नड्डा का नेहरू पर हमला, कांग्रेस पर पटेल को इतिहास से मिटाने का आरोप

वडोदरा |भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के अध्यक्ष जेपी नड्डा ने शनिवार को कहा कि कांग्रेस ने सरदार पटेल को इतिहास से मिटाने की बहुत कोशिश की। उन्होंने कहा कि नरेंद्र मोदी सरकार की ओर से बनाए 'स्टैच्यू ऑफ यूनिटी' पर भी कांग्रेस ने इसकी जरूरत और लागत को लेकर सवाल खड़े गए। जेपी नड्डा ने आगे कहा कि कांग्रेस नहीं चाहती थी कि सरकार पटेल को याद किया जाए। जेपी नड्डा वडोदरा के अटलदरा गांव में सरदार वल्लभभाई पटेल की 150वीं जयंती पर आयोजित एकता मार्च को संबोधित कर रहे थे।
'नेहरू की नीतियों की वजह से कश्मीर का मुद्दा उलझा'
उन्होंने कहा कि देश के पहले प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू की नीतियों की वजह से कश्मीर का मुद्दा उलझा रहा, जबकि सरदार पटेल ने आजादी के बाद 562 रियासतों को भारत में मिलाने का मुश्किल काम सफलतापूर्व किया। सरदार पटेल जम्मू-कश्मीर के महाराजा हरि सिंह से शामिल होने पर हस्ताक्षर करा चुके थे, फिर भी नेहरू ने अनुच्छेद 370 लागू किया। नड्डा ने इसे नेहरू की 'ज्यादती' बताया। उन्होंने कहा कि जब हम सरदार पटेल को याद करें, तो यह भी याद रखें कि देश की एकता और मजबूती के लिए किसने काम किया और किसकी वजह से देश कमजोर हुआ।
'प्रधानमंत्री मोदी ने सही मायने में पटेल को सम्मान दिया'
उन्होंने कहा कि सरदार पटेल का 1950 में निधन हो गया था। लेकिन उन्हें भारत रत्न 1991 में मिला। नड्डा ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पटेल को सही मायने में सम्मान दिया। लेकिन जब मोदी सरकार नर्मदा जिले में दुनिया का सबसे ऊंचा पटेल का स्टैच्यू ऑफ यूनिटी बनाने का फैसला किया, तो कांग्रेस ने इसकी लागत पर सवाल उठाए।
'नेहरू की नीति की वजह से अनुच्छेद 370 लागू हुआ'
उन्होंने आगे कहा, कांग्रेस ने पूछा कि इतना पैसा क्यों खर्च किया जा रहा है और जब 182 मीटर ऊंची प्रतिमा बनकर तैयार हुई, तो कांग्रेस नेताओं ने पूछा कि इससे क्या फायदा होगा। नड्डा ने कहा कि जब सरदार पटेल 562 रियासतों को जोड़ रहे थे, तब नेहरू ने कहा था कि जम्मू-कश्मीर पर वह खुद फैसला लेंगे। नड्डा ने आरोप लगाया कि नेहरू की नीति की वजह से अनुच्छेद 370 लागू हुआ, जिससे देश की एकता और अखंडता को नुकसान पहुंचा।
