पीएम के संबोधन पर विपक्षी वार: ममता ने लिया श्रेय का मुद्दा, AAP ने पूछा- आठ साल तक क्यों?

पीएम के संबोधन पर विपक्षी वार: ममता ने लिया श्रेय का मुद्दा, AAP ने पूछा- आठ साल तक क्यों?
X

नई दिल्ली प्रधानमंत्री नरेंद्र ने रविवार को राष्ट्र के नाम संबोधन में वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) सुधारों को बचत उत्सव बताया। साथ ही इसको लेकर कई अहम बातें भी कही। अब ऐसे में पीएम मोदी के इस संबोधन पर देश की सियासत में बयानबाजी का बाजार गर्म हो गया है। आरोप-प्रत्यारोप की राजनीति अपने चरम पर पहुंच गई है। कांग्रेस के बाद अब पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी समेत कई नेताओं ने इसपर अपनी प्रतिक्रिया दी है। सीएम ममता बनर्जी ने पीएम मोदी के द्वारा जीएसटी सुधार को बचत उत्सव बताने पर श्रेय लेने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि ये कदम राज्य सरकारों की पहल पर उठाया गया, लेकिन अब केंद्र इसे अपनी उपलब्धि के रूप में पेश कर रहा है।

पीएम मोदी पर लगाया श्रेय लेने का आरोप

ममता बनर्जी ने कहा कि हम जीएसटी दरों में कटौती से खुश हैं, भले ही इससे हमें ₹20,000 करोड़ का नुकसान हो रहा है। लेकिन ये कहां तक सही है कि पीएम मोदी इसका पूरा श्रेय ले रहे हैं? ये सुझाव तो हमने ही दिया था। उन्होंने कहा कि जीएसटी काउंसिल की बैठक में राज्य की ओर से दरों में कटौती का सुझाव दिया गया था, जिसमें केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण भी मौजूद थीं।

जीएसटी सुधारों पर अमित शाह ने क्या बोला?

हालांकि विपक्ष के आरोपों के बीच केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने लोगों से दैनिक उपयोग में स्वदेशी उत्पादों को अपनाने का आग्रह किया, जैसा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राष्ट्र के नाम अपने संबोधन में अपील की थी। शाह ने सोशल मीडिया पर जीएसटी बचत उत्सव हैशटैग के साथ एक पोस्ट में कहा कि आप भी अपने दैनिक उपयोग में स्वदेशी उत्पादों को अपना सकते हैं, हर घर को स्वदेशी का प्रतीक बना सकते हैं और एक आत्मनिर्भर राष्ट्र के निर्माण में योगदान दे सकते हैं।

संजय सिंह बोले- आठ साल तक टैक्स का बोझ क्यों डाला गया?

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा जीएसटी सुधारों पर राष्ट्र के नाम संबोधन के बाद आम आदमी पार्टी (आप) के सांसद संजय सिंह ने केंद्र सरकार पर निशाना साधा है। संजय सिंह ने कहा कि आज प्रधानमंत्री मोदी जी जीएसटी के नाम पर तारीफ मांग रहे थे। जब 2017 में जीएसटी लागू हुआ था, तब देश की जनता को बताया गया था कि ये अर्थव्यवस्था में बहुत बड़ा क्रांतिकारी बदलाव है।

उन्होंने आगे कहा कि लेकिन पिछले 8 आठ में देश की जनता से करोड़ों रुपये टैक्स के नाम पर वसूले गए। अब सवाल ये है कि अगर आज टैक्स घटाना जरूरी था, तो फिर आठ साल तक लोगों पर टैक्स का बोझ क्यों डाला गया? इसके साथ ही संजय सिंह ने सवाल उठाते हुए कहा कि पहले लोगों से अत्यधिक टैक्स लेकर सरकार ने उन पर बोझ डाला और अब उसी पर अपनी पीठ थपथपाई जा रही है।

क्या बोला महाराष्ट्र कांग्रेस अध्यक्ष?

उधर, महाराष्ट्र कांग्रेस अध्यक्ष हर्षवर्धन सपकाल ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर आठ वर्षों के आर्थिक लूट को नजरअंदाज करते हुए जीएसटी दरों में कटौती का पूरा श्रेय लेने का आरोप लगाया। सपकाल ने कहा कि 2017 में मोदी ने ही भारी जीएसटी दरें लागू कीं, जिससे उद्योग, व्यापारी और आम जनता को भारी नुकसान हुआ। इन वर्षों में जीएसटी वसूली दोगुनी होकर 22 लाख करोड़ रुपये तक पहुंच गई, जिससे सबसे ज्यादा छोटे व्यवसायी और उपभोक्ता प्रभावित हुए।

सपकाल ने कहा कि राहुल गांधी ने इसे ‘गब्बर सिंह टैक्स’ बताया और लगातार इस भारी टैक्स से राहत की मांग की। उन्होंने आरोप लगाया कि पीएम मोदी ने इस निर्णय में वर्षों तक देरी की और आज भी पेट्रोल-डीजल की बढ़ती कीमतों पर चुप्पी साधे हुए हैं।

हालांकि, सपकाल ने मोदी पर स्वदेशी का झूठा प्रचार करने का भी आरोप लगाया, क्योंकि वे विदेशी कारें, घड़ियां, फोन आदि इस्तेमाल करते हैं। उन्होंने सवाल उठाया कि अगर यह बचत उत्सव है, तो पिछले आठ वर्षों का समय ‘लूट उत्सव’ था क्या?

वोट चोरी गद्दी छोड़ नारे का किया जिक्र

इस दौरान सपकाल ने ये भी कहा कि पीएम के भाषण में जोश और आत्मविश्वास नहीं था, जो देश में बढ़ती नाराजगी और ‘वोट चोर, गद्दी छोड़’ के नारे का प्रतिबिंब है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री को जनता को भ्रमित करने के बजाय महंगाई, बेरोजगारी और कृषि संकट पर गंभीरता से ध्यान देना चाहिए।

सचिन सावंत ने पीएम मोदी पर लगाए आरोप

कांग्रेस के महाराष्ट्र प्रवक्ता सचिन सावंत ने कहा कि गुजरात के मुख्यमंत्री रहते मोदी ने जीएसटी का विरोध किया था। उन्होंने सवाल किया कि अगर राहुल गांधी की सलाह को आठ साल पहले माना गया होता तो देश की अर्थव्यवस्था और बेहतर होती। सावंत ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा कि आखिर पिछले आठ वर्षों में जीएसटी बचत उत्सव क्यों नहीं मनाया गया?

इस दौरान सावंत ने यह भी आरोप लगाया कि जबकि पीएम मोदी स्वदेशी और आत्मनिर्भर भारत का आह्वान कर रहे हैं, महाराष्ट्र के मंत्री प्रताप सरनाइक मुख्यमंत्री देवेंद्र फड़नवीस की मौजूदगी में विदेशी ब्रांड टेस्ला की कार खरीद रहे हैं। उन्होंने पूछा कि अगर सरकार खुद पीएम के संदेश को नहीं अपनाएगी तो आम जनता इसे कैसे मानेगी? साथ ही, देश के बढ़ते व्यापार घाटे को देखते हुए क्या स्वदेशी का नारा व्यवहारिक है?

प्रशांत किशोर ने भी पीएम मोदी के भाषण पर जताई नाराजगी

इसके साथ ही बिहार में जन सुराज के संस्थापक प्रशांत किशोर ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के जीएसटी सुधारों पर दिए गए राष्ट्र के नाम संबोधन पर प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कहा कि पिछले 15 वर्षों से मोदी के भाषण सुन रहे हैं, जहां हमेशा कल बदलाव का वादा किया जाता रहा है, लेकिन हकीकत में बहुत कुछ नहीं बदला।

पीके ने बिहार के लोगों के फायदे का किया जिक्र

इस दौरान प्रशांत किशोर ने कहा कि बिहार के लोगों को इस जीएसटी सुधार से खास फायदा नहीं होगा क्योंकि बिहार देश का सबसे गरीब राज्य है। उन्होंने कहा कि कारों पर जीएसटी कम किया गया है, लेकिन बिहार में सिर्फ दो में से एक व्यक्ति के पास कार है। इसलिए, वाहन पर टैक्स कटौती से बिहार के ज्यादातर लोगों को कोई लाभ नहीं मिलेगा। उन्होंने यह भी बताया कि जीएसटी सुधारों का फायदा केवल अमीरों को होगा, जबकि आम जनता को इससे कोई बड़ा फायदा नहीं होगा।

टीएमसी नेता कुणाल घोष ने जीएसटी सुधारों पर पीएम मोदी को घेरा

तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) के नेता कुणाल घोष ने रविवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा किए गए जीएसटी सुधारों पर सवाल उठाया। उन्होंने दावा किया कि इन सुधारों का श्रेय मुख्यमंत्री ममता बनर्जी और उनकी पार्टी को जाता है, जिन्होंने केंद्र को जीएसटी दरों में बदलाव करने के लिए मजबूर किया था, जो पहले जनविरोधी थे।

कुणाल घोष ने कहा कि पहले जीएसटी दरें लोगों के खिलाफ थीं। आम आदमी जिन चीजों का इस्तेमाल करता था, उन पर अधिक जीएसटी लगता था, जबकि अमीरों और बड़े उद्योगपतियों के उत्पादों पर कम जीएसटी था। उन्होंने यह भी कहा कि ममता बनर्जी ने जीएसटी की संरचना के खिलाफ आवाज उठाई और इससे देश भर में विरोध हुआ, जिसके बाद केंद्र को दरों में बदलाव करने के लिए मजबूर होना पड़ा।

उन्होंने आरोप लगाया कि अब केंद्र इन बदलावों का श्रेय लेने की कोशिश कर रहा है, लेकिन सवाल यह है कि क्यों पहले इतनी उच्च दरें लागू की गईं? कुणाल घोष ने कहा कि यह बदलाव ममता बनर्जी और AITC के संघर्ष का परिणाम है, जिन्होंने इस व्यवस्था की खामियों को उजागर किया और केंद्र को सुधार लाने के लिए मजबूर किया।

पीएम मोदी ने अपने 10 साल में भारत को चौथी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बना दिया- राजीव चंद्रशेखर

वहीं दूसरी ओर, भाजपा नेता राजीव चंद्रशेखर ने भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के जीएसटी सुधारों पर राष्ट्र के नाम संबोधन पर प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा कि पिछले दस वर्षों में भारत ने अपार विकास किया है और आज हम दुनिया की चौथी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था हैं। उन्होंने कहा कि मोदी सरकार ने भारत को एक समान बाजार बनाने की जो दृष्टि रखी थी, उसे लागू किया और अब हर व्यक्ति के लिए GST दर 0% से 5% के बीच होगी, जैसा कि पीएम मोदी ने 2016 में वादा किया था। चंद्रशेखर ने यह भी पूछा कि कांग्रेस के 10 वर्षों में यह क्यों नहीं हो सका, जबकि मोदी सरकार ने यह संभव किया।

Tags

Next Story