राष्ट्रपति मुर्मू से मिले सिंगापुर के पीएम लॉरेंस वोंग, भारत को अहम साझेदार बताया

राष्ट्रपति मुर्मू से मिले सिंगापुर के पीएम लॉरेंस वोंग, भारत को अहम साझेदार बताया
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नई दिल्ली राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने गुरुवार को कहा कि भारत की एक्ट ईस्ट पॉलिसी और इंडो-पैसिफिक क्षेत्र के विजन में सिंगापुर एक अहम साझेदार है। उन्होंने दोनों देशों के बीच बढ़ते रिश्तों और व्यापक रणनीतिक साझेदारी पर जोर दिया। राष्ट्रपति मुर्मू ने बताया कि सिंगापुर भारत में निवेश का एक बड़ा स्रोत है और यहां सिंगापुर का निवेश लगातार बढ़ रहा है। उन्होंने रक्षा सहयोग का भी जिक्र किया, जिसमें संयुक्त सैन्य अभ्यास और प्रशिक्षण शामिल हैं।

NSA अजीत डोभाल और धर्मेंद्र प्रधान से भी मुलाकात

राष्ट्रपति से मुलाकात के कुछ ही देर पहले प्रधानमंत्री वोंग ने भारत के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल और केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान से मुलाकात की थी। वहीं दिन में उन्होंने भारतीय विदेश मंत्री डॉ. एस. जयशंकर से मुलाकात की और दोनों देशों के बीच संबंधों को मजबूत करने का भरोसा जताया।

राष्ट्रपति मुर्मू ने कहा, 'भारत और सिंगापुर एक-दूसरे के लिए महत्वपूर्ण साझेदार हैं। सिंगापुर भारत की एक्ट ईस्ट पॉलिसी और इंडो-पैसिफिक विजन का भी मुख्य हिस्सा है।' राष्ट्रपति ने बताया कि साल 2025 खास रहेगा क्योंकि उस वर्ष दोनों देशों के बीच राजनयिक संबंधों की स्थापना के 60 साल पूरे होंगे।

हाल ही में दिल्ली में तीसरी भारत-सिंगापुर मंत्री स्तरीय बैठक हुई थी, जिसमें सिंगापुर के विदेश मंत्री विवियन बालाकृष्णन सहित छह वरिष्ठ मंत्री शामिल हुए थे। राष्ट्रपति मुर्मू ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की पिछले साल सिंगापुर यात्रा के दौरान दोनों देशों के रिश्ते व्यापक रणनीतिक साझेदारी में बदले थे। गुरुवार को मोदी और वोंग ने इस साझेदारी के लिए एक रोडमैप भी पेश किया। राष्ट्रपति के अनुसार, गुरुवार को हुए द्विपक्षीय समझौते नए और उभरते क्षेत्रों जैसे ग्रीन इकोनॉमी, अंतरिक्ष, नागरिक उड्डयन, फिन-टेक और कौशल विकास में सहयोग को बढ़ावा देंगे। दोनों नेताओं ने कहा कि उच्चतम राजनीतिक स्तर पर नियमित बातचीत भारत-सिंगापुर रिश्तों की खासियत है और आने वाले समय में ये रिश्ते और मजबूत होंगे।

बीएमसीटी के दूसरे चरण का ऑनलाइन उद्घाटन

पीएम मोदी ने वोंग के साथ जेएन पोर्ट पीएसए टर्मिनल (बीएमसीटी) के दूसरे चरण का ऑनलाइन उद्घाटन किया। इससे टर्मिनल की कुल कंटेनर संभालने की क्षमता 48 लाख टीईयू हो जाएगी। देश का प्रमुख कंटेनर बंदरगाह वैश्विक बाजार के अग्रणी कंपनियों की ओर से संचालित पांच प्रमुख समर्पित कंटेनर टर्मिनल को संभालता है। इनकी गहराई 15+ मीटर है तथा 18,000 टीईयू पोत को संभालने की क्षमता है। जेएनपीए भारत के सभी प्रमुख बंदरगाहों पर 54 प्रतिशत कंटेनरयुक्त माल का संचालन करता है।

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