंबे यात्रा मार्ग पर सुचारू आवाजाही सुनिश्चित करने के लिए स्वयंसेवकों को तैनात किया है। पेयजल, चिकित्सा सहायता सहित अतिरिक्त सुविधाएं भी उपलब्ध कराई गई हैं। श्राइन बोर्ड के सीईओ सचिन कुमार वैश्य ने बताया कि त्योहार के दौरान पुलिस, सीआरपीएफ, अर्धसैनिक बलों और त्वरित प्रतिक्रिया टीमों का बहु-स्तरीय सुरक्षा तंत्र सुनिश्चित किया गया है। उन्होंने बताया कि तीर्थयात्रियों को वैध पहचान पत्र साथ रखने, निर्धारित मार्गों का पालन करने और जमीनी कर्मचारियों के साथ सहयोग करने की सलाह दी गई है।

श्रद्धालुओं का आंकड़ा बढ़ रहा

पिछले पांच दिन से माता के दर्शन करने के लिए श्रद्धालुओं की संख्या बढ़ी है। शनिवार को 4150 श्रद्धालु पहुंचे थे तो रविवार शाम चार बजे तक 6100 श्रद्धालु भवन की ओर प्रस्थान कर चुके थे। नवरात्र में यह आंकड़ा तेजी से बढ़ने की पूरी उम्मीद है। बता दें कि 26 अगस्त को मूसलाधार बारिश के चलते भवन मार्ग पर हुए भूस्खलन के कारण 22 दिन स्थगित रही तीर्थयात्रा 17 सितंबर को पुनः शुरू हुई थी।

दोपहर तक चलती रही हेलीकॉप्टर सेवा

माता के श्रद्धालुओं के लिए हेलीकॉप्टर सेवा रविवार को सुचारू रूप से चलती रही। इससे वरिष्ठ नागरिकों और बच्चों सहित कई श्रद्धालुओं को सुविधा मिली। वहीं भवन से भैरव घाटी तक रोपवे सेवा और आद्कुंवारी से भवन तक बैटरी कार सेवा भी निरंतर जारी रही। इसके चलते श्रद्धालुओं को पैदल चढ़ाई नहीं चढ़नी पड़ी।

त्योहार के दौरान श्रद्धालुओं का स्वागत करने के लिए श्राइन बोर्ड पूरी तरह तैयार है। सुरक्षा समेत सभी व्यवस्थाएं की गई हैं जबकि भवन सहित पूरे ट्रैक को पहले की तरह सजाया गया है और श्रद्धालुओं को बेहतर अनुभव प्रदान करने के लिए अतिरिक्त सीढ़ियां भी बनाई गई हैं।

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