न किसी की हवा...न लहर,: हरियाणा के रण में जाति ही जीत की गारंटी
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- हरियाणा में लोकसभा चुनाव के रण में टिकट देने से लेकर चुनावी बिसात बिछाने तक में जातीय समीकरण को ही जीत की गारंटी माना जा रहा। इसकी वजह भी है। दस लोकसभा सीटों वाला राज्य बोली और माटी के आधार पर सात बेल्ट में बंटा हुआ है। हर क्षेत्र के जातीय समीकरण अलग हैं और चुनावों में प्रभावी साबित होते रहे हैं।भाजपा से दो जाट प्रत्याशी तो कांग्रेस से भी दो। भाजपा से एक यादव तो कांग्रेस से भी एक। भाजपा से वैश्य तो आम आदमी पार्टी से भी वैश्य...। हरियाणा के रण में जाति का ही जयघोष हो रहा। हालांकि, पीएम मोदी की गारंटी और कांग्रेस की न्याय गारंटी के भी ढोल बज रहे हैं,
- छठे चरण में 25 मई को होने वाले चुनाव में न किसी की हवा है और न लहर। इसलिए, हर सीट और हर बेल्ट के सांचे को देखकर जातीय समीकरण फिट किए जा रहे हैं। ऐसा पहली बार नहीं है। पिछले चुनावों में भी जाट और गैर जाट जातियों के आधार पर चुनावी ताना-बाना बुना जाता रहा है। भाजपा ने दो जाट, दो एससी, दो ब्राह्मण, एक यादव, एक वैश्य, एक पंजाबी और एक गुर्जर को टिकट दिया है। कांग्रेस ने अपने नौ उम्मीदवारों में दो जाट, दो एससी, दो पंजाबी, एक गुर्जर, एक यादव और एक ब्राह्मण को उतारा है।
- इंडिया गठबंधन में कुरुक्षेत्र की सीट आम आदमी पार्टी को मिली है, जहां से वैश्य समाज का उम्मीदवार है। पिछले चुनाव के मुकाबले भाजपा ने छह और कांग्रेस ने सात सीटों पर चेहरे बदल दिए हैं। भाजपा ने करनाल में संजय भाटिया की जगह पूर्व सीएम मनोहरलाल, सांसद से सीएम बने नायब सिंह सैनी की सीट कुरुक्षेत्र में कांग्रेस से आए नवीन जिंदल, सिरसा में सुनीता दुग्गल की जगह अशोक तंवर, बृजेंद्र सिंह के कांग्रेस में चले जाने की वजह से हिसार में ऊर्जा मंत्री रणजीत सिंह चौटाला, अंबाला में रतन लाल कटारिया का निधन हो जाने की वजह से उनकी पत्नी बंतो कटारिया को टिकट दिया है।
न किसी की हवा...न लहर, हरियाणा के रण में जाति ही जीत की गारंटीजिन चार सांसदों को फिर से उतारा गया है, उनमें रोहतक से अरविंद शर्मा, गुरुग्राम से केंद्रीय मंत्री राव इंद्रजीत, फरीदाबाद से केंद्रीय मंत्री कृष्ण पाल गुर्जर और भिवानी-महेंद्रगढ़ से धर्मबीर सिंह हैं। कांग्रेस ने सोनीपत से भूपेंद्र हुड्डा की जगह सतपाल ब्रह्मचारी, करनाल में कुलदीप शर्मा की जगह दिव्यांशु बुद्धिराजा, भिवानी-महेंद्रगढ़ से श्रुति चौधरी की जगह राव दान सिंह और फरीदाबाद से अवतार भड़ाना की जगह महेंद्र प्रताप को को मौका दिया है। कुमारी सैलजा अंबाला से सिरसा आ गई हैं। गुरुग्राम में कैप्टन (रिटायर्ड) अजय यादव की जगह अभिनेता से नेता बने राज बब्बर को उतारा है।
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