थरूर की एक पोस्ट को लेकर सियासी बवाल

थरूर की एक पोस्ट को लेकर सियासी बवाल
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नई दिल्ली। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता शशि थरूर इंटरनेट मीडिया पर उत्तर प्रदेश की आपत्तिजनक परिभाषा देकर भाजपा के निशाने पर आ गए हैं। वायरल हो चुकी इस पोस्ट को थरूर ने शानदार बताते हुए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के संसदीय क्षेत्र वाले उत्तर प्रदेश पेपर लीक होने के मामले पर तंज किया।थरूर की साझा की पोस्ट में पहले एक सवाल किया गया कि उत्तर प्रदेश किसे कहते हैं? इसका जवाब था: एक प्रदेश जहां उत्तर परीक्षा से पहले पता चल जाते हैं। इसके जवाब में भाजपा नेताओं ने उन्हें आदतन आपत्तिजनक टिप्पणी करने वाला करार दिया।


कांग्रेस नेता शशि थरूर इतने पर ही नहीं थमे और उन्होंने 'हैशटैग परीक्षा पर चर्चा' के जरिये प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी पर निशाना साधा, क्योंकि पीएम मोदी परीक्षा शुरू होने से पहले छात्रों से मुलाकात करते हैं। केंद्रीय मंत्री जितिन प्रसाद ने थरूर की पोस्ट का जवाब देते हुए कहा, 'मैं अपने प्रदेश को नीचा दिखाने में कोई हास्य नहीं देखता। ऐसी अभद्र टिप्पणी से उत्तर प्रदेश के अपमान की कड़े से कड़े शब्दों में निंदा की जानी चाहिए।'

इसी तरह भाजपा नेता राजीव चंद्रशेखर ने एक्स पर जवाब दिया कि साथी भारतीयों को नीचा दिखाने की ऐसी शर्मनाक और मूर्खतापूर्ण राजनीति नहीं देखी। कांग्रेस का यही तरीका है। खुद को ग्लोबल सिटिजन बताने वाले थरूर कांग्रेस के एक दूसरे ग्लोबल सिटिजन सैम पित्रोदा की ही तरह हैं, जिन्होंने कुछ दिन पहले भारतीयों को अफ्रीकी, चीनी, पश्चिम एशिया आदि का करार दिया था। उन्होंने कहा कि कांग्रेस के डीएनए में ही श्रेष्ठ होने की ग्रंथि है। इसी तरह भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता सीआर केसवन ने शशि थरूर को आदतन अपराध दोहराने वाला करार दिया।

हरदीप सिंह पुरी ने भी साधा निशाना

भाजपा नेता एवं केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने भी थरूर की पोस्ट पर सवाल उठाते हुए उन पर निशाना साधा। पुरी ने एक्स पर लिखा, 'सचमुच, शशि थरूर, क्या आप इस डिस्कोर्स को इसी स्तर पर ले जाना चाहते हैं? उत्तर प्रदेश न केवल हमारी सभ्यता में योगदान के लिए जाना जाता है, बल्कि इसने असंख्य साहित्यिक दिग्गज, राजनीतिक दिग्गज और उपलब्धियां भी पैदा की हैं।'उन्होंने लिखा, 'विडंबना यह है कि यह उस प्रथम परिवार का भी घर है, जिसे सभी कांग्रेस नेता नमन करते हैं। सर्वोत्तम संस्थानों में शिक्षा प्राप्त करने के विशेषाधिकार के बावजूद, मुझे आश्चर्य है कि आपने पूरे राज्य को इस तरह से रूढ़िवादी, तुच्छ और व्यंग्यपूर्ण बनाना चुना। गंभीर आत्ममंथन की जरूरत है मेरे दोस्त।'


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